दस प्रतिशत भी नहीं रह गई सामान्य मरीजों की संख्या - कोरोना का असर  

Not even ten percent of the number of normal patients - the effect of corona
दस प्रतिशत भी नहीं रह गई सामान्य मरीजों की संख्या - कोरोना का असर  
दस प्रतिशत भी नहीं रह गई सामान्य मरीजों की संख्या - कोरोना का असर  

डिजिटल डेस्क छिंदवाड़ा। कोरोना वायरस के कहर के चलते छोटी बीमारियां लगभग गायब सी हो गई है। जिला अस्पताल के ओपीडी के आंकड़ों को देखकर यही माना जा सकता है। आमतौर पर गर्मी शुरू होते ही जिला अस्पताल की ओपीडी का आंकड़ा रोजाना लगभग 12 से 16 सौ तक पहुंच जाता था। वहीं इन दिनों पांच सौ मरीज भी अस्पताल नहीं आ रहे है। फरवरी माह की बात करें तो अलग-अलग बीमारियों से पीडि़त 29 हजार मरीज जिला अस्पताल इलाज कराने पहुंचे थे। वहीं 22 मार्च लॉकडाउन के बाद से 17 अप्रैल तक 11 हजार 844 मरीज ही जिला अस्पताल आए है। इन मरीजों में अधिकांश मरीज सामान्य फ्लू सर्दी-खांसी और बुखार से पीडि़त है। इसके अलावा गंभीर मरीज ही जिला अस्पताल पहुंच रहे है। गर्मी शुरू होने के साथ ही डायरिया पीडि़त मरीजों की संख्या बढ़ती थी जो इन दिनों न के बराबर है।
पांच दिन में दो हजार मरीज भी नहीं आए-
कोरोना की दहशत में लोग अपने स्वास्थ्य का ज्यादा ख्याल रखने लगे है। जिला अस्पताल में रोजाना जहां एक हजार मरीजों का आना सामान्य बात थी। वहीं अब बीते सोमवार से शुक्रवार तक की ओपीडी के आंकड़े देखे जाए तो दो हजार मरीज अस्पताल नहीं आए है।
ओपीडी पंजीयन किया नि:शुल्क-
स्वास्थ्य संचालनालय द्वारा इस वैश्विक महामारी के दौरान ओपीडी में आने वाले मरीजों से पंजीयन या भर्ती शुल्क न लेने के आदेश जारी किए है। संचालनालय के आदेश के बाद जिला अस्पताल में आने वाले हर मरीज को नि:शुल्क ओपीडी और आईपीडी पर्ची दी जा रही है।
निजी क्लीनिक की शटर डाउन-
खासबात यह है कि शहर समेत जिले के लगभग सभी निजी क्लीनिक के शटर डाउन है। निजी क्लीनिक बंद होने से यहां भी चिकित्सकीय सुविधा नहीं मिल रही है। इससे यही अंदाजा लगाया जा सकता है कि इन दिनों लोग अपने स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रख रहे है और छोटी बीमारियों से अपने आप को सुरक्षित रख रहे है।
 

Created On :   18 April 2020 4:54 PM IST

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