मैदानी खेल तोड़ रहे दम, खिलाड़ियों को प्रशिक्षण देने के लिए न तो कोच, न प्रशिक्षण केन्द्र

Neither coach nor training center for the players
मैदानी खेल तोड़ रहे दम, खिलाड़ियों को प्रशिक्षण देने के लिए न तो कोच, न प्रशिक्षण केन्द्र
मैदानी खेल तोड़ रहे दम, खिलाड़ियों को प्रशिक्षण देने के लिए न तो कोच, न प्रशिक्षण केन्द्र

डिजिटल डेस्क, नागपुर । शहर पुलिस आयुक्तालय विभाग के स्पोर्ट्स से जुड़े पुलिस जवान देश-विदेश में होने वाली विविध पुलिस खेल स्पर्धाओं में शानदार प्रदर्शन कर पुरस्कार हासिल कर चुके हैं, लेकिन सुविधाओं के अभाव में कई मैदानी खेल दम तोड़ने लगे हैं। इनके लिए खिलाड़ी नहीं मिल पा रहे हैं। कुछ खेलों में तो दूसरे खेलों के खिलाड़ियों को शामिल कर उनसे ही काम चलाया जा रहा है।  शहर पुलिस आयुक्तालय अंतर्गत पुलिस विभाग के खिलाडियों के पास पुलिस लाइन टाकली में खुला मैदान और दर्शक दीर्घा में बैठने के लिए टीनशेड की सुविधा जरूर है, लेकिन शहर के इन खिलाडि़यों को प्रशिक्षण देने के लिए न तो कोच, न उचित सुविधा है। और न ही प्रशिक्षण केंद्र की व्यवस्था है।

इन तमाम दुविधाओं के बावजूद शहर पुलिस आयुक्तालय के ये खिलाड़ी स्वर्ण पदक जीतकर पुलिस महकमे की शान बढ़ा रहे हैं। नागपुर जिले के पुलिस महकमे में मौजूदा समय में 280 खिलाड़ी हैं, जो फुटबाल, हॉकी, बास्केटबॉल, हैंडबाल, रेसलर, बॉक्सर, जूड़ो-कराटे, कबड्डी, खो-खो, क्रिकेट सहित अन्य कई तरह के खेल में पुलिस विभाग के यह खिलाड़ी बेहद उम्दा प्रदर्शन कर नागपुर जिले की पुलिस का नाम पूरे राज्य में भले ही रोशन करते आ रहे हों, लेकिन इन खिलाड़ियों को प्रैक्टिस करने के लिए कोई निर्धारित जगह पिछले 35 सालों में नहीं बन पाई।

डाइट के लिए मिलते हैं 175 रुपए 
सूत्रों के अनुसार जब स्पर्धा शुरू रहती है, तब डाइट के लिए प्रतिदिन 175 रुपए दिए जाते हैं। कई बार बंदोबस्त होने पर पुलिस स्टाफ की कमी के कारण इन खिलाड़ियों को बंदोबस्त में भेज दिया जाता है। इसका उनके अभ्यास पर असर पड़ता है। मैदानी प्रतियोगिता, जिसमें हॉकी, फुटबॉल, वालीबॉल, कबड्डी सहित अन्य कई खेल शामिल होते हैं। यह खेल पुलिस आयुक्तालय स्तर पर पुलिस कर्मी खेलते हैं। पुलिस महासंचालक स्तर पर धनुर्विद्या जैसी अन्य प्रतियोगिता में पुलिस खिलाड़ी हिस्सा लेते हैं। शहर में पुलिस महासंचालक की ओर से संचालित होने वाली महाराष्ट्र पुलिस टीम के खिलाड़ी नागपुर की पुलिस लाइन टाकली स्थित आर्चरी में धनुर्विद्या का पूर्वाभ्यास कर रहे हैं।  महिलाएं और पुरुष शामिल हैं। 

कर्ज लेकर खरीदी धनुर्विद्या के लिए किट 
पुलिस लाइन टाकली मैदान पर इन दिनों पुलिस महासंचालक अंतर्गत खेल स्पर्धाओं में शामिल होने वाले राज्यभर से करीब 13 खिलाड़ियों का आर्चरी में धनुर्विद्या का प्रशिक्षण शुरू है। आर्चरी के प्रमुख भारतसिंह ठाकुर का कहना है कि, इनको प्रशिक्षण देने वाले शिक्षक हैं। इनके लिए जो सुविधाएं चाहिए, वह इन्हें मिल रही हैं। सूत्रों के अनुसार धनुर्विद्या का पूर्वाभ्यास करने वाले 13 खिलाड़ियों को शासन की ओर से एक ही किट दी गई है। इसकी कीमत करीब 5 लाख रुपए है। खिलाड़ियों की मानें तो कुछ खिलाड़ियों ने खुद ही किट कर्ज लेकर खरीदी  है। कुछ खिलाड़ी दान में मिली आर्चरी से पूर्वाभ्यास करते हैं। आर्चरी काफी महंगा है। इस पर धनुर्विद्या का अभ्यास करना आसान कार्य नहीं है।  

पुलिस विभाग में 280 खिलाड़ी 
सूत्रों के अनुसार पुलिस आयुक्तालय अंतर्गत पुलिस खेल स्पर्धाओं में करीब 140 महिला-पुरुष खिलाड़ी खेलते हैं। ग्रामीण पुलिस विभाग में पुलिस खिलाड़ियों की संख्या 140 है। पुलिस आयुक्तालय अंतर्गत पुलिस स्पर्धाओं के इन खिलाड़ियों के लिए न तो कोच की सही ढंग से सुविधा है। और न ही प्रशिक्षण केंद्र है। कुछ खिलाड़ियों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि, प्रशिक्षक के नाम पर सीनियर खिलाड़ी ही कोच की भूमिका निभाते हैं।  वहीं, दूसरे खिलाड़ियों को प्रशिक्षित करने का काम करते हैं। इन खिलाड़ियों के लिए सुविधा के नाम पुलिस लाइन टाकली में खेल मैदान और दर्शकों के बैठने के लिए टीनशेड की व्यवस्था है। नागपुर जिले में पुलिस विभाग के लिए 280 पुलिस खिलाड़ी हैं। इनमें महिला व पुरुष खिलाड़ी शामिल हैं।

जंगल में गुम हो जाते हैं तीर
आर्चरी में प्रैक्टिस करते समय पुलिस विभाग के इन निशानचियों के तीर कई बार से निशाने से भटक जाते हैं और आस- पास के जंगल में गुम हो जाते हैं। कई बार टारगेट को भेदकर किसी पेड़ से टकराकर टूट जाते हैं। यह तीर काफी महंगे होते हैं। एक तीर की गति एक सेकंड में करीब 360 फीट की होती है। खेल स्पर्धा के समय खिलाड़ी को अलग-अलग रेंज से निशाना लगाना होता है।  

34 हजार रुपए दर्जन मिलता है एरो
पुलिस लाइन टाकली स्थित आर्चरी में इन दिनों पुलिस महासंचालक की स्पोर्ट्स टीम की धनुर टीम प्रैक्टिस कर रही है। इस प्रैक्टिस के समय लगने वाले ऐरो काफी महंगे हैं। सूत्रों के अनुसार एक दर्जन एरो की कीमत करीब 34 हजार रुपए है। आर्चरी में इन दिनों इंडियन आर्चरी (नेशनल लेवल की प्रतियोगिता में हिस्सा लेने वाले खिलाड़ी इस धनुर से प्रशिक्षण लेते हैं), कंपाउंड (ओलंपिक खेल को छोड़कर कोई भी खिलाड़ी इससे प्रैक्टिस करते हैं) और रिकव (यह धनुर सभी तरह के खेल में चलता है) आर्चरी से  पुलिस खिलाड़ी प्रैक्टिस कर सकते हैं। कुछ खिलाड़ियों के एरो टूट गए हैं। एक ऐरो की कीमत करीब साढे 3 हजार रुपए तक होती है। 

बातचीत करने से डरते हैं खिलाड़ी
कुछ खिलाड़ियों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि, अब तो साहब समस्या के बारे में शिकायत करने पर भी डर लगता है। शिकायत करने वाले को शहर से दूर भेज दिया जाता है। जो खिलाड़ी नागपुर में रहकर प्रैक्टिस करता है, उसे दूसरी जगह जाकर खेलने में काफी परेशानी होती है। नागपुर जिले में अपना नाम ऊंचा करने वाले पुलिस विभाग के यह स्पोर्ट्स मैन अपनी अब पहचान को बरकरार रखने के लिए अपने स्तर पर तैयारी करते रहते हैं। इनके लिए कोई विशेष इंतजाम नहीं है, जहां जाकर यह पूरी आजादी के साथ प्रैक्टस कर सकें।

सब सुविधाएं हैं
पुलिस लाइन टाकली में बने आर्चरी में इन दिनों धनुर्विद्या के खिलाड़ी प्रैक्टिस कर रहे हैं। पुलिस खिलाड़ियों के लिए सभी सुविधाएं हैं, उन्हें जो चाहिए, वह सुविधाएं मुहैया कराई जाती हैं। 
-भारतसिंह ठाकुर , प्रमुख, आर्चरी पुलिस मुख्यालय, नागपुर शहर  

Created On :   29 Jan 2020 1:15 PM IST

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