पीटीए का गठन करने से कतरा रहे स्कूल

Not one but many fears - Schools shying away from forming PTA
पीटीए का गठन करने से कतरा रहे स्कूल
एक नहीं, अनेक डर पीटीए का गठन करने से कतरा रहे स्कूल

डिजिटल डेस्क, नागपुर। पीटीए यानी पैरेंट्स, टीचर एसोसिएशन। शैक्षणिक सत्र की शुरुआत में सभी स्कूलों पर पीटीए गठित करना अनिवार्य है। स्कूल का पाठ्यक्रम से लेकर फीस तय करने तक पीटीए की मंजूरी लेना जरूरी है। इस झंझट से बचने के लिए शैक्षणिक संस्थान पीटीए का गठन करने से कतरा रहे हैं। हाल ही में कामठी रोड स्थित एक सीबीएसई स्कूल में पालकों ने शिकायत करने पर शैक्षणिक सत्र के अंत में पीटीए का गठन करने का मामला सामने आया है। पीटीए यह पालक और शिक्षकों का एसोसिएशन है। स्कूल के पाठ्यक्रम में बदलाव से लेकर फीस निर्धारण में पीटीए की मंजूरी अनिवार्य है। पीटीए की बिना पूर्व अनुमति फीस वृद्धि या शैक्षणिक पाठ्यक्रम में अपनी मर्जी से बदलाव करने का शैक्षणिक संस्थान को अधिकार नहीं है। बिना पीटीए का गठन फीस बढ़ाना या शैक्षणिक पाठ्यक्रम में बदलाव िनयमबाह्य है।

ऐसे होता है पीटीए का गठन : महाराष्ट्र राज्य शैक्षणिक अधिनियम 2014 अंतर्गत शैक्षणिक सत्र की शुरुआत में पीटीए का गठन करना अनिवार्य है। पीटीए में सभी कक्षा से एक पालक व शिक्षक का प्रतिनिधित्व अपेक्षित है। पालकों को सूचना देकर चुनाव के माध्यम से पीटीए का गठन किया जाता है।

चर्चा इसलिए

कामठी रोड स्थित सीबीएसई स्कूल से पालकों ने पत्र देकर पीटीए की जानकारी मांगी। शैक्षणिक संस्थान ने पालकों का पत्र स्वीकृत करने से इनकार कर दिया। दरअसल स्कूल में पीटीए का गठन नहीं किए जाने से शैक्षणिक संस्थान के पास इसका कोई जवाब नहीं था। पालकों ने पीटीए के गठन को लेकर आग्रही भूमिका अपनाई। उन्होंने गटशिक्षणाधिकारी से शिकायत कर दी। 

शिक्षण संस्थाओं में खलबली : पालकों की शिकायत मिलने पर कामठी पंचायत समिति गटशिक्षणाधिकारी ने संबंधित स्कूल को पत्र भेजकर पीटीए गठन के विवाद पर जवाब मांगा है। गटशिक्षणाधिकारी ने पीटीए के गठन को लेकर स्कूल से जवाब मांगने पर शिक्षण संस्थाओं में खलबली मच गई है।

 

Created On :   25 April 2022 5:45 PM IST

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