क्लास में बच्चों का शोर, ऑफलाइन के लिए अभिभावक अभी भी तैयार नहीं

Noise of children in class, parents still not ready for offline
क्लास में बच्चों का शोर, ऑफलाइन के लिए अभिभावक अभी भी तैयार नहीं
स्कूल गुलजार क्लास में बच्चों का शोर, ऑफलाइन के लिए अभिभावक अभी भी तैयार नहीं

डिजिटल डेस्क, नागपुर। क्लास में एक बार अपने दोस्तों से मिलकर बच्चों के चेहरे पर खुशी नजर आई। कई बच्चे स्कूल खुलने से खुश हैं, तो कुछ अभी भी ऑनलाइन स्कूल करना चाहते हैं। मंगलवार को शहर और ग्रामीण के स्कूल परिसरों में  चहल-पहल रही। कोरोना संक्रमण की रफ्तार कम होने के बाद मनपा और जिला प्रशासन ने शहर और जिले में पहली और बारहवीं तक की कक्षाएं शुरू करने के आदेश दिए। इससे पहले दिसंबर में स्कूल खोलने का निर्णय लिया गया था, लेकिन जनवरी में ओमिक्रॉन की दस्तक के बाद तेजी से बढ़ रहे कोरोना के आंकड़ों के चलते स्कूल बंद कर दिए गए थे। स्कूल के शिक्षक और शिक्षकेत्तर वर्ग के लिए वैक्सीन की दोनों डोज जरूरी है। वैसे ज्यादातर स्कूल अभी भी ऑनलाइन ही चल रहे हैं। जो स्कूल ऑफलाइन चले, वहां कोराेना नियमों का पूरी तरह पालन किया गया। 

बच्चों के चेहरे पर नजर आई खुशी

ऑनलाइन क्लासेस के कारण अपने दोस्तों को मिस कर रहे बच्चों के चेहरों पर आॅफलाइन क्लास में दोस्तों से मिलने की खुशी नजर आई। बहुत समय बाद क्लास में पढ़ाई कर बच्चे खुश हुए। स्कूल लगने के पहले कोरोना प्रोटोकॉल को फॉलो किया गया। सभी बच्चों को मास्क पहनना कंपलसरी था। क्लास में सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखना गया। 

अब बंद नहीं होने चाहिए स्कूल

मनपा स्कूल के दसवीं कक्षा के छात्र जयेश ने बताया कि अब स्कूल बंद नहीं होने चाहिए। दोस्तों से मिलकर बहुत अच्छा लगता है। दो साल से स्कूल को बहुत मिस किया। ऑनलाइन क्लासेस में बहुत सारी दिक्कतें आती हैं। आज बहुत दिनों बाद पढ़ाई किए जैसा महसूस हो रहा है। कोरोना अब कम हो रहा है, स्कूल बंद नहीं होने चाहिए। 

अच्छा मिला  प्रतिसाद

संजय पुंड, प्रधानाध्यापक, लालबहादुर शास्त्री माध्यमिक शाला के मुताबिक कोरोना महामारी के बढ़ते संक्रमण के कारण पिछले दो वर्ष से ऑनलाइन स्कूल चल रहे हैं। बीच-बीच में कोरोना संक्रमण कम होने पर प्रशासन के निर्देशानुसार स्कूल खोले गए। मंगलवार से एक बार फिर से स्कूल खोले गए। बच्चों के चेहरे पर बहुत खुशी थी। कोरोनाकाल में बच्चों ने स्कूल, दोस्त और शिक्षकों को बहुत मिस किया। बच्चों को स्कूल भेजने के लिए अभिभावकों से सहमति पत्र भी लिया। कोरोना के नियमों का पालन किया गया। बच्चों के लिए मास्क कंपलसरी था। जो बच्चे मास्क लगाकर नहीं आए थे, उन्हें मास्क भी दिया गया। विद्यार्थियों के शरीर का तापमान भी चेक किया गया। 

बच्चों को लेकर डर लगता है

अभिभावक निर्मला  जोशी ने कहा कि मेरे दोनों बच्चे स्कूल जाने की जिद कर रहे थे। हमें डर लग रहा था कि कोरोनाकाल में बच्चों को कैसे स्कूल भेजंे। लेकिन बच्चे ऑनलाइन क्लास से परेशान थे। आज स्कूल खुलने के नाम पर उनके चेहरे पर बहुत खुशी थी। स्कूल की तरफ से सहमति पत्र भी लिया गया है, लेकिन कहीं न कहीं बच्चों की सुरक्षा को लेकर डर लगता है। बच्चों के बैग में सैनिटाइजर भी दिया है। मास्क भी पहनाया है।
 

 

Created On :   2 Feb 2022 6:09 PM IST

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