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सतरंजीपुरा के निवासियों को क्वारंटाइन करने पर सरकार को नोटिस जारी
डिजिटल डेस्क, नागपुर। महानगरपालिका और जिला प्रशासन ने सतरंजीपुरा निवासी 1408 नागरिकों को क्वारंटाइन किया, जिसे लेकर बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ में दायर याचिका में विरोध किया गया है। छावनी निवासी मोहम्मद निशात मोहम्मल सलीम ने यह याचिका दायर की है। जिस पर रविवार दोपहर को सुनवाई लेते हुए न्या.अनिल किल्लोर की खंडपीठ ने केंद सरकार, राज्य सरकार, जिलाधिकारी और मनपा आयुक्त समेत सभी प्रतिवादियों को नोटिस जारी कर 5 मई तक जवाब मांगा है।
याचिकाकर्ता ने इन 1408 लोगों को क्वारंटाइन किए जाने के फैसले को अवैध करार दिया है। उनका तर्क है कि यह काम आईसीएमआर और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के दिशानिर्देशों का उल्लंघन करके किया गया है। जबकि 14 दिनों के लिए उन ही लोगों को क्वारंटाइन किया जा सकता है, जो या तो कोरोना संक्रमित हो या फिर किसी तरह से उनके संपर्क में आए हों। आईसीएमआर के निर्देशों के बावजूद हॉटस्पाट क्षेत्रों में रैपिड एंटी बॉडी टेस्ट नहीं किए जा रहे हैं।
केंद्र सरकार के स्पष्ट निर्देश है कि क्वारंटाइन सेंटर शहर की सीमा के बाहर होने चाहिए। लेकिन इसके उलट एमएलए हॉस्टल, वनामति, रवि भवन, वीएनआईटी जैसे मध्यवर्ती क्षेत्रों में क्वारेंटिन सेंटर बनाए गए हैं। जिससे आस पास के निवासियों में खतरा बढ़ गया है। याचिकाकर्त की यह भी दलील है कि केंद्र सरकार ने 28 अप्रैल को नोटिफिकेशन के अनुसार कोरोना पॉजिटिव मरीजों को भी होम क्वारंटाइन में रखा जा सकता है। ऐसे में इतनी बड़ी संख्या में लोगों को क्वारंटाइन सेंटर में रखना सही नहीं है।
मामले में अब 5 मई को सुनवाई होगी। याचिकाकर्ता की ओर से एड.तुषार मंडलेकर, एड.रोहन मालवीय ने पक्ष रखा।केंद्र सरकार की ओर से एसजीआई उल्हास औरंगाबादकर, राज्य की ओर से मुख्य सरकारी वकील सुमंत देवपुजारी और मनपा की ओर से एड.सुधीर पुराणिक ने पक्ष रखा।
Created On :   4 May 2020 3:03 PM IST