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चार माह स्कूल में नहीं बन रहा मिड डे मील, प्रशासन नहीं उठा रहा कोई कदम
डिजिटल डेस्क मंडला। स्कूलों में दर्ज संख्या बढ़ाने और पोषण आहार उपलब्ध कराने के लिए मध्यान्ह भोजन योजना संचालित है। ग्राम खड़देवरा की माध्यमिक शाला में पिछले चार माह से मध्यान्ह भोजन नहीं बना है। समूह और पालक शिक्षक संघ पिछले एक साल से आमने-सामने है। प्रशासन यहां मध्यान्ह भोजन के संचालित में नाकाम साबित हो रहा है। अनाज और समूह को राशि का आवंटन हर माह दिया जा रहा है इसके बावजूद प्रशासनिक अधिकारी स्कूलों बच्चों को मध्यान्ह भोजन नहीं खिला पा रहे है।
जानकारी के मुताबिक माध्यमिक शाला खड़देवरा में मां दुर्गा स्वसहायता समूह को भोजन पकाने का जिम्मा दिया है। यहां स्कूल में कक्षा छटवी से लेकर 8 वीं तक 83 बच्चे अध्ययनरत है। स्कूल में 16 अगस्त से मध्यान्ह भोजन बंद है। 14 अगस्त को भोजन में इल्ली और चीटा मिलने के बाद स्कलों बच्चों ने 15 अगस्त से मध्यान्ह भोजन करना बंद कर दिया है। शाला प्रबंधन समिति ने प्रस्ताव बनाकर घटिया भोजन बंद कराने का सर्वसम्मति से निर्णय ले लिया। इसके बाद समूह ने भोजन नहीं पकाया है।
पिछले चार माह से स्कूली बच्चों को भोजन नहीं मिल पा रहा है। लेकिन विभाग के प्रशासनिक अधिकारी हाथ पर हाथ धरे बैठे है। जिला पंचायत से यह जानकारी होने के बाद कि भोजन नहीं पक रहा है। समूह को आवंटन और अनाज का परमिट दिया जा रहा है लेकिन मध्याहन भोजन प्रारंभ कराने के लिए कोई प्रयास नहीं कर रहे है। जिसके कारण स्कूली बच्चों को भूखे रहना पड़ रहा है। यहां प्रशासनिक लापरवाही के चलते यह हालात बने हुए है।
बच्चे समूह का बनाया खाने तैयार नहीं
मध्यान्ह भोजन को लेकर कक्षा आठवी के बच्चो ने चर्चा के दौरान बताया है कि समूह घटिया भोजन बनाता है। कई बार शिकायत के बाद सुधार नहीं कर रहे है। स्कूली बच्चों से विवाद भी करते है। लक्ष्मी ठाकुर, दीपक ठाकुर, विशांक ठाकुर, भूमिका दुबे, अरविन्द्र झारिया ने बताया है कि समूह के द्वारा बनाया गया भोजन ही नहीं करना चाहते है। समूह के भोजन में सुधार नहीं आ रहा है। भोजन में आए दिन इल्ली निकली है। जिससे स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव पड़ सकता है।
समूह प्रबंधन समिति आमने-सामने
यहां मध्यान्ह भोजन योजना को लेकर समूह और शाला प्रबंधन समिति आमने-सामने है। प्रशासन से समिति प्रस्ताव बनाकर शिकायत कर रही है कि समूह घटिया भोजन बनाती है। बच्चो को पसंद नही ंहै, जिससे समूह हो बदला जाए। समूह प्रधानपाठिका और प्रबंधन समिति के उपाध्यक्ष की शिकायते करते है। समूह को प्रधानपाठिका पर रूपए मांगने के आरोप तक लगा चुकी है। यहां विवाद के कारण मध्यान्ह भोजन योजना बंद पड़ी हुई है।
प्रशासन का ध्यान नहीं
प्रशासन चार माह से मध्यान्ह भोजन योजना बंद होने के बावजूद हाथ पर हाथ धरे बैठा है। शिकायत की जांच में व्यस्त है। लेकिन बच्चों को मध्यान्ह भोजन की व्यवस्था बनाने के लिए कोई प्रयास नही किये गए है। योजना का संचालन स्कूली बच्चों के लिए रूचिकर भोजन उपलब्ध कराने के लिए किया जा रहा है। बच्चों ने मध्यान्ह भोजन खाना बंद किया है लेकिन प्रशासन बच्चों की समस्या के निराकरण की बजाए समूह और समिति के फेर में है। बच्चों की मांग समूह बदलने की है लेकिन प्रशासन ने बच्चों की मनाने ही तैयार नहीं है।
इनका कहना है
जानकारी नहीं है कि मध्यान्ह भोजन बंद है, जांच की जाएगी, कार्रवाई की जाएगी।
ऋषभसिंह नोडल मध्यान्ह भेाजन योजना
Created On :   7 Dec 2017 1:04 PM IST