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फर्जी जाति प्रमाणपत्रों के आधार पर नौकरियां हथियाने के मामले पर अब तीन जजों की बेंच करेगी सुनवाई
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। महाराष्ट्र में फर्जी जाति प्रमाणपत्रों के आधार पर नौकरियां हथियाने के मामले में सुनवाई कर रही सुप्रीम कोर्ट की दो जजों की बेंच ने इस मामले को मुख्य न्यायाधीश के पास भेजा है और उनसे इस पर विचार के लिए बड़ी बेंच के गठन का अनुरोध किया है। इस मामले से जुड़ी 45 से अधिक याचिकाएं सुप्रीम कोर्ट में सूचीबद्ध है। इस मामले पर जस्टिस हेमंत गुप्ता और जस्टिस वी रामसुब्रमण्यम की पीठ सुनवाई कर रही थी। मामले की सुनवाई के दौरान यह प्रश्न उत्पन्न हुआ है कि जाति प्रमाणपत्र के सत्यापन के लिए जांच समिति के पास उपलब्ध मानदंड क्या होने चाहिए? इस मामले में दो निर्णयों के आधार पर पीठ ने यह माना कि इस बिंदू पर तीन न्यायाधीशों की एक बड़ी पीठ द्वारा विचार किए जाने की आवश्यकता है, ताकि उन मापदंडों के प्रश्न पर आधिकारिक निर्णय लिया जा सके जिन्हें जांच समिति द्वारा जाति प्रमाणपत्र को सत्यापित करने के लिए ध्यान में रखा जाना है।महाराष्ट्र से ऐसे मामले से संबंधित कई याचिकाएं सुप्रीम कोर्ट में 2009 में लंबित है। दो जजों की पीठ ने अपने आदेश में इन मामलों पर विचार के लिए मुख्य न्यायाधीश से जल्द से जल्द तीन न्यायाधीशों की बेंच के गठन का अनुरोध किया है। गौरतलब है कि महाराष्ट्र में ठाकुर नामक व्यक्तियों के अलावा ऐसे हजारों कर्मी है जिन्होंने एसटी के अवैध जाति प्रमाणपत्र के आधार पर नौकरी हासिल की है। पालघर से सांसद राजेंद्र गावित ने भी हाल ही संसद सत्र के दौरान इस मुद्दे को उठाया था। उन्होंने सदन में कहा था कि महाराष्ट्र में एक-सवा लाख से अधिक लोगों ने फर्जी जाति प्रमाणपत्र लेकर आदिवासियों के अधिकारों पर अतिक्रमण किया हुआ है।
Created On :   16 April 2022 9:42 PM IST