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अब पीसीआर में स्टेशनरी घोटाले के खुलेंगे राज
डिजिटल डेस्क, नागपुर। फर्जी फाइलें तैयार कर मनपा के स्वास्थ्य विभाग में 67 लाख का स्टेशनरी घोटाला करने वाले ठेकेदार सहित चार लोगों को 22 दिसंबर तक पुलिस ने हिरासत में लिया है। पीसीआर के दौरान पूछताछ में कई राज उजागर हो सकते हैं। सामने इस मामले में सदर पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ भादंवि की धारा 420 समेत अन्य धाराओं में मामला दर्ज कर मुख्य आरोपी पद्माकर साकोड़े और भतीजे अतुल साकोड़े तथा मनपा के दो कर्मचारियों को गिरफ्तार किया है। स्वास्थ्य विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ ही पूरे विभाग को लंबे समय से अनियमितता की जानकारी होने के बाद भी मामले को दबाया गया। मनपा के स्टोर विभाग में अब भी महत्वपूर्ण दस्तावेजों को जांच समिति के सामने नहीं लाया गया है।
चारों आरोपियों से पुलिस करेगी पूछताछ
13 दिसंबर को मनपा के स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. संजय चिलकर ने सदर पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी। शिकायत में आरोपी ठेकेदार पद्माकर कोलाबा साकोड़े, पत्नी सुष्मा साकोड़े, भाई मनोहर साकोड़े और भतीजे अतुल साकोड़े पर 41 फर्जी फाइलों को तैयार कर 67 लाख का फर्जी रूप से बिल भुगतान लेने का आरोप लगाया गया है। मनपा के स्वास्थ्य विभाग में स्टेशनरी घोटाले के मामले में गिरफ्तार ठेकेदार चाचा पद्माकर कोलाबा साकोड़े और भतीजा अतुल साकोड़े, वित्त विभाग के आॅडिटर मोहम्मद अफाक अहमद और जीएडी के कर्मचारी मोहन पड़वंशी को न्यायालय में प्रस्तुत किया गया। मुख्य न्यायदंडाधिकारी एस आर तोतला की अदालत में पेश किया गया। चारों आरोपियों को न्यायाधीश ने 22 दिसंबर तक पीसीआर दिया है। पुलिस ने आरोपियों से गहन पूछताछ के लिए पांच दिन के पीसीआर की मांग की थी। अब पुलिस चारों आरोपियों को आमने-सामने बिठाकर पूछताछ करेगी।
मंगलवार को दो अधिकारियों की पेशी
कार्यकारी अभियंता नरेश बोरकर और अभियंता संजय नागदिवे के आईडी और पासवर्ड का इस्तेमाल कर सानिस गोखे के माध्यम से ठेकेदार साकोड़े ने कई फर्जी बिल उठाए हैं। इस मामले में नरेश बोरकर और संजय नागदिवे को नोटिस जारी किया गया है। सोमवार को समिति के समक्ष दोनों अधिकारियों को उपस्थित होना था, लेकिन अत्यावश्यक कार्याें के चलते बोरकर नहीं आ पाए। अब दोनों अधिकारियों को मंगलवार को प्रस्तुत होकर पक्ष रखने का निर्देश दिया गया है।
समिति ने शुरू की फाइलों की जांच
मनपा ने स्वास्थ्य विभाग के साथ ही जन्म-मृत्यु विभाग और घनकचरा व्यवस्थापन कक्ष के सभी बिल की जांच आरंभ की है। इसके लिए 6 सदस्यों की समिति बनाई गई है। समिति में अतिरिक्त आयुक्त दीपककुमार मीणा के अलावा अतिरिक्त आयुक्त राम जोशी, उपायुक्त रवींद्र भेलावे, कर विभाग के उपायुक्त मिलिंद मेश्राम, श्वेता बनर्जी का समावेश है। जांच समिति इन विभागों में 1 जनवरी 2021 से अब तक के 3 लाख तक और इससे अधिक राशि के सभी बिलों की जांच कर रही है। इन बिलों को तैयार करने, जांच करने और मंजूर करने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों के दस्तावेजों की जांच की जा रही है।
ऐसा रहा घटनाक्रम
13 दिसंबर को एफआईआर पद्माकर कोलाबा साकोड़े पर 41 फर्जी फाइलों को तैयार कर 67 लाख का बिल का भुगतान लेने का आरोप।
{14 दिसंबर को पद्माकर कोलाबा साकोड़े ने 67,08,630 लाख रुपए का भुगतान वापस कर फाइलें मनपा को लौटाई ।
{15 दिसंबर को 6 अधिकारियों और कर्मचारियों को निलंबित कर विभागीय जांच आरंभ की गई।
{16 दिसंबर को सदर पुलिस ने पद्माकर साकोड़े और भतीजे अतुल साकोड़े समेत 90 ठेकेदारों के खिलाफ 1.4 करोड़ की अनियमितता का मामला दर्ज किया।
{17 दिसंबर को पद्माकर साकोड़े और अतुल साकोड़े को गिरफ्तार कर 20 दिसंबर तक पीसीआर लिया गया।
{17 दिसंबर को मनपा ने प्रोजेक्ट विभाग के कर्मचारी सानिस गोखे को नोटिस जारी कर जांच आरंभ की।
{18 दिसंबर को सदर पुलिस ने वित्त एवं लेखा विभाग में आडिटर मोहम्मद अफाक अहमद और सामान्य प्रशासन विभाग के कर्मचारी मोहन पड़वंशी को गिरफ्तार किया।
Created On :   21 Dec 2021 7:27 PM IST