सरकारी जमीन पर कोई कब्जा न कर ले, इसलिए पहले कोर्ट गया, फिर खुद ने ही कब्जा कर लिया

No one should take possession of government land, so first went to court
सरकारी जमीन पर कोई कब्जा न कर ले, इसलिए पहले कोर्ट गया, फिर खुद ने ही कब्जा कर लिया
नागपुर सरकारी जमीन पर कोई कब्जा न कर ले, इसलिए पहले कोर्ट गया, फिर खुद ने ही कब्जा कर लिया

डिजिटल डेस्क, नागपुर. भू-माफिया गुणवंत वामनराव तुमसरे पर 50 करोड़ से अधिक के प्लॉट गलत तरीके से बेचने के फर्जीवाड़े का खुलासा ‘दैनिक भास्कर’ ने शनिवार के अंक में किया था। इसके बाद एक सरकारी जमीन पर कब्जा करने और और कुछ ठगी के अन्य मामले भी सामने आए हैं। इन मामलों में भी तुमसरे ने खुद को डॉन बताकर अंजाम दिया। हालांकि यह रोचक मामला अपने आप में काफी खास है। मानेवाड़ा बेसा रोड की एक पांधन की सरकारी जमीन पर कुछ लोग कब्जा करने की नीयत रखते हैं, इसकी शिकायत लेकर तुमसरे पुलिस कमिश्नर सहित हाई कोर्ट भी गया। जहां मामला चल ही रहा है। इसके बाद खुद न ही उस जमीन पर कब्जा कर पेट्रोल पंप खोल दिया। पीड़ितों में एक डॉ. भरत सुंभ भी हैं। सुंभ बताते हैं कि, बेसा मानेवाड़ा में प्लॉट नं.- 7, जो मौजा मानेवाड़ा नरहरि नगर में आता है और उसी से सटा प्लॉट नं.-8, जो मौजा बेसा सुभांगी नगर में आता है। इसी के बीच में 30 बाय 100 (3000 स्क्वेयर फीट) पांधन यानी सरकारी जमीन थी। डॉ. संुभ के अनुसार तुमसरे की पहले ही इस जमीन पर कब्जा करने की नीयत थी। इस पर अन्य लोगों की भी नजर थी। उसे किसी ने गलत जानकारी दी कि, मैं अपने प्लॉट का विस्तार कर इस जमीन पर कब्जा करना चाहता हूं, जबकि ऐसा नहीं था। इस पर तुमसरे ने जमीन के कागतात निकालकर पुलिस कमिश्नर को शिकायत की कि, सरकारी जमीन पर कब्जा करने से रोका जाए। इसके बाद वह इसी बात को लेकर हाई कोर्ट भी चला गया। कुछ समय के बाद जैसे ही आस-पास की जमीन तुमसरे ने खरीदी तत्काल उस पांधन पर कब्जा कर लिया। पांधन की जमीन के पास उसी का प्लॉट नं.-8 था, जो 3000 स्क्वेयर फीट का था। संबंधित जमीन पर कब्जा करने के बाद कुल 6000 स्क्वेयर फीट जमीन पर एचपी पेट्रोल पंप भी आवंटित करवा लिया। इसके लिए फर्जी कागजात बनाए गए। 

इतना परेशान किया कि, 1.50 करोड़ का घर 90 लाख में बेचना पड़ा : डॉ. भरत संुभ बताते हैं कि, तुमसरे ने खुद को डॉन बताकर मुझे अपना घर बेचने के लिए कई बार ऑफर दिया। जब मैंने उसे मना किया, तो उसने गुंडे भेजकर मुझे परेशान करना शुरू कर दिया। इसके बाद मैं यह घर किसी और को नहीं बेच सकूं, इसलिए गलत प्रचार करना शुरू कर दिया कि, मेरा प्लॉट सरकारी जमीन पर है। उसने एक बोर्ड भी टांग दिया, जो लोग प्लॉट खरीदने आते उसे भ्रमित करता। इसके बाद मुझे इस हद तक परेशान किया गया कि, मेरा 1.50 करोड़ का घर 90 लाख रुपए में बेचना पड़ा, वह भी तुमसरे ने मिलीभगत कर बैंक से खरीद लिया। 

गाड़ी चुराई और उसमें रखे प्लॉट को दस्तावेज अपने नाम करा लिए  एनआईटी के एक कर्मचारी वसंत कनेरे ने बताया कि, तुमसरे से पुरानी जान-पहचान थी। मेरे एक रिश्तेदार से तुमसरे को कुछ रकम चाहिए थी। वह मुझ पर दबाव बना रहा था। उसका कहना था कि, तुमने मिलवाया है, इसलिए तुम वह रकम दो। एक दिन मेरी अर्टिका कार मेरे घर के बाहर खड़ी थी उसे तुमसरे ने चुराया और गायब कर दिया। गाड़ी में मेरे मौजा बेसा का प्लॉट (1250 स्वकेयर फीट) की मेरी पॉवर ऑफ अटर्नी रखी थी। उसने उन कागजों के आधार पर फर्जी दस्तावेज तैयार किए और प्लॉट अपने नाम कर लिया। जिसकी हुड़केश्वर थाने में एफआईआर  भी दर्ज है। जहां जांच अंतिम चरण में है। फर्जी हस्ताक्षर की तफ्तीश चल रही है।

तुमसरे हनुमार क्रेडिट सहकारी संस्था का अध्यक्ष है। संस्था उपाध्यक्ष नागेश्वर मदनकर हैं। मदनकर ने पुलिस को एक शिकायत दी है जिसकी जांच चल रही है। मामला 11 जुलाई 2022 से 1 अगस्त 2022 के बीच का है, जब तुमसरे सेंट्रल जेल में था। जेल में होने के बाद भी उक्त तारीखों पर हस्ताक्षर कर उसने चेक जारी किए। इसकी भी जांच जारी है। वही सोसायटी में भी जमकर फर्जीवाड़ा किया जा रहा है। नागेश्वर के अनुसार यह सोसायटी उन्होंने बनाई थी। चार साल पहले तुमसरे को इसमें लिया, तो उसने इस पर कब्जा जमा लिया। 

Created On :   19 Sept 2022 4:27 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story