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अब घर तक पहुंचाया जाएगा आश्रम स्कूलों के बच्चों के लिए राशन
डिजिटल डेस्क, मुंबई। कोरोना संकट के चलते अब प्रदेश के आदिवासी सरकारी आश्रम स्कूल, अनुदानित आश्रम स्कूल समेत सभी आश्रम स्कूलों के विद्यार्थियों को भोजन के लिए अब घर पर अनाज पहुंचाया जाएगा। आदिवासी आश्रम स्कूलों के शिक्षक विद्यार्थियों के घर-घर जाकर अनाज का वितरण करेंगे। प्रदेश सरकार के आदिवासी विकास के सी पाडवी ने "दैनिक भास्कर’ से बातचीत में यह जानकारी दी। पाडवी ने कहा कि राज्य में सरकारी आश्रम स्कूल, अनुदानित आश्रम स्कूल, आदिवासी अंग्रेजी माध्यम के स्कूल, आदिवासी सरकारी हॉस्टलों में आदिवासी विद्यार्थियों को निवास, भोजन, गणवेश और शैक्षणिक सामग्री की सुविधा मुफ्त में दी जाती है। आश्रम स्कूलों में विद्यार्थियों को हर दिन नियमित रूप से नाश्ता और भोजन दिया जाता था। लेकिन कोरोना संकट के कारण सभी प्रकार के आश्रम स्कूल बंद हैं। आश्रम स्कूल विद्यार्थी घर पर ही रहकर ऑफलाइन पढ़ाई कर रहे हैं। इसलिए इन विद्यार्थियों के घरों में अब अनाज पहुंचाया जाएगा। इस संबंध में आदिवासी विकास विभाग की ओर से जल्द ही शासनादेश भी जारी किया जाएगा।
पाडवी ने कहा कि सरकार ने आदिवासियों के लिए खावटी योजना शुरू करने का फैसला किया है। जिसके तहत लाभार्थी आदिवासी परिवारों को 2 हजार रुपए तक की खाद्य सामग्री दी जानी है। यह खाद्य सामग्री वितरित करते समय जिन परिवारों के बच्चे आश्रम स्कूलों में पढ़ते हैं, उन्हें उनके बच्चों के हिस्से का भी अनाज साथ में दिया जाएगा। पाडवी ने कहा कि यह निर्धारित किया जाएगा कि हर कक्षा के विद्यार्थियों को कितनी मात्रा में अनाज देना है। विद्यार्थियों को अनाज वितरण के काम में आश्रम स्कूलों के शिक्षकों का सहयोग लिया जाएगा। आदिवासी विकास विभाग के अनुसार राज्य में सरकारी आदिवासी आश्रम स्कूलों की संख्या 449 है। इसमें 1 लाख 80 हजार से अधिक विद्यार्थी पढ़ते हैं। अनुदानित आश्रम स्कूलों की संख्या 556 हैं जिनमें 2 लाख 39 हजार से अधिक विद्यार्थी शिक्षा ले रहे हैं। वहीं 448 आदिवासी सरकारी सरकारी हॉस्टल में 54 हजार 156 विद्यार्थी पढ़ाई करते हैं। लेकिन कोरोना संकट के कारण फिलहाल सभी शिक्षा संस्थाएं बंद हैं।
Created On :   25 Aug 2020 6:54 PM IST