अब अंतरजातीय नहीं केवल अंतरधार्मिक विवाह करने वाली लड़कियों की जानकारी जुटाएगी सरकारी समिति 

Now the government committee will collect information about girls who marry not only inter-caste but inter-religious
अब अंतरजातीय नहीं केवल अंतरधार्मिक विवाह करने वाली लड़कियों की जानकारी जुटाएगी सरकारी समिति 
शासनादेश जारी   अब अंतरजातीय नहीं केवल अंतरधार्मिक विवाह करने वाली लड़कियों की जानकारी जुटाएगी सरकारी समिति 

डिजिटल डेस्क, मुंबई. प्रदेश की शिंदे-फडणवीस सरकार ने विपक्ष के आलोचना के बाद अंतरधार्मिक और अंतरजातीय विवाह-परिवार समन्वय समिति के गठन संबंधी फैसले पर दो कदम पीछे हट गई है। इस विवाह परिवार समन्वय समिति में सेअंतरजातीय शब्द को हटा दिया है। अब केवल राज्य अंतरधार्मिक विवाह से संबंधी मामले के लिए विवाह-परिवार समन्वय समिति काम करेगी। समन्वय समिति अंतरधार्मिक विवाह करने वाली लड़कियों की जानकारी जुटाएगी। गुरुवार को राज्य के महिला व बाल विकास विभाग ने एक नया शासनादेश जारी करके पहले गठित राज्य स्तरीयअंतरधार्मिक और अंतरजातीय विवाह-परिवार समन्वय समिति में संशोधन किया है। सरकार ने विवाह-परिवार समन्वय समिति में से "अंतरजातीय" शब्द को हटा दिया है। राज्य में अब केवल "अंतरधार्मिक विवाह-परिवार समन्वय समिति" होगी। 13 सदस्यों वाली राज्य स्तरीय अंतरधार्मिक विवाह-परिवार समन्वय समिति के अध्यक्ष प्रदेश के महिला व बाल विकास मंत्री मंगल प्रभात लोढ़ा होंगे। 

समिति करेगी यह कार्य

अंतरधार्मिक विवाह-परिवार समन्वय समिति की ओर से एक हेल्पलाइन नंबर जारी किया जाएगा। अंतरधार्मिक विवाह करने वाली लड़कियों और महिलाओं की कुछ शिकायतें मिलती हैं तो समिति उसकी जांच कर उचित कार्यवाही करेगी। सरकार के शासनादेश के अनुसार समन्वय समिति अंतरधार्मिक नए विवाह करने वाली लड़कियों-महिलाओं और उनके परिवार से संपर्क स्थापित करके यह पूछेगी कि क्या विवाहितलड़की और परिवार एक-दूसरे के संपर्क में हैं अथवा नहीं? इस बारे में जानकारी जुटाएगी। अंतरधार्मिक विवाह करने और परिवार के संपर्क में नहीं रहने वाली महिलाओं से उनके माता-पिता का पता लेकर उन्हें जानकारी देगी। माता-पिता इच्छुक न होने पर विशेषज्ञ समुपदेशक के द्वारा काउंसलिंग करेगी। इस समन्वय समिति पंजीकृत विवाह, गैर पंजीकृत अंतरधार्मिक विवाह, धार्मिक स्थलों पर होने वाले अंतरधार्मिक विवाह और भाग कर जाने वाले अंतरधार्मिक विवाहकी विभागीय और जिला स्तर के अधिकारियों के साथ बैठक करके समीक्षा करेगी। सरकार के समन्वय समिति को अंतरधार्मिक विवाह संबंधी समस्याओं, नीति, कानून और कल्याणकारी उपक्रमों को लेकर केंद्र सरकार और राज्य सरकार की योजनाओं का अध्ययन करना होगा। साथ ही उसमें आवश्यक बदलाव के लिए सिफारिश भी करनी होगी। समन्वय समिति की सिफारिशों के बाद राज्य सरकार की ओर से उचित फैसला लेने के बाद समिति का कार्य समाप्त हो जाएगा।

अंतरधार्मिक विवाह रोकने सरकार की साजिशः हुसैन दलवाई 

दूसरी ओर कांग्रेस के पूर्व सांसद व प्रदेश कांग्रस के उपाध्यक्ष हुसैन दलवाई ने कहा है कि राज्य की शिंदे-फडणवीस सरकार विवाह समन्वय समिति की आड़ में अंतरधार्मिक विवाह का विरोध करना चाहती है। सरकार महिलाओं के खिलाफ काला कानून लाना चाहती है। सरकार महिला सुरक्षा के नाम पर व्यक्तिगत जीवन में हस्तक्षेप करने की कोशिश कर रही है। सरकार की इस समिति का समस्त महिलाओं को विरोध करना चाहिए। 

इसके पहले गत 13 दिसंबर को सरकार के महिला व बाल विकास विभाग ने अंतरधार्मिक और अंतरजातीय विवाह-परिवार समन्वय समिति गठित करने को लेकर शासनादेश जारी किया था। जिस पर विपक्ष ने सरकार की इस समिति के उद्देश्य पर ही सवाल खड़े किए थे। जिसके बाद राज्य के महिला व बाल विकास मंत्री लोढ़ा ने सफाई देते हुए कहा कि सरकार की समन्वय समिति केवल अंतरधार्मिक विवाह से जुड़े मामले के लिए बनाई गई है। सरकार की समिति अंतरजातीय विवाह को लेकर नहीं है। उलटे सरकार ने अंतरजातीय विवाह को समर्थन दिया है। अंतरधार्मिक विवाह करने वाली लड़कियों की तरफ से कोई शिकायतें मिलती हैं तो समिति केवल समन्वय की भूमिका निभाएगी। यह समिति खुद किसी के पास नहीं जाएगी। लोढ़ा ने कहा था कि श्रद्धा वालकर हत्या जैसे मामले को रोकने की दृष्टि से समिति बनाई गई है।

 

Created On :   15 Dec 2022 8:54 PM IST

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