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अब फैक्ट्री से शराब बिक्री तक ऑनलाइन जांच, एक्साइज चोरी रोकने की कवायद
डिजिटल डेस्क, नागपुर। सरकार ने शराब फैक्ट्री से लेकर बिक्री तक की ऑनलाइन जांच की व्यवस्था करने का निर्णय लिया है। एक्साइज चोरी रोकने के लिए सरकार ने यह कदम उठाया है। जिले में देशी शराब की 7, विदेशी शराब की 5 फैक्ट्रियां है। इसके अलावा जिले में चिल्लर देशी शराब की 312 व 813 बीयर बार हैं। शराब फैक्ट्री व शराब दुकानों का डाटा एक-दूसरे से ऑनलाइन जुड़ने के बाद एक्साइज विभाग एक्साइज चोरी तुरंत पकड़ सकेगा।
नागपुर जिले में देशी शराब की 7 फैक्ट्रियां हैं, जिसमें से 1 फैक्ट्री बंद पड़ी है। देशी शराब की 19 थोक दुकानें हैं, जबकि चिल्लर देशी शराब की 312 दुकानें हैं। चिल्लर देशी शराब की 65 दुकानें ऐसी हैं, जहां बीयर शॉपी भी है। यानी यहां देशी शराब व बीयर शापी साथ-साथ है। इसके अलावा 130 बीयर शॉपी, विदेशी शराब फैक्ट्रियां 5, विदेशी शराब ट्रेड (दुकानें) 22, वाइन शॉप 123, बीयर बार (परमिट रूम) 813, क्लब 10 हैं।
एक्साइज खा रहे बिचौलिए
शहर के कई बीयर बारों में चोरी-छिपे मध्यप्रदेश की शराब बिक रही है। बिचौलिए व बार मालिक सरकार का एक्साइज खुद ही खा रहे हैं। एक्साइज विभाग दर्जनों बार मध्यप्रदेश निर्मित शराब पकड़ चुका है। हर बार यही बताया जाता है कि, शराब बंदी जिले चंद्रपुर व वर्धा में यह शराब जा रही थी।
नागपुर में बनती है डुप्लिकेट शराब
नागपुर में कई जगह डुप्लिकेट शराब बनती है। लंबे समय से एक्साइज विभाग का इस पर ध्यान नहीं गया है। जरीपटका, मानेवाड़ा व रिंग रोड के उस पार बॉटलिंग होती है। डुप्लिकेट शराब बोतल में भरकर उस पर नामी ब्रांड का लेबल लगाकर मशीन से बाटलिंग (ढक्कन) की जाती है। डेढ़ साल से इन मामलों का सामने आना बंद हो गया है। नकली शराब बिक्री से सरकार को हर महीने लाखों रुपए की एक्साइज ड्यूटी से हाथ धोना पड़ रहा है।
ढाबों पर टूट पड़ा है विभाग
एक्साइज विभाग भोजन के साथ शराब परोस रहे ढाबों पर टूट पड़ा है। इसके अलावा हाथ भट्टी से शराब के जखीरे भी पकड़े जा रहे हैं। इन कार्रवाइयों से राजस्व बढ़ने का दावा किया जा रहा है, लेकिन मध्यप्रदेश की शराब व नकली शराब बिक्री के मामले में कोई कार्रवाई सामने नहीं आ रहा है।
80 फीसदी दुकानों का डाटा ऑनलाइन
निरीक्षक, स्टेट एक्साइज विभाग रावसाहेब कोरे के मुताबिक जिले में 80 फीसदी दुकानों का डाटा ऑनलाइन हो चुका है। शेष दुकानों का डाटा भी शीघ्र ऑनलाइन करने की कोशिश है। फैक्ट्री से लेकर चिल्लर शराब दुकानों को ऑनलाइन जोड़ने की प्रक्रिया भी पूरी की जाएगी। इससे एक्साइज की चोरी पर लगाम लगेगी। शराब की बिक्री कितनी हुई यह ऑनलाइन देखा जा सकेगा। अवैध शराब बिक्री पकड़ने से राजस्व बढ़ा है। दोष सिद्धि बढ़कर 16 फीसदी से ज्यादा हुआ है। दुकानेंे व फैक्ट्रियां एक-दूसरे से ऑनलाइन जुड़े, इसके लिए तेजी से प्रयास किए जा रहे हैं।
Created On :   10 Jan 2020 6:37 PM IST