नितेश राणे को हाईकोर्ट से भी नहीं मिली अग्रिम जमानत, 27 जनवरी तक गिरफ्तारी से राहत

Nitesh Rane did not get anticipatory bail even from High Court, relief from arrest till January 27
नितेश राणे को हाईकोर्ट से भी नहीं मिली अग्रिम जमानत, 27 जनवरी तक गिरफ्तारी से राहत
सुप्रीम कोर्ट जाएंगे भाजपा विधायक  नितेश राणे को हाईकोर्ट से भी नहीं मिली अग्रिम जमानत, 27 जनवरी तक गिरफ्तारी से राहत

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बांबे हाईकोर्ट ने सोमवार को भारतीय जनता पार्टी के विधायक व केंद्रीय मंत्री नारायण राणे के बेटे नितेश के अग्रिम जमानत आवेदन को खारिज कर दिया है। इस तरह से नितेश को हाईकोर्ट में कड़ा झटका लगा है।  नितेश पर एक शिवसेना कार्यकर्ता पर हमले को लेकर हत्या के प्रयास के आरोप में मामला दर्ज है। इससे पहले सिंधुदुर्ग की कोर्ट ने भी इस मामले में नितेश को अग्रिम जमानत देने से मना कर दिया था। लिहाजा नितेश ने हाईकोर्ट में जमानत के लिए आवेदन दायर किया था। जिसे न्यायमूर्ति सीवी भगंड ने खारिज कर दिया। हालांकि न्यायमूर्ति ने इसी प्रकरण से जुड़े दूसरे आरोपी मनीष दलवी को सशर्त जमानत प्रदान की है। अब नितेश के पास सिर्फ सुप्रीम कोर्ट जाने का विकल्प बचा है। 

जमानत आवेदन खारिज होने के बाद नितेश की ओर से पैरवी कर रहे अधिवक्ता नीतिन प्रधान ने न्यायमूर्ति से आग्रह किया कि पुलिस ने इस मामले में मेरे मुवक्किल के खिलाफ कड़ी कार्रवाई न करने के संबंध में हाईकोर्ट को जो आश्वासन दिया है। उसे एक सप्ताह के लिए और बढाया जाए। इस पर न्यायमूर्ति ने विशेष सरकारी वकील सुदीप पासबोला से पूछा कि क्या पुलिस अपने आश्वासन को जारी रखने के पक्ष में है। इस पर श्री पासबोला ने कहा कि पुलिस अपने आश्वासन को एक सप्ताह तक के लिए बढाने को तैयार है। इस पर न्यायमूर्ति ने कहा कि हम पुलिस के इस आश्वासन को स्वीकार करते है कि वह 27 जनवरी तक नितेश के खिलाफ कड़ी कार्रवाई नहीं करेंगी। यह एक तरह से आरोपी के लिए आखरी मौका होगा। 

पुलिस ने इस मामले में नितेश व दलवी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 307 (हत्या के प्रयास) 120 बी व 34 के तहत आपराधिक मामला दर्ज किया है। पुलिस ने यह मामला सिंधुदुर्ग जिला को-आपरेटिव बैंक के चुनाव के दौरान हुए विवाद को लेकर यह मामला दर्ज किया है। वहीं नितेश ने अपने जमानत आवेदन में दावा किया था कि उन्हें राजनीतिक कारणों के चलते इस झूठे मामले में फंसाया गया है। सुनवाई के दौरान नितेश के वकील नितिन प्रधान ने दावा किया था कि चूंकि  मेरे मुवक्किल (नितेश राणे) ने पिछले माह विधानभवन के प्रवेश द्वार पर राज्य के एक मंत्री व शिवसेना नेता का माखौल उड़ाया था। इससे राज्य की सत्तासीन पार्टी ने खुद को आहत व अपमानित महसूस किया है। इसलिए मेरे मुवक्किल के खिलाफ यह मामला दर्ज किया गया है। जबकि पुलिस ने कोर्ट में दावा किया है कि नितेश इस पूरे मामले के साजिशकर्ता हैं। पुलिस के पास नितेश के खिलाफ पर्याप्त सबूत हैं, जो उनकी इस मामले में संलिप्तता को दर्शाते हैं। इस तरह से मामले से जुड़े दोनों पक्षों को सुनने के बाद न्यायमूर्ति ने 13 जनवरी को अपना फैसला सुरक्षित कर लिया था। जिसे सोमवार को सुनाते हुए न्यायमूर्ति ने नितेश को जमानत देने से मना कर दिया। 

Created On :   17 Jan 2022 6:27 PM IST

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