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कम हुआ पटाखों का शोर, पर नहीं घटा प्रदूषण
डिजिटल डेस्क, मुंबई। महानगर में पटाखों के शोर में हर साल कुछ न कुछ कमी आ रही है। इस साल दीपावली के दिन सबसे ज्यादा 100.4 डेसिबल का शोर दादर इलाके के शिवाजी पार्क में रात नौ बजकर 4 मिनट पर रिकॉर्ड किया गया। पुलिस मौजूद न होने के चलते लोग शिवाजी पार्क मैदान पर भी पटाखे जला रहे थे हालांकि यह साइलेंस जोन में आता है और यहां पटाखे जलाने पर मनाही है। पिछले साल दीपावली के दिन शिवाजी पार्क में 105.5 डेसिबल ध्वनि प्रदूषण रिकॉर्ड किया गया था। मरीन ड्राइव इलाके में हर साल पटाखों का सबसे ज्यादा शोर होता था लेकिन इस साल पुलिस की मौजूदगी के चलते यहां 10 बजे के पहले भी सन्नाटा था और लोग पटाखे जलाने नहीं पहुंचे। साल 2019 में मरीन ड्राइव पर 112.3 डेसिबल का शोर रिकॉर्ड किया गया था। आवाज संगठन की संस्थापक सुमैरा अब्दुलअली ने बताया इस साल बांद्रा, माहिम, वरली, दादर, शिवाजी पार्क, बाबुलनाथ, मरीन ड्राइव इलाकों में पिछले साल के मुकाबले काफी कम शोर दर्ज किया गया। ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि लोगों ने ज्यादा आवाज वाले सुतली बम की जगह अनार, फुलझड़ियां, चकरी, पटाखों की लड़ियां आदि जलाईं। यह अच्छी बात है कि पटाखों के शोर को लेकर प्रशासन और लोग जागरूक हो रहे हैं। लेकिन पिछले साल के मुकाबले इस साल ज्यादा पटाखे जलाए गए इसलिए ध्वनि प्रदूषण में भले कमी आई है लेकिन वायु प्रदूषण बढ़ा है। इसके अलावा बांद्रा, पवई जैसे कई इलाकों से लोगों ने शिकायत की कि वहां रात भर लोग आतिशबाजी करते रहे।
कई इलाकों में बढ़ा वायु प्रदूषण
पटाखे जलाने से पहले शिवाजी पार्क में शाम सवा चार बजे वायु प्रदूषण (पीएम 2.5) का स्तर 74 था वहीं पटाखे जलाने के बाद रात 8 बजकर 55 मिनट पर जब वायु प्रदूषण का स्तर रिकॉर्ड किया गया तो यह 340 पर पहुंच गया था जो सेहत के लिए बेहद नुकसानदेह है। सुमैरा ने कहा कि वायु प्रदूषण को लेकर यह अच्छी बात नहीं है। इसलिए इसमें सुधार के लिए भी काम किया जाना है। साल 2020 में पटाखों के बाद शिवाजी पार्क में रात 10 बजे के करीब वायु प्रदूषण का स्तर मापा गया था तो पीएम 2.5 का स्तर 251 जबकि पीएम 10 का स्तर 291 पहुंच गया था।
Created On :   5 Nov 2021 9:12 PM IST