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पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख और राऊत को राहत नहीं
डिजिटल डेस्क, मुंबई। भ्रष्टाचार के आरोपों में जेल में बंद वरिष्ठ राकांपा नेता और राज्य के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख की दीपावली जेल में ही बीतेगी। मुंबई स्थित विशेष अदालत ने शुक्रवार को देशमुख की जमानत अर्जी खारिज कर दी। इसके अलावा देशमुख के निजी सचिव रहे संजीव पलांडे को भी अदालत ने जमानत देने के इनकार कर दिया है। देशमुख को मुंबई के रेस्त्रां और बारों से जबरन वसूली के मामले में सीबीआई ने गिरफ्तार किया है। देशमुख की जमानत अर्जी खारिज करते हुए अदालत ने कहा कि मामले में अहम किरदार निभाने वाले सचिन वाझे के बयान को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। बता दें कि तत्कालीन मुंबई पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह ने आरोप लगाया था कि देशमुख तत्कालीन सीआईयू प्रमुख वाझे और दूसरे पुलिस वालों के जरिए हर महीने मुंबई के रेस्त्रां और बारों के मालिकों से 100 करोड़ रुपए की अवैध वसूली करते हैं। मामले में ईडी ने देशमुख को 2 नवंबर 2021 को गिरफ्तार किया था जबकि सीबीआई ने भ्रष्टाचार के मामले में इसी साल 6 अप्रैल को उन्हें हिरासत में लिया था। जमानत पर सुनवाई के बाद अदालत ने कहा कि अपराध बेहद गंभीर है और इससे देश की अर्थव्यवस्था प्रभावित हो रही है। 71 वर्षीय देशमुख ने जमानत अर्जी में खराब स्वास्थ्य को भी आधार बनाया था लेकिन अदालत ने कहा कि उन्हें हिरासत के दौरान इलाज की उचित सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। देशमुख को इससे पहले प्रवर्तन निदेशालय द्वारा दर्ज मनी लांडरिंग के मामले में बांबे हाईकोर्ट ने जमानत दे दी थी लेकिन भ्रष्टाचार के मामले में जमानत अर्जी खारिज होने के बाद अभी उन्हें और जेल में रहना होगा।
राऊत को भी राहत नहीं
पत्राचाल घोटाले से जुड़े मनी लांडरिंग मामले में जेल में बंद शिवसेना उद्धव बालासाहेब गुट के सांसद संजय राऊत की भी दीपावली जेल में ही मनेगी। शुक्रवार को ईडी के वकील ने कहा कि उसे जमानत अर्जी पर अभी और जिरह करनी है। इसके बाद राऊत की जमानत अर्जी पर सुनवाई 2 नवंबर तक टल गई। साथ ही अदालत ने उनकी न्यायिक हिरासत भी 2 नवंबर तक बढ़ा दी है। ईडी ने राऊत को इसी साल 31 जुलाई को गिरफ्तार किया था। कोर्ट में पेशी के दौरान ईडी के वकील ने इस बात पर आपत्ति जताई कि कोर्ट के बाहर राऊत मीडिया से बात करते हैं इस दौरान राजनीतिक बयान देते हैं। ईडी ने इस पर रोक लगाने की मांग की लेकिन अदालत ने सवाल किया कि इससे आपको क्या परेशानी है। आप कहते हैं मामला राजनीतिक नहीं है, वे जनप्रतिनिधि हैं अगर मीडिया से बात करते हैं तो इसमें ईडी को क्या आपत्ति है। ईडी के वकील ने कहा कि हमें परेशानी नहीं है लेकिन इससे सुरक्षा को लेकर चिंताएं पैदा होती है। इस पर न्यायाधीश ने कहा कि मैं बाहर जाकर सुरक्षा का जायजा नहीं ले सकता लेकिन अगर आपको लगता है कि यहां कोई चाकू, बंदूक लेकर आ सकता है तो लिखित शिकायत कीजिए इसके बाद मैं विचार करूंगा।
Created On :   21 Oct 2022 7:20 PM IST