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पहुंचविहीन उडकी गांव में कोई नहीं करता अपनी बेटियों की शादी
डिजिटल डेस्क, पन्ना। आजाद भारत में अभी ऐसे गांव है जहां मूलभूत सुविधायें नहीं पहुंच पाई है जिसके कारण वहां पर रहने वाले ग्रामीण नारकीय जीवन जीने को मजबूर हैं शहरी इलाकों की चकाचौंध से दूर ऐसे ग्रामों के लोग टकटकी लगाये देख रहे हैं कि उनके पास सडक, बिजली, स्वास्थ्य की सुविधायें कब पहुंचेगी। हम बात कर रहे हैं जिले की गुनौर विधानसभा क्षेत्र की ग्राम पंचायत सरहंजा के अंतर्गत आने वाले ग्राम उडकी की जहां पर आज तक सडक न बन पाने से यहां के कुंवारों के साथ कोई भी अपनी बेटियों की शादी नहीं करता। यह उडकी गांव शत-प्रतिशत ब्राम्हणों की आबादी वाला गांव है। स्थानीय निवासी पंकज पाण्डेय बताते हैं कि बरसात के दिनों में गावं से पूरी तरह से सम्पर्क टूट जाता है। यदि गांव का कोई व्यक्ति बीमार हो जाता है तो उसको उपचार के लिए ले जाने के लिए काफी मशक्कत करनी पडती है। गांव से निकली मिढासन नदीं का पुल न बन पाने के कारण खेतों में पानी भर जाता है जिसके कारण यहां के लोगों को खचाखच भरे खेतों के पानी से निकलना पडता है।
2019 के लोकसभा चुनाव में मतदान का किया था बहिष्कार
पंकज पाण्डेय बताते हैं कि वर्ष २०१९ के लोकसभा चुनाव में उडकी गांव को सडक, बिजली, पानी जैसी मूलभूत सुविधायें न होने के चलते गांव वालों ने सामूहिक रूप से मतदान का बहिष्कार किया था। जब दोपहर तक एक भी मतदाता ने मतदान नहीं किया तो भाजपा प्रत्याशी विष्णुदत्त शर्मा ने दूरभाष पर बात करके मतदान करवाये जाने की बात कहते हुए गांव का विकास किए जाने का वादा किया था फिर उसके बाद गांव वालों ने मतदान किया था लेकिन आज तक कोई भी काम नहीं हेाने से गांव की स्थिति जस की तस है। उनका कहना है कि कई बार जनप्रतिनिधियों से सम्पर्क गांव वालों ने किया लेकिन केवल कोरे आश्वासन के अलावा कुछ नहीं मिला। श्री पाण्डेय ने कहा कि न तो बिजली की व्यवस्था दुरूस्त है और हमारे यहां के युवा सुविधायें न होने के चलते शहर पलायन कर गये हैं।
इकना कहना है
"मुरूम डली हुई है पक्का मार्ग निर्माण कराये जाने का अधिकार ग्राम पंचायत को नहंीं हैं। स्वीकृत होने के बाद ही पहुुंच मार्ग बन सकेगा।"
रामशिरोमणि दुबे
Created On :   9 March 2022 2:27 PM IST