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अब वर्धा रेलवे स्टेशन पर सीसीटीवी से रहेगी पैनी नजर, कोहरे से 14 ट्रेनें हुई लेट
डिजिटल डेस्क, नागपुर। उत्तर और पूर्वी भारत में ठंड के साथ-साथ कोहरे ने परेशानी बढ़ा रखी है। जिसके कारण रोजाना दर्जनों ट्रेनें लेट हो रही हैं। इसका असर केवल एक मंडल या जोन में नहीं पूरे भारतीय रेलवे पर पड़ रहा है। मंगलवार को 12286 निजामुद्दीन-सिकंदराबाद दुरांतो एक्सप्रेस 11 घंटे की देरी से चली। इसके अलावा ट्रेन 12724 दिल्ली-हैदराबाद तेलंगाना एक्सप्रेस 9.30 घंटे, 12622 दिल्ली-चेन्नई तमिलनाडू एक्सप्रेस 5.00 घंटे, 16094 लखनऊ-चेन्नई अंडमान एक्सप्रेस 7.00 घंटे, 12616 दिल्ली-चेन्नई जीटी एक्सप्रेस 7.20 घंटे, 12592 यशवंतपुर-गोरखपुर एक्सप्रेस 8.00 घंटे, 11046 गया-कोल्हापुर दीक्षाभूमि एक्सप्रेस 2.00 घंटे, 12722 निजामुद्दीन-हैदराबाद दक्षिण एक्सप्रेस 4.25 घंटे, 12296 दानापुर-सिकंदराबाद पटना एक्सप्रेस 3.10 घंटे, 12802 निजामुद्दीन-विशाखापट्नम एक्सप्रेस 3.00 घंटे, 18238 अमृतसर-बिलासपुर छत्तीसगढ़ एक्सप्रेस 4.15 घंटे, 12628 दिल्ली-तिरुवंतपुरम 4.00 घंटे, 15015 गोरखपुर-यशवंतपुरम एक्सप्रेस 8.30 घंटे और 22416 दिल्ली-विशाखापट्टनम एसी एक्सप्रेस 2.30 घंटे की देरी से चली।
वर्धा रेलवे स्टेशन पर सीसीटीवी से रहेगी पैनी नजर
रेलटेल कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड ने मध्य रेल नागपुर मंडल के "ए" ग्रेड वर्धा स्टेशन पर इंटरनेट प्रोटोकॉल (आईपी) आधारित वीडियो निगरानी प्रणाली (वीएसएस) स्थापित की है। इससे प्लेटफार्म और स्टेशन परिसर पर 24 घंटे क्लोज सर्किट टेलीविजन कैमरे (सीसीटीवी कैमरे) से निगरानी रहेगी। पूरे स्टेशन परिसर में 38 कैमरे लगाए गए हैं। यहां स्थापित वीएसएस प्रणाली में 38 पूर्ण एचडी कैमरे लगाए गए हैं। जिनमें से 26 बुलेट किस्म के हैं। 26 बुलेट कैमरा में 4 कैमरा 4के रिजॉल्युशन के रहेंगे, जो कि फुल एचडी से भी अपडेटेड हैं। इन्हें स्टेशन के प्रवेश और निकासी पर लगाया गया है। प्लेटफार्म और ओवरहेड पुलिया के लिए डोम किस्म के 5 कैमरे हैं। इनमें से अंतिम एक पीटीजेड (पैन, टील्ट और जूम) किस्म का है जो पार्किंग क्षेत्र में लगाया गया है। निगरानी के लिए रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) नियंत्रण कक्ष में कई स्क्रीनों पर सीसीटीवी कैमरा लाइव फीड प्रदर्शित किए जाते हैं। जल्द ही सभी सीसीटीवी कैमरों को ऑप्टिकल फाइबर केबल पर नेटवर्क से जोड़ा जाएगा और वीडियो फीड को एक केंद्रीकृत सीसीटीवी नियंत्रण कक्ष में लाया जाएगा। जहां से आरपीएफ कर्मियों द्वारा कई एलसीडी मॉनिटर पर वीडियो फीड देख सकेंगे।
1 कैमरा प्रतिमाह 1टीबी की खपत
स्टेशन पर प्रत्येक कैमरा प्रति माह लगभग 1टीबी डाटा की खपत करता है। वीडियो रिकॉर्डिंग, सीसीटीवी कैमरों की फीड, घटनाओं का विश्लेषण और जांच के उद्देश्यों के लिए 30 दिनों के लिए संग्रहित किया जाएगा। महत्वपूर्ण वीडियो को लंबी अवधि के लिए संग्रहित किया जा सकता है। इस वीडियो निगरानी प्रणाली से रेलवे स्टेशनों पर यात्रियों और रेलवे संपत्ति की बेहतर सुरक्षा सुनिश्चित होने की संभावना है। इनके अलावा, इस महीने के दौरान मध्य रेलवे के अहमदनगर, अमरावती, बुरहानपुर, खंडवा स्टेशनों पर भी सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। इस कार्य को महिलाओं के लिए बेहतर सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए निर्भया फंड का उपयोग किया गया है। इसके अलावा इन स्टेशन पर 16 एक्सेस पॉइंट्स वाली अत्याधुनिक वाई-फाई सुविधा भी है।
रेलटेल को सौंपा कार्य
सुरक्षा को कड़ा करने के लिए रेलवे बोर्ड ने रेलटेल को सभी रेलवे स्टेशनों, प्रीमियम और ईएमयू कोचों में वीडियो एनालिटिक्स और शक्ल पहचानने वाला (फेशियल रिग्लाइज्ड सिस्टम) वाले आईपी आधारित वीडियो सर्वेलांस प्रणाली लगाने का कार्यं सौंपा है। रेलटेल ए1, ए, बी, सी, डी और ई श्रेणी के स्टेशनों, प्रीमियम ट्रेनों के कोचों और उपनगरीय ईएमयू कोचों में वीडियो निगरानी प्रणाली उपलब्ध कराएगा।
200 स्टेशनों तक पहुंचाने का लक्ष्य
मध्य रेलवे महाप्रबंधक संजीव मित्तल ने कहा कि हमने महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा के लिए एक यह सुविधा जोड़ी है। सीसीटीवी निगरानी हमें और अधिक सक्रिय सुरक्षा मुहैया कराने में मदद करेंगे। इस सुविधा को बहुत जल्द अन्य स्टेशनों तक पहुंचाया जाएगा। रेलटेल अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक पुनीत चावला ने कहा कि स्टेशनों पर वीएसएस उपलब्ध कराने का कार्य शुरू कर दिया है। पहले चरण में 200 स्टेशनों पर कार्य कर रहे हैं, जिसमें से 80 स्टेशन पूरे हो चुके हैं।
Created On :   31 Dec 2019 9:39 PM IST