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ट्रू कॉलर एप के डेटा प्राइवेसी नियम उल्लंघन मामले में केंद्र और राज्य सरकार को नोटिस
डिजिटल डेस्क, मुंबई। बांबे हाईकोर्ट ने बुधवार को केंद्र व राज्य सरकार को नोटिस जारी किया है। हाईकोर्ट ने यह नोटिस उस जनहित याचिका पर सुनवाई के बाद जारी किया है, जिसमें दावा किया गया है कि ट्रू कॉलर मोबाइल एप्लीकेशन डेटा प्राइवेसी (निजता) से जुड़े नियमों का उल्लंघन करता है। इस विषय पर शशांक पोस्चुरे ने जनहित याचिका दायर की है। याचिका में दावा किया गया है कि ट्रू कॉलर एप उन सभी लोगों का डेटा इकट्ठा करता है। जो इसका इस्तेमाल करते है। फिर इस्तेमाल करनेवाले की सहमति के बिना ही एप अपने भागीदारों के साथ इसे साझा करता है। फिर यह एप जिम्मेदारी का दायित्व इस्तेमाल करनेवाले पर थोप देता है।
ट्रू कॉलर एप पूरी तरह से हेराफेरी से जुड़ा सेटअप है। याचिका में दावा किया गया है कि सरकारी प्राधिकरणों ने नियमों का पालन किए बिना ट्रू कॉलर एप को मंजूरी दी है। आईटी सिक्योंरिटी से जुड़े नियमों की भी अनदेखी की गई है। याचिका पर गौर करने के बाद मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता व न्यायमूर्ति गिरीष कुलकर्णी की खंडपीठ ने कहा कि आखिर ट्रू कॉलर से लाभ पानेवाले लाभार्थी कौन है। जवाब में याचिकाकर्ता ने कहा कि गूगल इंडिया,भारती एयरटेल,आईसीआईसीआई बैंक के अलावा कर्ज देनेवाली कई कंपनिया इसकी लाभार्थी है।
याचिका पर गौर करने के बाद खंडपीठ ने कहा कि यह नोटिस जारी करने के लिए उपयुक्त मामला लग रहा है। क्योंकि याचिकाकर्ता के मुताबिक ट्रू कॉलर एप लोगों की निजता के अधिकार को भंग करता दिख रहा है। यह उल्लंघन डेटा प्रोटेक्शन कानून के विपरीत है। इस तरह से खंडपीठ ने केंद्र व राज्य सरकार सहित अन्य को नोटिस जारी किया। और तीन सप्ताह के भीतर इस मामले में जवाब देने को कहा।
फीस के नियमन को लेकर गठित कमेटी के कार्यरत न होने पर नारजागी
बांबे हाईकोर्ट ने स्कूलों की फीस के नियमन को लेकर गठित कमेटी के कार्यरत न होने पर नारजागी जाहिर की है। हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से जानना चाहा है कि विभागीय फीस नियमन कमेटी के गठन को लेकर कब अधिसूचना जारी की गई है। मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता की खंडपीठ ने राज्य सरकार को इस विषय पर जानकारी देने को कहा है। खंडपीठ ने कहा है कि गुरुवार को यदि यह इस बारे में जानकारी नहीं दी गई, तो हम शिक्षा विभाग के संयुक्त सचिव को कोर्ट में बुलाएंगे। हाईकोर्ट में भारतीय जनता पार्टी के विधायक अतुल भातखलकर व अनएडेड स्कूल फोरम की ओर से दायर जनहित याचिका पर सुनवाई चल रही है। याचिका में मांग की गई है कि बकाया फीस का भुगतान न करने पर किसी भी विद्यार्थी को स्कूल से न निकाला जाए और फीस नियमन से जुड़े कानून को कड़ाई से लागू किया किया जाए। सुनवाई के दौरान खंडपीठ को बताया गया कि सरकार की फीस के नियमन को लेकर कमेटी तो बना दी गई है लेकिन उसने अब तक काम करना नहीं शुरु किया है। यह कमेटी जिला स्तर पर होनी चाहिए। गौरतलब है कि सरकार ने हाईकोर्ट में हलफनामा दायर कर कहा है कि उसने अभिभावकों की स्कूल की फीस व अन्य शिकायतों के निपटारे के लिए विभागीय शिकायत निवारण कमेटी का गठन किया है।
Created On :   7 July 2021 8:58 PM IST