अब एटीएस करेगा पानसरे हत्या मामले की जांच, 2015 में हुई थी हत्या  

Now ATS will investigate the Pansare murder case, the murder took place in 2015
अब एटीएस करेगा पानसरे हत्या मामले की जांच, 2015 में हुई थी हत्या  
हाईकोर्ट अब एटीएस करेगा पानसरे हत्या मामले की जांच, 2015 में हुई थी हत्या  

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बांबे हाईकोर्ट ने सामाजिक कार्यकर्ता गोविंद पानसरे की हत्या मामले की जांच आतंकवाद निरोधक दस्ते (एटीएस) को स्थानांतरित कर दिया है। सात सालों से महाराष्ट्र का अपराध जांच विभाग(सीआईडी) इस मामले की जांच कर रहा था। कोर्ट के निर्देश के तहत प्रकरण की जांच के लिए सीआईडी के विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया गया था। साल 2015 में कोल्हापुर में पानसरे को गोली मार कर हत्या कर दी गई थी। पहले इस मामले की जांच एटीएस ने की थी पर बाद में अदालत के आदेश पर जांच की जिम्मेदारी सीआईडी को सौंप दी गई थी। सीआईडी ने इसके लिए एसआईटी बनाई गई थी। किंतु मामले की जांच की प्रगति से अंसतुष्ट पानसरे के परिजनों ने मामले की जांच एटीएस को सौपने की मांग को लेकर हाईकोर्ट में आवेदन दायर किया था। 

बुधवार को न्यायमूर्ति रेवती मोहिते ढेरे व न्यायमूर्ति शर्मिला देशमुख की खंडपीठ के सामने सुनवाई के लिए आयी। दोनों पक्षों को सुनने के बाद खंडपीठ ने कहा कि हम पानसरे के परिजन की ओर से दायर आवेदन को मंजूर करते हुए मामले की जांच को एटीएस को सौपते हैं। 

वहीं एसआईटी की ओर से पैरवी कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता अशोक मुंदरगी ने कहा कि एटीएस भी राज्य की एजेंसी है। इसलिए यदि मामले की जांच एटीएस कौ सौपी जाती है तो सीआईडी को कोई आपत्ति नहीं है। सीआईडी मामले की जांच एटीएस को सौपने के लिए सहमत है। उन्होंने कहा कि अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक स्तर का अधिकारी एटीएस का प्रमुख होता है। लिहाजा वे इस पूरे मामले के जांच की निगरानी करेंगे। 

आरोपियों ने किया था विरोध 

इस बीच सामाजिक कार्यकर्ता नरेंद्र दाभोलकर व पानसरे मामले में गिरफ्तार तीन आरोपियों ने मामले की जांच एटीएस को सौपने का विरोध किया। आरोपियों के मुताबिक इस पडाव पर जांच एटीएस को नहीं सौपी जानी चाहिए। पानसरे के परिजनों की ओर से पैरवी कर रहे अधिवक्ता अभय नेवगी व अधिवक्ता मुंदरगी ने आरोपियों के इस आवेदन का विरोध किया। इसके बाद खंडपीठ ने आरोपियों के आवेदन को खारिज कर दिया। अधिवक्ता नेवगी ने कहा कि आरोपियों को इस मामले में बोलने का हक नहीं है। उन्होनें कहा कि पानसरे प्रकरण में जल्द से जल्द मुख्य सूत्रधार को पकड़ा जाना जरुरी है। उन्होंने कहा कि एटीएस ने शुरुआत में पानसरे व सामाजिक कार्यकर्ता नरेंद्र दाभोलकर व पत्रकार गौरी लंकेश की हत्या मामले की जांच में प्रभावी प्रगति की थी। जिसके तहत  एटीएस ने साल 2020 में  वैभव राऊत, शरद कलसकर, सुधनवा गोधलेकर को गिरफ्तार किया था। आरोपी कलसकर से पूछताछ में फरार आरोपी सचिन अंदुरे व विनय पवार का नाम सामने आया था। 

 

Created On :   3 Aug 2022 9:19 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story