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एनआईटी उदासीन, अब मनपा शुरू करेगी गुंठेवारी कार्यालय
डिजिटल डेस्क, नागपुर। राज्य सरकार ने नागपुर सुधार प्रन्यास बर्खास्त करने का निर्णय लिया है। निर्णय अनुसार महानगरपालिका को संपत्ति और सभी कामकाज हस्तांतरित करना होगा। लेकिन नागपुर सुधार प्रन्यास द्वारा इसे लेकर उदासीनता बरती जा रही है। इसे लेकर मनपा सभागृह में सदस्यों ने नासुप्र पर अपनी नाराजगी जताई। नाराजगी को देखते हुए महापौर संदीप जोशी ने कहा कि सरकारी निर्णय के बाद भी नासुप्र फाइल भेजने में आनाकानी कर रही है। नासुप्र के अधिकारी गंभीरता नहीं दिखा रहे हैं। निर्देश देते हुए जोशी ने कहा कि आगामी महीने भर में मनपा में गुंठेवारी कक्ष तैयार किया जाए। इससे पहले नासुप्र-मनपा के अधिकारियों सहित विश्वस्तों की बैठक ली जाए। मनपा आयुक्त इसका फालोअप करें।
महल स्थित टाउन हॉल में मनपा की आमसभा आयोजित की गई थी। पूर्व महापौर व वरिष्ठ नगरसेवक प्रवीण दटके ने पूछा कि नागपुर सुधार प्रन्यास से नागपुर महानगरपालिका को कौन-कौन से कार्य, योजना हस्तांतरित किए गए हैं। नासुप्र के अधिकार क्षेत्र में कुल फाइलों में से सिर्फ 5,600 फाइल मनपा के नगररचना विभाग को भेजी गई हैं। इस विभाग में जिनके आवेदन आते हैं, वह फाइल नासुप्र द्वारा भेजी नहीं जाती। मनपा के पास मनुष्य बल नहीं, व्यवस्था नहीं है। विभाग द्वारा अब तक 531 में से 385 डिमांड भेजे गए हैं। इससे 6 करोड़ 93 लाख का राजस्व प्राप्त हुआ है। श्री दटके ने पूछा कि शेष फाइल नासुप्र से कब मांगी जाएगी। नासुप्र की उदासीनता के कारण नागरिकों सहित जनप्रतिनिधि को भी दोनों विभाग में चक्कर काटने पड़ रहे हैं। सतीश होले, विक्की कुकरेजा, विरोधी पक्षनेता तानाजी वनवे, एड. धर्मपाल मेश्राम, पिंटू झलके आदि सदस्यों ने चर्चा में हिस्सा लेकर सवाल उपस्थित किए।
समिति का गठन हो
नासुप्र की उदासीनता के कारण पट्टा वितरण में भी बड़े पैमाने पर अड़चनें आ रही हैं। महानगरपालिका फाइल के लिए नासुप्र में आवेदन करती है और फाइल नहीं आ रही हैं, तो इसका क्या मतलब है। इस बाबत महापौर की अध्यक्षता में समिति गठित की जाए। लोगों को परेशानी न हो, इसका ध्यान रखा जाए। - प्रवीण दटके, वरिष्ठ नगरसेवक
बस रही हैं नई बस्तियां
अनधिकृत अभिन्यास (ले-आउट) पर किसी का भी नियंत्रण नहीं है। अभी भी अनधिकृत बस्तियां बस रही हैं। शहर के सीमावर्ती क्षेत्र में यह समस्या बड़े पैमाने पर है। ऐसे सभी को नोटिस देकर यह मामले रोके जाएं। अन्यथा उनसे विकास शुल्क लिया जाए। - मनोज सांगोले, नगरसेवक कांग्रेस
कर्मचारियों को मनपा देगी वेतन
मनपा ने नासुप्र से कर्मचारियों की मांग की है। उनके वेतन भी मनपा ही देगी, यह गारंटी दी है। नासुप्र कर्मचारियों को तत्काल हाजिर रहना आवश्यक है। अधिकारी इस मामले में गंभीर नहीं है। मनपा सभागृह की तीव्र नाराजगी से नासुप्र सभापति को अवगत कराया जाए। एक महीने के अंदर आयुक्त मनपा में गुंठेवारी कक्ष शुरू करें। 31 जनवरी के पहले मनपा, नासुप्र के अधिकारी सभी गटनेता, विश्वस्त और सभागृह के सदस्य आदि के साथ बैठक आयोजित करें। मनपा आयुक्त इस संबंध में पहल करे। - संदीप जोशी, महापौर
Created On :   21 Jan 2020 12:21 PM IST