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अब शहरी इलाकों की सरकारी जमीन पर अतिक्रमण होंगे नियमित, सरकार का फैसला
डिजिटल डेस्क, मुंबई। प्रदेश के शहरी इलाकों में सरकारी जमीन के अतिक्रमण नियमित होंगे। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत साल 2022 तक सभी बेघरों के लिए आवास की परिकल्पना को साकार करने के लिए राज्य सरकार ने यह बड़ा फैसला किया है। शहरी इलाकों में केंद्र सरकार की प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत लाभ के लिए पात्र और वन विभाग को छोड़कर शेष सभी विभागों की शहरी इलाकों की जमीन पर निवासी प्रयोजन के लिए किए गए अतिक्रमण को नियमित करने का फैसला किया गया है। 1 जनवरी 2011 से पहले आवास बनाने के लिए अतिक्रमण किए गए भूखंड नियमानुकूल पात्र होंगे। बुधवार को प्रदेश सरकार के नगर विकास ने इस संबंध में शासनादेश जारी किया। इसके अनुसार अतिक्रमण धारकों के अतिक्रमण को नियमित करने के लिए जिलाधिकारी की अध्यक्षता में समिति गठित की जाएगी।
रेडिरेकनर दर से होगी शुल्क वसूली
अतिक्रमण धारकों के अधिकतम 1500 वर्गफुट तक के भूखंड नियमित हो सकेंगे। अतिक्रमण नियमित करने के लिए अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के अतिक्रमण धारकों से कोई शुल्क नहीं वसूला जाएगा। शेष वर्गों के लिए पहले 500 वर्गफुट क्षेत्र तक के लिए भूखंड का कब्जा हक देने के लिए शुल्क नहीं लिया जाएगा। जबकि 500 से 1000 वर्गफुट की जमीन के लिए रेडी रेकनर दर का 10 प्रतिशत और 1000 वर्गफुट से अधिक जमीन के लिए रेडी रेकनर दर की 25 प्रतिशत राशि वसूल कर मालिकाना हक दिया जाएगा। केंद्र और राज्य सरकार ने साल 2022 तक सभी बेघरों को घर देने का फैसला किया है। इसके लिए केंद्र सरकार की प्रधानमंत्री आवास योजना प्रदेश के 382 शहरों और आसपास के नियोजन क्षेत्र में लागू करने के लिए मंजूरी दी गई है। प्रदेश के ग्रामीण इलाकों के सरकारी जमीन के अतिक्रमण को नियमित करने का फैसला पहले ही लिया जा चुका है।
Created On :   7 March 2019 3:19 PM IST