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अब यौन अपराधियों की तैयार हो रही है लिस्ट
डिजिटल डेस्क, मुंबई। साकीनाका दुष्कर्म मामले से हरकत में आई मुंबई पुलिस ने महिलाओं के खिलाफ अपराध रोकने के लिए बलात्कार और छेड़छाड़ के मामलों में गिरफ्तार हो चुके आरोपियों की सूची तैयार कर उन पर नजर रखेगी। मुंबई पुलिस आयुक्त हेमंत नागराले ने सोमवार को मुंबई के सभी अधिकारियों, पुलिस स्टेशनों और संबंधित विभागों को 11 दिशानिर्देशों की सूची भेजी है और उस पर तुरंत अमल करने की हिदायत दी है।
नागराले ने यौन अपराधियों की सूची तैयार करने के साथ पुलिस स्टेशनों को निर्देश दिया है कि अगर उनके इलाके में ऐसे रेलवे स्टेशन हैं जहां लंबी दूरी की गाड़ियां आतीं हैं तो उसके बाहर रात 10 बजे से सुबह 7 बजे तक पेट्रोलिंग वाहन खड़े रखे जिससे जरूरत पड़ने पर महिलाएं मदद मांग सके। रात में अकेली महिला को देखने पर उसे सुरक्षित ठिकाने तक पहुंचाने के निर्देश भी नागराले ने पुलिसकर्मियों को दिए हैं। संदिग्धों, नशेड़ियों, लावारिस वाहनों को लेकर भी पुलिस को सख्ती बरतने को कहा गया है।
नियंत्रण कक्ष को भी निर्देश दिए गए हैं कि महिलाओं से जुड़े किसी भी फोन की अनदेखी न करें और उस पर तुरंत कार्रवाई करें। सुनसान इलाकों में रोशनी और सीसीटीवी लगाने के लिए पुलिसकर्मियों को महानगर पालिका से संपर्क करने को कहा गया है। साथ ही इन जगहों पर क्यूआर कोड लगाने को भी कहा गया है जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि गस्त पर निकलने पुलिसवाले वहां तक पहुंचे थे। महिला शौचालयों के पास भी रोशनी और सुरक्षा की पर्याप्त व्यवस्था करने को कहा गया है।
तीन साल से नहीं हुई भर्ती
मुंबई में पिछले तीन सालों से पुलिसकर्मियों की भर्ती नहीं हुई है और करीब आठ हजार पद खाली है। हालांकि पुलिस आयुक्त हेमंत नागराले ने दावा किया कि रिक्त पदों का ज्यादा नुकसान नहीं हो रहा है क्योंकि पुलिस स्टेशनों में पर्याप्त पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं और ज्यादातर रिक्त पद लोकल आर्म्स डिविजन जैसे कम अहम विभागों में रखे गए हैं। मुंबई में फिलहाल 45 हजार पुलिसवाले तैनात हैं।
मुंबई में महिलाओं के खिलाफ नहीं कम हो रहे अपराध
महानगर में महिलाओं के खिलाफ अपराध लगातार बढ़ रहे हैं। पिछले साल लॉकडाउन के दौरान इसमें कुछ कमी जरूर आई थी लेकिन लॉकलाउन खुलते ही अपराध एक बार फिर बढ़ने लगे हैं। यही नहीं इस दौरान महिलाओं के खिलाफ अपराध सुलझने की दर लगातार कम हो रही है। इस साल अब तक दर्ज मामलों में 26 फीसदी सुलझ नहीं पाए हैं।
साल महिलाओं के खिलाफ अपराध फीसदी मामले सुलझे
2016 5177 72
2017 5427 80
2018 5978 81
2019 6438 83
2020 4549 77
2021 (अगस्त) 3515 74
Created On :   13 Sept 2021 9:25 PM IST