एक हजार से ज्यादा बसें खराब, मरम्मत में ही लाखों का खर्च

Not be easy to go to school- More than a thousand buses are damaged
एक हजार से ज्यादा बसें खराब, मरम्मत में ही लाखों का खर्च
आसान नहीं होगा स्कूल जाना एक हजार से ज्यादा बसें खराब, मरम्मत में ही लाखों का खर्च

निज संवाददाता | नागपुर. अक्टूबर महीने से स्कूल खोलने की घोषणा की गई है। सबसे बड़ी परेशानी आवागमन के साधनों को लेकर है। गत 2 साल से खड़ी रहने के कारण  हजार से ज्यादा बसें भंगार बन गईं हैं। ऐसे में इन्हें लाखों का खर्च कर सड़क पर उतारा जाना है। यह हर किसी के लिए संभव नहीं होगा। लिहाजा, माना जा रहा है कि स्कूल बसों की कमी हो सकती है। इसके अलावा कई बस चालकों की बस ईएमआई नहीं भरने के कारण कंपनी वापस लेकर गई है, जिससे बसों की संख्या कम ही रहेगी। स्कूली बच्चों व स्कूल बस तथा वैन का सीधा संपर्क है। कई बच्चों के घर से स्कूल कई किलोमीटर दूर हैं। व्यस्त दिनचर्या के कारण माता-पिता इन्हें रोज स्कूल नहीं छोड़ सकते हैं। खासकर छोटे बच्चों को। ऐसे में ज्यादातर लोग स्कूल बस-वैन को प्राथमिकता देते थे। स्कूली बच्चों के लिए उपयोग में लाई जाने वाली इन वाहनों को पूरी तरह से सुरक्षित रखने की जिम्मेदारी आरटीओ ने संभाली है। ऐसे में प्रति वर्ष इनकी फिटनेस जांच से लेकर खामियों को दूर कर बच्चों के लिए सुरक्षित स्कूली सफर दिया जाता था। इन वाहनों से कई परिवार की जीविका भी जुड़ी है, लेकिन मार्च 2020 से स्कूल बंद होने के चलते बसें खड़े-खड़े भंगार बन गईं। कई बसों की तो हालत ऐसी है कि इनकी मरम्मत के लिए लाखों रुपए का खर्च है। इसके अलावा कई बस चालक ऐसे भी हैं, जिनके पास अब बस ही नहीं है। ब्याज आदि पर पैसे लेकर उन्होंने बस तो ली थी, लेकिन बस बंद रहने के कारण ईएमआई नहीं भरने से कंपनियों ने बस वापस ले ली है। सरकार की ओर से किसी तरह की मदद नहीं मिलने से वह अब बेरोजगार हो गए हैं। 

कोई नया दिशा-निर्देश नहीं 

बजरंग खरमाटे, प्रादेशिक परिवहन अधिकारी, ग्रामीण आरटीओ के मुताबिक बसों को पुरानी नियमावली के अनुसार ही जलाया जाएगा। कोरोना नियमों का पूरा पालन होगा। अभी तक स्कूल बसों को लेकर नए दिशा-निर्देश नहीं आए हैं। आने वाले समय में नए नियम लागू होने की बात से इनकार नहीं किया जा सकता है। फिलहाल पुराने नियमों से ही स्कूल बसें चलाई जाएंगी।  

फिटनेस के बाद ही सड़कों पर उतरेंगी बसें  

राजेन्द्रसिंह चौहान, अध्यक्ष, शालेय विद्यार्थी बस वाहतुक कल्याणकारी संस्था के मुताबिक शहर में 2 हजार से ज्यादा स्कूल बसें हैं, जिनमें से अधिकतर खराब हो गई हैं। स्कूल शुरू होने की घोषणा से थोड़ी राहत मिली है, लेकिन इसके लिए पहले सभी बसों पर पैसा खर्च करना पड़ेगा। उसके बाद ही इसे बच्चों के लिए चलाया जा सकेगा। 

Created On :   26 Sept 2021 3:51 PM IST

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