अब दिल की बीमारी के लिए जरूरी नहीं उम्रदराज होना, जिले के 47 बच्चे पाए गए हृदयरोग के शिकार

Now it is not necessary to be old for heart disease
अब दिल की बीमारी के लिए जरूरी नहीं उम्रदराज होना, जिले के 47 बच्चे पाए गए हृदयरोग के शिकार
गोंदिया  अब दिल की बीमारी के लिए जरूरी नहीं उम्रदराज होना, जिले के 47 बच्चे पाए गए हृदयरोग के शिकार

डिजिटल डेस्क, गोंदिया. दिल की बीमारी के लिए अब उम्रदराज होना जरूरी नहीं रहा।  छोटे छोटे बच्चे आजकल हृदयरोग का शिकार हो रहे हैं। पहले उम्र के 50 वर्ष बाद दिल की बीमारी के संकेत मिलते थे, लेकिन अब दिल की बीमारी ने उम्र को भी पीछे छोड़ दिया है। जिले के राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम जांच अभियान में खुलासा हुआ कि जिले के 47 बालकों में ह्दयरोग पाया गया है। जिनमें से 37 बालकों पर सफल हार्ट सर्जरी की जा चुकी है। इसी बीच जिला अंतर्गत नवेगांवबांध नवोदय विद्यालय में मंगलवार 8 नवंबर को छठवीं कक्षा मंे अध्ययनरत बालक फुटबॉल खेलते समय अचानक बेहोश हो गया। शाला प्रबंधन जब उसे उपचार हेतु अस्पताल ले गया तो चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। चिकित्सक मृत्यु का सही कारण बता नहीं पाए। गोंदिया जिले के गोरेगांव तहसील अंतर्गत ग्राम सोनी निवासी संगम खिलेश्वर बोपचे (11) नामक यह बालक भी हृदयरोगी था। इस संदर्भ में राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम अभियान के चिकित्सक डा. राहुल बिसेन बताया कि राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम जांच के दौरान उपरोक्त बालक हृदयरोगी पाया गया था। जिसकी हार्ट सर्जरी भी मुंबई में की गई थी।  समय पर जांच और परामर्श की जाए तो इस बीमारी सेे छुटकारा पाया जा सकता है।  

बता दें कि हृदय शरीर का एक महत्वपूर्ण अंग है और इसके प्रति जागरूकता बहुत जरूरी है। वर्तमान समय में कम उम्र के लोगों में भी हार्ट अटैक की समस्या सामने आने लगी है। इसके लिए विभिन्न कारण होकर बदलती लाइफ स्टाइल, खान-पान में बदलाव का भी होना है। इसके पूर्व देखा जाता था कि हृदयरोग के संकेत 50 वर्ष आयु के व्यक्तियों में पाए जाते थे, लेकिन अब छोटे बच्चों में भी हृदय रोग के संकेत पाए जा रहे हैं। जिस पर नियंत्रण पाने के लिए राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम द्वारा 18 वर्ष आयु तक के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों की स्वास्थ्य जांच की जाती है। गोंदिया के राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य अभियान द्वारा जांच की गई तो जांच में जनवरी 2022 से अब तक 47 बालकों में हृदय से संबंधित बीमारी पाई गई है। जिनमें से अब तक 37 बच्चों पर उपचार करते हुए उन की हार्ट सर्जरी की गई है, अब वे पूरी तरह से स्वस्थ्य हैं। शेष बच्चों की सर्जरी की प्रक्रिया शुरू है। लेकिन कच्ची उम्र में हृदय रोग के संकेत मिलना यह चिंता का विषय बन गया है। यदि समय पर जांच और उचित मार्गदर्शन किया गया तो दिल की बीमारी से जड़ से छुटकारा पाया जा सकता है। सभी ने दिल स्वस्थ रखने के लिए खान-पान और व्यायाम पर ध्यान देना आवश्यक है। 

Created On :   10 Nov 2022 7:26 PM IST

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