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अब मुख्य चौराहों पर लगेगी शराब बेचने वालों की लिस्ट
डिजिटल डेस्क, देसाईगंज(गड़चिरोली)। गांव में लगातार बढ़ रही शराब बिक्री के कारण शांति एवं सुव्यवस्था भंग होने के बाद भी पुलिस विभाग द्वारा संबंधितों पर कार्रवाई नहीं किए जाने से अब तहसील की 6 ग्राम पंचायतों ने शराब बिक्री पर लगाम कसने कड़े कदम उठाने का फैसला लिया है। फैसले के तहत अब गांव के मुख्य चौक में शराब विक्रेताओं की सूची प्रकाशित कर संबंधित शराब विक्रेताओं के नाम सरकारी योजनाओं की सूची से पूरी तरह रद्द करने का निर्णय लिया है। इस तहर की कार्रवाई करने के बाद भी यदि शराब विक्रेताओं द्वारा गांव में शराब की बिक्री की गई तो पुलिस की मदद से संबंधित को गांव से तड़ीपार किया जाएगा। इस आशय का फैसला तहसील के शंकरपुर ग्राम पंचायत में आयोजित विशेष ग्रामसभा में लिया गया। फैसले के कारण अब संबंधित ग्राम पंचायतों के शराब विक्रेताओं में खलबली मच गई है। तहसील के शंकरपुर, कोरेगांव, कुरूड़, कोंढाला, शिवराजपुर और तुलशी ग्राम पंचायत ने इस तरह के सख्त कदम उठाए हैं। यहां बता दें कि, राज्य सरकार ने आदिवासी बहुल और नक्सल प्रभावित गड़चिरोली िजले में 1993 में शराब बंदी कानून लागू किया है। इसके बावजूद आज समूचे जिले में शराब की नदियां बह रही है। शराब बिक्री रोकने पुलिस प्रशासन पर जिम्मेदारी सौंपी गई है, लेकिन पुलिस द्वारा भी विक्रेताओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई नहीं हो पा रही है। फलस्वरूप शहरों समेत गांवों में भी इन दिनों शराब बिक्री का व्यवसाय फल-फूल रहा है। देसाईगंज तहसील की उक्त सभी छह ग्राम पंचायतों के तहत आने वाले गांवों में पिछले अनेक महीनों से शराब की बिक्री अपने चरम पर है। गांवों में शराबबंदी दल की स्थापना की गई है।
समिति के माध्यम से अनेक बार विक्रेताओं से चर्चा कर उनसे शराब की बिक्री बंद करने की सूचना दी गई, लेकिन विक्रेताओं द्वारा शराब की बिक्री बंद नहीं की गई। इतना ही नहीं संबंधितों के खिलाफ अनेक बार पुलिस में शिकायत भी की गई, लेकिन किसी तरह की कार्रवाई नहीं किए जाने से शराब विक्रेताओं के हौसले और अधिक बुलंद होते जा रहे हैं। इसी कारण शनिवार को तहसील के शंकरपुर ग्राम पंचायत कार्यालय में 6 ग्रापं के लिए विशेष ग्रामसभा का आयोजन किया गया। ग्रामसभा में सभी ग्रापं कार्यालयों के फलक में शराब विक्रेताओं के नामों की सूची प्रकाशित करने का फैसला लिया गया। साथ ही शराब की बिक्री बंद नहीं हुई तो संबंधित शराब विक्रेताओं को किसी भी सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं देने का निर्णय लिया गया। इतना ही नहीं संबंधित विक्रेताओं के बच्चों को भी शिक्षा के लिए आवश्यक रमाणपत्र नहीं देने का फैसला लिया गया। ग्राम पंचायतों के इस तरह के फैसले के कारण अब संबंधित शराब विक्रेताओं में खलबली मच गई है।
Created On :   3 Oct 2022 9:52 AM GMT