अब बच्चा गोद लेने की प्रक्रिया हुई सरल, कोर्ट की बजाय जिलाधिकारी कार्यालय में होगी प्रक्रिया  

Now the process of adopting a child has become simpler
अब बच्चा गोद लेने की प्रक्रिया हुई सरल, कोर्ट की बजाय जिलाधिकारी कार्यालय में होगी प्रक्रिया  
आसानी अब बच्चा गोद लेने की प्रक्रिया हुई सरल, कोर्ट की बजाय जिलाधिकारी कार्यालय में होगी प्रक्रिया  

डिजिटल डेस्क, गोंदिया. केंद्रीय दत्तक प्राधिकरण नई दिल्ली द्वारा बच्चों को दत्तक लेने की प्रक्रिया सरल की गई है। अब कोर्ट की बजाय जिलाधिकारी तथा जिला दंडाधिकारी व अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी कार्यालय की ओर से दत्तक प्रक्रिया पूर्ण की जाएगी। जिसके कारण बच्चे दत्तक लेने की प्रक्रिया अब अधिक सुलभ एवं सरल हो गई है। बाल न्याय (बच्चों की देखभाल और संरक्षण) अधिनियम 2015, सुधारित अधिनियम 2021 एवं बाल न्याय (बच्चों की देखभाल और संरक्षण) सुधार आदर्श नियम 2022 की नियमावली का क्रियान्वयन आसान करने की दृष्टि से यह सुधार किया गया है। अनाथ, त्याग दिए, रक्त के संबंध अथवा सौतेले पिता दत्तक प्रक्रिया अंतर्गत बच्चे को दत्तक देने के संबंध में अवैध दत्तक प्रक्रिया पर नियंत्रण लगाने की दृष्टि से जिला महिला एवं बाल विकास अधिकारी कार्यालय एवं जिला बाल संरक्षण कक्ष गोंदिया के अंतर्गत 14 नवंबर 2022 से जिला स्तर पर अंतरराष्ट्रीय दत्तक माह मनाया जाएगा। इस दौरान दत्तक विधान के विषय में शाला, महाविद्यालय के साथ ही महिला सभा एवं ग्रामसभा में विभाग के माध्यम से जनजागृति की जाएगी। बच्चा दत्तक लेने के विषय में www.cara.nic.in पोर्टल पर पंजीकरण करना आवश्यक होगा। पोर्टल पर उपलब्ध बच्चों की संख्या के आधार पर प्रतीक्षा सूची तैयार की जाती है एवं उसके बाद दत्तक संस्था (शिशुगृह) में दाखिल किए गए बच्चों की उपलब्धता के अनुसार जरूरतमंद एवं पात्र दंपत्ति को बालक दत्तक दिए जाते हैं। इच्छुक दत्तक पालकों को उपरोक्त पोर्टल पर पंजीकरण कर 30 दिन के भीतर आवश्यक दस्तावेज अपलोड करने पड़ते हैं। शिशुगृह अथवा जिला बाल संरक्षण कक्ष की ओर से गृहभेंट का अहवाल अपलोड किया जाता है एवं एक माह के अंतर से 3 बच्चों का संदर्भ दिया जाता है। जिसके बाद 48 घंटे के भीतर बच्चे की निश्चिती करने के बाद दत्तक समिति द्वारा पालकों का मूल्यांकन किया जाता है। महिला एवं बाल विकास विभाग को प्राप्त आवेदन एवं आवश्यक सभी दस्तावेज जिलाधिकारी के सामने प्रस्तुत करने पड़ते है। जिसके बाद जिलाधिकारी सुनवाई लेकर 60 दिन के भीतर बालक को दत्तक देने के आदेश दे सकते हैं। बालक दत्तक प्रक्रिया के विषय में अधिक जानकारी के लिए जिला महिला और बाल विकास अधिकारी एवं जिला बाल संरक्षण अधिकारी कार्यालय गोंदिया से संपर्क करने का आह्वान जिला महिला एवं बाल विकास अधिकारी तुषार पौनीकर ने किया है। 
 

 
 

Created On :   11 Nov 2022 7:48 PM IST

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