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स्मार्ट सिटी में ड्रेनेज सिस्टम नहीं , सामान्य से ज्यादा बारिश ने बिगाड़े हालात
डिजिटल डेस्क सतना। स्मार्ट सिटी में ड्रेनेज सिस्टम नहीं होने और उस पर चालू मानसून सीजन के दौरान सामान्य से ज्यादा बरसात से यहां हालात बिगड़ गए हैं। आलम यह है कि जरा सी बारिश जनजीवन को अस्त-व्यस्त कर देती है। मिसाल के तौर पर 12 अगस्त को 8 घंटे में साढ़े 5 इंच बरसात के बीच जिला मुख्यालय के निचले इलाके समंदर में तब्दील हो गए। और तो और, शहर के बाजार क्षेत्र से होकर गुजरने वाले नेशनल हाइवे पर सैलाब ने व्यस्ततम यातायात की राह रोक दी। जगह-जगह गंदे पानी के जमाव से कोरोना काल में मच्छर जनित बीमारियों के खतरे भी बढ़ गए हैं।जानकारों का मानना है कि 2 नदियों के संगम तट पर स्थित सतना शहर में जल की प्राकृतिक निकासी के सभी रास्ते में बंद है। हर तरफ अवैध निर्माण और सबसे बड़े खेरमाई नाले के दोनों ओर कदम-कदम पर बेजा कब्जों के चलते मानसून सीजन में जलमग्न करते हालात इस शहर की स्थाई नियति बन गए हैं।
सतना शहर पर मेघ मेहरबान :------
चालू मानसून सीजन में अबकि जिला मुख्यालय में खासकर मेघ मेहरबान हैं।
एक जून से 13 अगस्त के बीच 791 मिलीमीटर पानी गिर चुका है। जून माह में
मौसम महकमे के 114 एमएम बारिश औसत अनुमान की तुलना में 388.5 एमएम बरसात हुई,जो सामान्य से साढ़े 3 गुना ज्यादा थी। इसी प्रकार जुलाई माह में 40 प्रतिशत ज्यादा बारिश रिकार्ड की गई। अगस्त के चालू माह में भी मेघों की मेहरबानी का सिलसिला जारी है। विगत 13 दिनों के अंदर औसत अनुमानित 185 मिलीमीटर बरसात के मुकाबले सामान्य से 75 मिलीमीटर ज्यादा पानी गिर चुका है। जिले की औसत सामान्य वर्षा 1039.7 मिलीमीटर है।
अब तक बारिश की स्थिति :--------
जून : 388.5 एमएम
जुलाई : 146 एमएम
अगस्त : 257.2 एमएम
मझगवां में सबसे कम बरसात :-------
अधीक्षक भू अभिलेख के मुताबिक चालू मानसून सीजन के दौरान एक जून से 13 अगस्त की स्थिति में जिले में सबसे कम 350 मिलीमीटर बरसात मझगवां तहसील क्षेत्र में हुई है। कम बरसात वाले तहसील क्षेत्रों में मैहर दूसरे और रामपुर बघेलान तीसरे नंबर पर है।
Created On :   17 Aug 2020 9:52 AM GMT