अब मोबाइल ऐप में मिलेगी फसल गिरदावरी की जानकारी

Now information will be found in the mobile app of Crop Girnarwadi
अब मोबाइल ऐप में मिलेगी फसल गिरदावरी की जानकारी
अब मोबाइल ऐप में मिलेगी फसल गिरदावरी की जानकारी

डिजिटल डेस्क, मंडला। अब फसल गिरदावरी ऑनलाइन मिलेगी। इसके लिए मोबाईल ऐप तैयार हो चुका है। राजस्व अमला ऑफलाइन के साथ ऑनलाइन फसल गिरदावरी दर्ज करेगा। खरीफ फसल गिरदावरी का कार्य शुरू कर दिया गया है। जिले के सभी तहसीलदारों को कलेक्टर ने फसल गिरदावरी को तेजी से ऑनलाइन करने के लिए निर्देश जारी कर दिए है। जिससे समय सीमा में गिरदावरी का डाटा एकत्रित हो सके।

क्या है फसल गिरदावरी

रबी और खरीफ सीजन में कौन सी फसल कितने रकबे में बोई गई है, इसकी जानकारी राजस्व रिकार्ड में पटवारी फसल गिरदावरी के नाम से दर्ज करते हैं। जिससे फसल की किस्म और रकबा की वास्तविक स्थिति की जानकारी हो सके। राजस्व विभाग खरीफ सीजन में जुलाई-अगस्त और रबी सीजन में नवम्बर-दिसंबर में फसल गिरदावरी दर्ज कराता है। अब फसल गिरावरी की जानकारी ऑनलाईन भी उपलब्ध रहेगी। इसके लिए मोबाईल ऐप तैयार किया जा चुका है। इस ऐप में पटवारी हल्के की फसल गिरदावरी दर्ज करेंगे। राजस्व अमला ऑफलाइन जानकारी दर्ज करने के बाद ऑनलाईन ऐप में अपलोड करेगा। 

किसानों को मिलेगा पासवर्ड

मोबाईल ऐप के लिए पटवारियों को पंजीयन कराया गया है। पटवारी के हल्के के रकबा की जानकारी रहेगी। जिसमें पटवारी और राजस्व विभाग के अधिकारी फसल गिरदावरी की जानकारी ऑनलाईन दर्ज करेंगे। मोबाईल ऐप का वन टाईम पासवर्ड किसान को भी दिया जाएगा। फसल गिरदावरी ऐप में कार्य शुरू कर दिया गया है। जिला कलेक्टर ने तेजी से कार्य करने के निर्देश दिए है। 

अमला को कर दिया प्रशिक्षित

राजस्व अमले को प्रशिक्षण दिया जा चुका है। MAPIT के द्वारा E-Skill केंद्र के प्रभारियों, ई गर्वनेंस सोसाइटी के अधिकारियों और कर्मचारियों को प्रशिक्षण दिया गया। इसके बाद जिले के तहसीलों से छह पटवारियो को मोबाइल ऐप फसल गिरदावरी में दक्ष किया गया। इन्होंने ने सभी हल्का पटवारियों को प्रशिक्षण दिया है। अब अमला गांव-गांव में जाकर फसल गिरदावरी का कार्य कर रहा है। 

ये होंगे फायदे

अभी तक ऑफलाइन फसल गिरदावरी होने के कारण इस कार्य की मॉनिटरिंग बेहतर तरीके से नहीं हो पाती थी। शासन द्वारा समर्थन मूल्य पर अनाज खरीदी की जा रही है। फसल गिरदावरी ऑनलाइन होने से किसानों के फसल रकबा का सत्यापन करने में परेशानी नहीं होगी। फसल बीमा के दौरान भी फसल की किस्म और रकबा की जानकारी ऑनलाइन मिल जाएगी। प्राकृतिक आपदा के दौरान भी फसल की नुकसानी का आंकलन किया जा सकेगा। जिससे शासकीय योजनाओं के क्रियान्वयन में आसानी होगी। 

 

Created On :   22 Aug 2017 8:47 PM IST

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