NIA ने जम्मू एयरफोर्स स्टेशन ड्रोन अटैक केस में एफआईआर दर्ज की, आज ही गृह मंत्रालय ने जांच सौंपी थी

NIA takes over probe of Jammu Air Force Station drone attack case, files FIR
NIA ने जम्मू एयरफोर्स स्टेशन ड्रोन अटैक केस में एफआईआर दर्ज की, आज ही गृह मंत्रालय ने जांच सौंपी थी
NIA ने जम्मू एयरफोर्स स्टेशन ड्रोन अटैक केस में एफआईआर दर्ज की, आज ही गृह मंत्रालय ने जांच सौंपी थी
हाईलाइट
  • कई धाराओं में मामला दर्ज किया
  • जम्मू एएफएस ड्रोन हमले की जांच में जुटी एनआईए

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। जम्मू में वायुसेना स्टेशन (एएफएस) पर ड्रोन हमले के मामले में एनआईए ने मंगलवार को फिर से एफआईआर दर्ज की। गृह मंत्रालय ने इस मामले की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को सौंपी थी जिसके कुछ घंटों बाद ही ये एफआईआर दर्ज की गई है। विस्फोटक पदार्थ अधिनियम, गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम और भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की कई धाराओं के तहत ये मामला दर्ज किया गया है।

हालांकि, जम्मू-कश्मीर पुलिस ने पहले ही इस मामले में गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम के तहत FIR दर्ज कर ली थी और इसकी जांच शुरू कर दी थी। प्रारंभिक जांच के आधार पर दोनों हमलों को "सुनियोजित साजिश" कहा गया था। FIR में कहा गया था कि साजिश "राष्ट्रीय हवाई संपत्ति" को निशाना बनाने और देश की "राष्ट्रीय सुरक्षा" को चुनौती देने के लिए की गई है। 

एनआईए के एक प्रवक्ता ने कहा कि एनआईए घटना के तुरंत बाद से अन्य एजेंसियों के साथ काम कर रही है। एनआईए की एक टीम ने रविवार को घटनास्थल से सैंपल लेने के लिए घटनास्थल का दौरा किया था। बता दें कि देश में अपनी तरह के पहले आतंकवादी हमले में, 26-27 जून की मध्यरात्रि में जम्मू एयरफोर्स स्टेशन पर विस्फोटक गिराने के लिए दो ड्रोन का इस्तेमाल किया गया था। उच्च सुरक्षा वाले एयरफोर्स स्टेशन पर पांच मिनट के अंतराल में लगातार दो विस्फोट हुए, जिसमें तकनीकी क्षेत्र में ड्यूटी पर तैनात दो सुरक्षाकर्मी घायल हो गए थे। 

रात 1.37 बजे और 1.42 बजे हुए दो बैक-टू-बैक विस्फोटों के बाद एक इमारत की छत क्षतिग्रस्त हो गई थी। हमले में कोई कीमती उपकरण क्षतिग्रस्त नहीं हुआ था। वायुसेना स्टेशन पाकिस्तान के साथ अंतर्राष्ट्रीय सीमा (आईबी) पर निकटतम बिंदु से लगभग 14-15 किमी दूर है। जम्मू क्षेत्र में आईबी और नियंत्रण रेखा (एलओसी) के भारतीय हिस्से में अब तक पाकिस्तान से एक ड्रोन सबसे दूर 12 किमी तक आया है।अधिकारियों ने कहा कि वायुसेना स्टेशन पर हमला करने के लिए मानव रहित हवाई वाहनों (यूएवी) के इस्तेमाल के पीछे पाकिस्तान स्थित आतंकवादियों का हाथ होने का संदेह है।

वायुसेना स्टेशन पर हमला जम्मू-कश्मीर पुलिस द्वारा जम्मू में लगभग 5 किलोग्राम वजन वाले तात्कालिक विस्फोटक उपकरण (आईईडी) के साथ लश्कर-ए-तैयबा के एक कथित ऑपरेटिव को गिरफ्तार करने के कुछ घंटों बाद हुआ था।

Created On :   29 Jun 2021 6:00 PM GMT

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