राजमार्ग निर्माण को आसन बनाने के लिए एनएचबीएफ द्वारा दिये गये 25 सुझावों से एनएचएआई सहमत
डिजिटल डेस्क, दिल्ली। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय राजमार्ग निर्माण को आसन बनाने के लिए एनएचबीएफ द्वारा दिये गये 25 सुझावों से एनएचएआई सहमत बाधाओं को दूर करने एवं राजमार्ग निर्माण की परियोजनाओं की गति बढ़ाने के उद्देश्य से एनएचएआई ने नेशनल हाइवेज बिल्डर्स फेडरेशन (एनएचबीएफ) द्वारा दिये गये परियोजनाओं को पूरा करने से संबंधित अधिकांश सुझावों से सहमति जतायी है। ये सुझाव नौ क्षेत्रों से जुड़े थे, जिनमें कोविड राहत, निविदा प्रक्रिया, अनुबंध प्रबंधन, पुराने एवं नये मॉडल ईपीसी समझौते, हाइब्रिड एन्यूटी मॉडल (एचएएम) के रियायत समझौते में सुधार, बीओटी (टोल) आधारित रियायत समझौते में सुधार तथा परियोजना की तैयारी शामिल थी। एनएचएआई ने जानकारी दी है कि समस्याओं के उचित निवारण के लिए उनके द्वारा एनएचबीएफ के सुझावों पर विचार किया गया और प्राधिकरण ने खुद से जुड़े 25 सुझावों पर सहमति व्यक्त की। एनएचएआई ने भविष्य में भी सभी अच्छे सुझावों पर सकारात्मक रूप से विचार करने का आश्वासन दिया है। एनएचएआई ने आगे बताया है कि नीतिगत मामलों से संबंधित अन्य सुझावों को सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के पास विचार के लिए भेजा गया है। एनएचएआई द्वारा स्वीकार किए गए कुछ प्रमुख सुझाव नीचे दिए गए हैं:कोविड राहत के संबंध में, ठेकेदार/रियायत पाने वाले को बिना किसी लागत या जुर्माने के निर्माण अवधि में परियोजना निदेशक द्वारा 3 महीने तक का और क्षेत्रीय अधिकारी द्वारा तीन महीने से अधिक और छह महीने तक का विस्तार दिया जाएगा। निविदा के समय, निविदाकर्ता को सड़क की स्थिति का आकलन करने में सक्षम बनाने के लिए एनएचएआई निविदाकर्ता को डीपीआर के साथ उपलब्धता के अनुसार नेटवर्क सर्वेक्षण वाहन (एनएसवी) /लीडर डेटा प्रदान करेगा। डीपीआर सलाहकारों द्वारा एकत्र किये गये सर्वेक्षण के सभी आंकड़ों को डेटा लेक के जरिए एक मंच के तले एजेंसियों को उपलब्ध कराया जायेगा। वेंडरों को समय पर भुगतान एवं उनकी निगरानी सुनिश्चित करने के लिए, परियोजना भुगतान से संबंधित बिल पीएमएस/डेटा लेक पोर्टल के माध्यम से जमा किये जायेंगे। एनएचएआई का कहना है कि उसने अतीत में रियायत पाने वालों, ठेकेदारों एवं सलाहकारों की मदद करने के लिए समय–समय पर कई कदम उठाये हैं, जिससे सड़क क्षेत्र के निविदाकर्तों में विश्वास भी पैदा हुआ है। मार्च 2020 में, एनएचएआई ने ऑनलाइन भुगतान के माध्यम से 10,000 करोड़ रुपये का भुगतान किया और यह सुनिश्चित किया कि लॉकडाउन के दौरान कार्यालय बंद रहने के कारण कोई भी भुगतान लंबित न रहे। चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में, एनएचएआई ने वेंडरों को 15,000 करोड़ रुपए से अधिक राशि का भुगतान किया। इसके अतिरिक्त, ठेकेदारों को नकद प्रवाह सुनिश्चित करने के लिए उन्हें मासिक भुगतान जैसे कदम उठाये गये। प्राधिकरण ने कहा कि इस किस्म के कदमों का सड़क क्षेत्र के विकास में सकारात्मक असर हुआ।
Created On :   26 Sept 2020 1:42 PM IST