अब जंगल में लगेगी आग, तो पहले गांववालों को मिलेगा मैसेज

Now there will be fire in the forest, then villagers will get message first
अब जंगल में लगेगी आग, तो पहले गांववालों को मिलेगा मैसेज
अब जंगल में लगेगी आग, तो पहले गांववालों को मिलेगा मैसेज

डिजिटल डेस्क, नागपुर। अब जंगल में लगनेवाली आग को बुझाने के लिए पहले गांव के लोग पहुंचेगे। लगातार बढ़ती आग की घटनाओं के कारण अब फॉरेस्ट सर्वे ऑफ इंडिया की ओर से गांववालों को मैसेज भेजा जाएगा। जंगल के समीप रहने के कारण मैसेज मिलते ही गांववाले तुरंत घटनास्थल पर पहुंच आग बुझाने का प्रयास कर सकेंगे। हालांकि यह संदेश अन्य वन कर्मचारियों से लेकर अधिकारियों तक पहुंचने से तुरंत वन विभाग की भी टीम यहां पहुंच सकेगी। ऐसे में इस ग्रीष्म में आग की घटनाओं पर वन विभाग रोक लगाने का आश्वासन दे रहा है।

दक्षिण उमरेड, उत्तर उमरेड, नरखेड, कोंढाडी, काटोल, हिंगणा, देवलापार, पारशिवनी, रामटेक, पवनी, कलमेश्वर, सेमिनरी हिल्स, बुट्‌टीबोरी, खापा आदि इलाकों में शाकाहारी वन्यजीव जैसे जंगली खरगोश, हिरण, काले हिरण, नीलगाय, जंगली सुअर आदि की मौजूदगी होती है। इन वन परीक्षेत्र के आस-पास गांव भी बसें हैं। कई कारणों से जंगल में आग लग जाती है। जो मिनटों में कई हेक्टर एरियां को खाक कर देती है। आग की घटना का तुरंत पता चलने के लिए वन विभाग फॉरेस्ट सर्वे ऑफ इंडिया पर निर्भर रहता है। 

नासा और इसरो की सेटलाइट की मदद से विभाग को जंगल में लगी आग की जानकारी देती है। लेकिन भलेही आग लगने के बाद संबंधित कर्मचारी व अधिकारी को इसकी जानकारी मिलती है। लेकिन प्वाइंट से आग लगने की जगह 40 किमी तक दूर रहने से वन विभाग के पहुंचते-पहुंचते छोटी आग विकराल रुप धारन कर लेती है। जिससे वन्यजीवों से लेकर जंगली क्षेत्र को नुकसान होता है। प्रति वर्ष आग का प्रमाण बढ़ भी रहा है। ऐसे में अब वन विभाग ने जंगल क्षेत्र से के आस-पास रहनेवाले गांववालों की मदद लेना शुरू कर दिया है। 

संयुक्त वन व्यवस्थापन समिति की नाम से शुरू की गई समिति में गांव के सरपंच को या एक्टिव व्यक्ती को अध्यक्ष बनाया जा रहा है। जिसका नंबर फॉरेस्ट सर्वे ऑफ इंडिया को दिया जाएगा। ऐसे में संबंधीत विभाग द्वारा आग लगने की जानकारी जब वन विभाग को भेजी जाएगी, तो मैसेज संबंधित गांव के अध्यक्ष को भी जाएगा। जिसके तुरंत बाद ही गांव निवासी घटनास्थल पर पहुंच अपने स्तर पर आग बुझाने का प्रयास करनेवाली है। इसके लिए वन विभाग सब को पारितोषिक भी देनेवाला है। नाम और सम्मान के लिए ग्राम निवासियों की ओर से वन विभाग को मदद की अपेक्षा की जा रही है।

Created On :   24 Feb 2020 6:48 PM IST

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