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कंगाल मनपा के लिए नई चुनौती, खाली खजाने को खर्च करने की तैयारी
डिजिटल डेस्क, नागपुर। वर्क ऑर्डर जारी करने के बाद भी जो काम शुरू नहीं किए गए, उसे मनपा आयुक्त के स्तर से लगाई रोक को हटा दिया गया है। आयुक्त के स्तर से विकास कार्यों को ब्रेक लगाने पर नगरसेवकों में बेचैनी थी। इस विषय पर मनपा की आमसभा में प्रस्ताव लाया गया। सदन में विकास कार्यों से रोक हटाने की मांग करने पर सदन की भावनाओं से सहमत होकर महापौर ने वर्क ऑर्डर जारी किए गए काम शुरू करने के आदेश दिए। मनपा आर्थिक तंगी से गुजर रही है। इस स्थिति से निपटने के लिए जो काम चल रहे हैं, उसे चालू रख नए कार्यों पर रोक लगा दी। इसमें वर्क ऑर्डर जारी होेकर भी जो काम शुरू नहीं हुए, उसे रोक दिया। आयुक्त के आदेश से नगरसेवकों में खलबली मच गई। आमसभा में इस विषय पर प्रस्ताव लाकर आयुक्त से जवाब मांगा गया। जवाब में आयुक्त ने कहा कि मनपा पर 498.51 करोड़ के बिल बकाए हैं। 423.3 करोड़ के काम मंजूर है। जो वसूली आना अपेक्षित है, उसमें से राज्य सरकार, केंद्र सरकार के प्रकल्पों में सहभागी राशि का भुगतान, मनपा के पीपीपी पर प्रकल्पों के खर्च का वहन करना अनिवार्य है। जो विकास कार्य चल रहे हैं, उसे रोका नहीं जा सकता। इसलिए नए कार्यों पर रोक लगाना अनिवार्य है। आयुक्त के स्पष्टीकरण पर सदस्य संतुष्ट नहीं हुए। विकासकार्यों पर लगाई रोक हटाने की सदस्यों ने आग्रह किया। सदस्यों के आग्रह पर महापौर ने जिन िवकास कार्यों के ऑर्डर जारी किए गए हैं, उस पर से लगाई गई रोक हटाकर काम शुरू करने के आदेश दिए। सदस्यों ने सवाल किया कि इससे पहले भी मनपा की आर्थिक स्थिति कमोबेश ऐसे ही रही है। कभी भी विकास कार्यों पर रोक नहीं लगाई गई। इस सवाल के जवाब में आयुक्त ने आर्थिक वर्ष के जमा, खर्च का लेखा-जोखा पेश किया। आयुक्त के जवाब से नगरसेवक संतुष्ट नहीं हुए। उन्होंने पिछले 12 वर्ष की आर्थिक स्थिति प्रस्तुत करने की मांग की। आयुक्त ने तत्काल रिपोर्ट पेश करने में असमर्थतता जताई। इसके लिए महापौर ने उन्हें 30 दिन का समय दिया।
टैक्स पर ब्याज माफी से आयुक्त का इनकार
संपत्ति और जलापूर्ति की अनाप-शनाप बिल में दुरुस्ती तथा बकाया टैक्स पर ब्याज माफी के विषय पर प्रशासन की ओर से बिल में दुरुस्ती करने का मान्य किया। टैक्स पर ब्याज माफी से आयुक्त ने साफ इनकार किया। उन्होंने मनपा की आर्थिक तंगी के चलते ब्याज माफ करना या इसमें छूट नहीं देने की अपनी भूमिका रखी। इस विषय पर कर निर्धारण व कर वसूली विभाग समिति ने ब्याज माफ करने का निर्णय लिया था। जिससे आयुक्त ने असहमति व्यक्त की। इस विषय पर चर्चा में सहभागी सदस्यों ने डिमांड नहीं मिलने से टैक्स बकाया बढ़ने का मुद्दा उपस्थित किया। उसी पर ब्याज लगाकर नागरिकों की जेब पर बोझ बढ़ाकर वसूल किए जाने पर आपत्ति दर्ज की। यह अधिकार आयुक्त के अधिकार क्षेत्र में आने से महापौर ने सभी समितियों के सभापति, सत्तापक्ष, विपक्ष के नेता और वरिष्ठ सदस्यों की विशेष बैठक बुलाकर आयुक्त के साथ चर्चा कर इस विषय पर उचित हल निकालने का सदन काे आश्वस्त किया।
पिंटू झलके के हाथ में मनपा की तिजोरी
मनपा तिजोरी की चाबी यानी अगले स्थायी समिति सभापति विजय (पिंटू) झलके होंगे। नये सभापति के लिए उनका नाम लगभग तय होने का दावा किया गया है। सभागृह में गुरुवार को भाजपा की ओर से नये 8 सदस्य और कांग्रेस की तरफ से एक सदस्य के नाम की चिट्ठी महापौर संदीप जोशी को दी गई। स्थायी समिति के लिए नये सदस्यों के लिए भाजपा की ओर से विजय (पिंटू) झलके, प्रमोद कवरती, खान नसीम बानो मो. इब्राहिम, प्रमिला मथरानी, अनिल गेंडरे, राजेश घोडबागे, विशाखा बांते व विक्रम ग्वालबंसी होंगे। जगदीश ग्वालबंशी के निधन से रिक्त हुई सीट पर विक्रम ग्वालबंशी की नियुक्ति की गई है। उधर, कांग्रेस की ओर से आयशा नेहर-उईके का नाम दिया। फिलहाल पिंटू झलके मनपा जलप्रदाय समिति के सभापति है। झलके की स्थायी समिति पर नियुक्ति किए जाने से जलप्रदाय समिति सभापति सहित सभी विषय समितियों के नये सिरे से चुनाव भी जल्द होने की संभावना जताई गई है। मौजूदा मनपा स्थायी समिति के सभापति प्रदीप पोहाणे की अध्यक्षता वाली स्थायी समिति का कार्यकाल 1 मार्च को खत्म होने जा रहा है। 16 सदस्यीय स्थायी समिति में से 8 सदस्य एक मार्च के पहले निवृत्त होंगे। इन निवृत्त सदस्यों की जगह 8 नये सदस्यों की नियुक्ति को मंजूरी दी गई है। शेष अन्य 8 सदस्यों से संबंधित पार्टियां इस्तीफा लेकर नये 8 सदस्यों की नियुक्ति करेगी। इसमें भाजपा कोटे के 5, कांग्रेस से 2 और बसपा से एक सदस्य शामिल होगे। फिलहाल अन्य 8 नये सदस्य कौन होंगे, यह अभी स्पष्ट नहीं किया गया है।
सफाई कर्मचारियों की स्थायी नियुक्ति में बाधा नहीं
2 मार्च को 1800 कर्मचारी होंगे लाभान्वित
मनपा में 20 वर्ष से अधिक सेवा दे चुके सफाई कर्मचारियों को स्थायी नियुक्ति दी जाएगी। मनपा के स्थापना दिवस पर 2 मार्च को 1800 कर्मचारियों को नियुक्ति पत्र दिया जाएगा। शेष कर्मचारियों की नियुक्ति प्रक्रिया निरंतर जारी रखने के आदेश महापौर ने दिए हैं। चुनाव से पहले मनपा के सफाई कर्मचारियों को स्थायी करने राज्य सरकार ने निर्णय लिया। इस प्रक्रिया में लेट-लतीफी पर आमसभा में प्रश्न उपस्थित किया गया। प्रशासन की ओर से स्वास्थ्य अधिकारी (स्वच्छता) डॉ. प्रदीप दासरवार ने बताया कि 1800 फाइलें पूरी हो चुकी हैं। अन्य फाइलों में त्रुटियां रहने से वापस जोन कार्यालयों को भेजी गई हैं। प्रबंधन खर्च 35 प्रतिशत पर लाने के निर्देश से स्थायी आदेश प्रक्रिया रोकी गई है। अस्थायी सफाई कर्मचारियों को स्थायी नियुक्ति देने पर प्रति कर्मचारी को हर माह 700 रुपए अतिरिक्त वेतन भुगतान करना पड़ेगा। मनपा पर अतिरिक्त आर्थिक बोझ पड़ने पर प्रबंधन खर्च बढ़ेगा, इसलिए प्रक्रिया ठंडे बस्ते में पड़ी है। महापौर ने कहा कि 1800 कर्मचारियों को मनपा के स्थापना दिवस पर स्थायी नियुक्ति आदेश दिए जाएंगे। जैसे-जैसे फाइल पूरी होगी, अस्थायी कर्मचारियों को स्थायी नियुक्ति देने की प्रक्रिया जारी रहेगी।
Created On :   21 Feb 2020 5:55 PM IST