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नया इतिहास- पहली बार हिन्दी में हुआ आयोजन, याद रहेगा राष्ट्रपति व शीर्ष न्यायविदों का सान्निध्य
डिजिटल डेस्क जबलपुर । न्यायधानी में उस समय एक नया इतिहास दर्ज हो गया, जब शहर मे आयोजित ऑल इंडिया ज्यूडिशियल एकेडमीज डायरेक्टर्स रिट्रीट के मौके पर पहली बार जबलपुर में राष्ट्रपति के साथ इतनी बड़ी संख्या में शीर्ष न्यायविद एक साथ, एक मंच पर नजर आए। इस आयोजन की विशेष बात यह रही कि पहली बार विधि क्षेत्र का कोई उच्च स्तर का कार्यक्रम पूरी तरह हिन्दी में आयोजित किया गया। राष्ट्रपति ने भी इस कार्यक्रम की तारीफ करते हुए कहा कि मैं देश भर में इस तरह के कार्यक्रम में जाता रहता हूँ, लेकिन हिन्दी में ऐसा सुव्यवस्थित कार्यक्रम पहली बार हुआ है। समारोह में शामिल होने वाले न्याय विदों ने भी कहा कि सदैव स्मृतियों में रहेगा यह सुखद पल...। इसके पूर्व लगभग 14 साल पहले हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के कार्यक्रम में तत्कालीन राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम जबलपुर आ चुके हैं। इस कार्यक्रम में सीजेआई सहित सुप्रीम कोर्ट के चार न्यायाधीश जबलपुर आए थे। यह पहला अवसर है कि जब जबलपुर में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के साथ सीजेआई शरद अरविंद बोबडे, सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस एनवी रमना, जस्टिस अशोक भूषण, हेमंत गुप्ता और एस. रविन्द्र भट्ट ने कार्यक्रम में शिरकत की। इसके साथ ही पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस आरएस झा, कर्नाटक हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस अभय श्रीनिवास ओका, पटना हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस संजय करोल, बॉम्बे हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस दीपांकर दत्ता, मेघालय हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस विश्वनाथ सोमद्दर और जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस पंकज मिथल भी शामिल हुए। इस कार्यक्रम में देश की 24 न्यायिक अकादमियों के डायरेक्टर्स भी शामिल हुए। इस कार्यक्रम की पूरी रूपरेखा चीफ जस्टिस मोहम्मद रफीक, प्रशासनिक न्यायाधीश जस्टिस प्रकाश श्रीवास्तव, जस्टिस सुजय पॉल, सहित हाईकोर्ट के अन्य न्यायाधीशों के साथ मप्र राज्य न्यायिक अकादमी के डायरेक्टर रामकुमार चौबे ने तैयार की थी।
राष्ट्रपति व न्यायाधीशों ने दिया हिन्दी में भाषण
ऐसा पहली बार हुआ है कि जब ऑल इंडिया ज्यूडिशियल एकेडमीज डायरेक्टर्स रिट्रीट में राष्ट्रपति के साथ ही सीजेआई, राज्यपाल, मप्र हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस, प्रशासनिक न्यायाधीश ने हिन्दी में ही अपने विचार रखे। इसके साथ ही कार्यक्रम का संचालन भी हिन्दी में ही किया गया। पूर्व में उच्च स्तर के न्यायिक कार्यक्रमों का आयोजन अंग्रेजी में ही किया जाता था।
Created On :   8 March 2021 2:11 PM IST