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अब भोपाल नहीं भेजने पड़ेंगे सैंपल शहर में होगी खाद्य पदार्थों की जाँच
डुमना के पास लैब बनकर तैयार, अगले महीने से शुरू होगा काम, मिलावट और फूड प्वॉइजनिंग के मामलों में जल्द मिलेगी रिपोर्ट
डिजिटल डेस्क जबलपुर । खाद्य पदार्थों में मिलावट की जाँच करने के लिए अभी सैंपल भोपाल भेज कर इंतजार करना पड़ता था और जब तक रिपोर्ट आती है, तब तक मिलावट करने वाले सामग्री बेच भी चुके होते हैं। अब शहर में ही मिलावटी खाद्य सामग्री की जाँच हो सकेगी। डुमना के पास खाद्य सुरक्षा विभाग की लैब बनकर तैयार हो गई है। अधिकारियों के अनुसार अगले महीने से ही लैब में मशीनों के लगने का काम शुरू हो जाएगा। लैब में हर दिन ढाई सौ से 3 सौ सैंपलों की जाँच हो सकेगी। प्रदेश में अभी सिर्फ भोपाल में खाद्य पदार्थों की जाँच के लिए लैब बनी है। पूरे प्रदेश का लोड होने से समय पर सैंपलों की जाँच नहीं हो पाती और न ही रिपोर्ट बन पाती है। प्रदेश में जबकि हर दिन मिलावटी सामग्री पकड़ी जा रही है। यही कारण है कि प्रदेश के अन्य जिलों में भी लैब बनाई जा रही है। इंदौर, ग्वालियर के साथ ही जबलपुर में भी लैब बन रही है। डुमना के पास बिल्डिंग बनाने का काम लगभग कम्प्लीट हो गया है। सितम्बर माह के अंत तक लैब पूरी तरह तैयार हो जाएगी। लैब बनने के बाद जबलपुर सहित रीवा, सागर और शहडोल संभाग के सैंपलों की लैब में जाँच हो सकेगी।
साढ़े 3 करोड़ से हो रहा निर्माण
लैब बनाने के लिए साढ़े 3 करोड़ रुपए खर्च किए जा रहे हैं। इसके अलावा मशीनों और फर्नीचर के लिए अलग से बजट जारी होगा। पूरी तरह से लैब में जाँच नये साल से ही शुरू हो पाएगी। भोपाल लैब में अभी तक खाद्य पदार्थों की मिलावट की जाँच तो होती थी लेकिन पेस्टीसाइड या फिर फूड प्वॉइजनिंग के मामले में सैंपल की जाँच नहीं हो पाती थी। जबलपुर की लैब में ये भी जाँचें हो सकेंगी कि गेहूँ के उत्पादन में कितना कीटनाशक मिला है। आटे की भी जाँच हो सकेगी। इसी तरह कई बार फूड प्वॉइजनिंग के मामले की रिपोर्ट लेट मिलने से कार्रवाई नहीं हो पाती है अब इसकी जाँच भी यहीं हो सकेगी। मोबाइल लैब भी मिल गई है उससे भी मौके पर पहुँचकर जाँच की जा सकेगी।
दो साल बाद भी नहीं आई रिपोर्ट
प्रदेश में जब कांग्रेस की सरकार थी उस समय बड़ी मात्रा में सैंपल लिए गए थे, जाँच होने के बाद भी कई मामले तो ऐसे हैं कि दो साल बीतने के बाद भी रिपोर्ट नहीं आई। जिन प्रकरणों की रिपोट्र््स आ भी गईं तो उनमें से ज्यादा प्रकरण अपर कलेक्टर न्यायालय में अटके हैं जिससे मिलावट करने वालों के हौसले बुलंद हैं।
Created On :   4 Aug 2021 1:55 PM IST