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बाजार में नई ऊर्जा, लोगों ने खरीददारी के साथ निवेश भी किया
डिजिटल डेस्क जबलपुर। कोरोना वैक्सीनेशन का आँकड़ा 100 करोड़ पार करने के साथ इस वायरस का प्रभाव अब कम हो गया है। इन हालातों में जिंदगी पटरी पर लौट रही है और कारोबार, व्यापार में सकारात्मक प्रभाव देखने मिल रहे हैं। पाँच दिवसीय दीपावली महोत्सव की शुरुआत के साथ धनतेरस पर मंगलवार को शहर में नई ऊर्जा के साथ लोगों ने खरीददारी की। त्रिपुष्कर योग में तीन गुना लाभ की उम्मीदों के साथ सुबह से ही बाजार गुलजार रहे। लोगों ने ज्वैलरी, स्वर्ण आभूषण जमकर खरीदे तो इलेक्ट्रॉनिक सामान, कपड़े, घरेलू सामान, बर्तन, मोटर साइकिल, स्कूटर, कारें भी मुहूर्त को देखकर खरीदी। इस दौरान रियल स्टेट में भी बीते साल के मुकाबले ज्यादा निवेश करने लोग उत्साहित दिखे। व्यापारियों के अनुसार आज से दो या 3 साल पहले जो हालात थे ठीक वैसी स्थिति तो नहीं लेकिन कोरोना महामारी ने जो नुकसान पहुँचाया है उससे अब उबरने के लायक माहौल बन गया है। गौरतलब है िक शहर में फेस्टिवल सीजन में पुष्य नक्षत्र के बाद धनतेरस में ज्यादा खरीदी होती है और दीपावली तक यह क्रम चलता रहता है।
विवाह के मुहूर्तों ने दिया सहारा -
जानकारों का कहना है िक फेस्टिवल सीजन के साथ बाजार में बीते साल के मुकाबले जो कुछ सुधार होता दिख रहा है उसकी वजह यह है िक नवंबर मध्य से एकादशी के दिन से जो विवाह मुहूर्त हैं उनकी खरीददारी भी साथ में की जा रही है। खासकर गोल्ड, कपड़े और घरेलू जरूरतों की चीजों को इस वजह से भी लोग ले रहे हैं। कोरोना महामारी में जो विवाह टाल दिये गये हैं उनमें से ज्यादातर विंटर सीजन में होना है, इससे भी बाजार को बल मिल रहा है।
80-100 करोड़ तक कारोबार संभव-
सराफा एसोसिएशन से जुड़े पदाधिकारियों के अनुसार इस साल धनतेरस की मध्य रात्रि या उसके बाद तक ही शहर में करीब 80-100 करोड़ रुपए तक कारोबार संभव है। पदाधिकारियों का कहना है िक यह उम्मीद से अधिक रिकवरी है। वैसे बीते एक सप्ताह से इस सेक्टर में लोग खरीददारी कर रहे हैं। शादियों की वजह से भी यह खरीददारी तेज हुई है।
कारों की डिमाण्ड ज्यादा सप्लाई कम -
एक्सपर्ट के अनुसार शहर में ऑटोमोबाइल सेक्टर में खासकर कारों की खरीददारी पर इसलिए असर पड़ा है, क्योंकि इंजन में इस्तेमाल होने वाली चिप कंपनियों को नहीं मिल पा रही है। इससे जितनी डिमाण्ड है उतनी कारों की सप्लाई कंपनियाँ नहीं कर पा रही हैं। जानकारों का कहना है िक फेस्टिवल सीजन में वैसे इस सेक्टर में भी सुधार है इससे इनकार नहीं िकया जा सकता है। फिलहाल बेची गई कार यूनिट्स से अधिक इसकी माँग है।
परंपरा भी बाजार तक खींच लाई -
परंपरा के तहत बर्तनों की खरीददारी धनतेरस में शुभ मानी जाती है। इस दिन बर्तनों के साथ नई ली हुई कोई भी चीज ज्यादा समद्धि और सुख पहुँचाती है। इसी आधार पर बर्तन, घरेलू दैनिक उपयोग में आने वाली वस्तु की खरीदी भी उत्साह के साथ की गई। ऐसे बाजारों में पूरी रौनक देखी गई।
Created On :   2 Nov 2021 9:23 PM IST