अब थानेदार के कक्ष में होने वाली सारी बातों की होगी रिकाॅर्डिंग

Now there will be recording of all the things happening in the policemen  room
अब थानेदार के कक्ष में होने वाली सारी बातों की होगी रिकाॅर्डिंग
अब थानेदार के कक्ष में होने वाली सारी बातों की होगी रिकाॅर्डिंग

डिजिटल डेस्क, नागपुर। थानों से फरियादियों को अब दुत्कार कर भगाना आसान नहीं होगा। शिकायत लेकर पहुंचे व्यक्ति को गंभीरता से सुनना होगा और आगे की कार्रवाई भी करनी होगी। अब थानेदारों की मनमर्जी नहीं चलेगी। जी हां, थानेदारों में फरियादियों के साथ होने वाली बदसलूकी, शिकायतों पर सुनवाई नहीं करना आदि शिकायतों में बढ़ोतरी हुई तो सरकार ने भी नए सिरे से सोचना शुरू कर दिया। थानों की निगरानी के लिए सीसीटीवी कैमरे पहले से ही लगे हुए हैं, अब थानेदारों के कक्षों की भी निगरानी के निर्देश दे दिए गए हैं। गृहमंत्री अनिल देशमुख ने बाकायदा सभी थानेदारों के कक्षों में सीसीटीवी कैमरे लगाने के निर्देश दे दिए हैं। ये कैमरे वहां के दृश्य के साथ ही वॉयस भी रिकॉर्ड करेंगे। ताकि यह जानकारी भी हो जाए कि आखिर थानेदार से बातचीत क्या हुई।

प्रदेश के 36 जिलों में नई व्यवस्था
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार गृहमंत्री अनिल देशमुख के आदेश पर राज्य के 36 जिलों के प्रत्येक पुलिस थाने के थानेदार के कक्ष में भी सीसीटीवी कैमरे लगाए जाने का आदेश दिया गया है। यह काम तीन माह में पूरा करना है। गृहमंत्री के इस आदेश से थाने पहुंचने वाले पीड़ितों को न्याय मिलने की उम्मीद जगी है।

नागपुर जिले के थानों में होगी निगरानी
नागपुर जिले के 33 थानों की निगरानी बढ़ाई जाएगी। इन थानों के चप्पे-चप्पे पर सीसीटीवी से नजर रखी जाएगी। थानेदारों के कक्ष में कई बार मारपीट करने वाले ही घुसकर उन्हें गलत जानकारी दे देते हैं ऐसे में पीड़ित के साथ कई बार नाइंसाफी हो जाती है। अब ऐसा नहीं होगा। थानेदार के कक्ष में लगा सीसीटीवी कैमरा आधुनिक होगा, जिसमें आवाज से लेकर दृश्य तक बेहतर क्वालिटी में रिकॉर्ड होगा। 

शिकायत नहीं सुनी तो होगी थानेदार की जिम्मेदारी
थानेदारों के कक्षों में सीसीटीवी कैमरे लगाए जाने के बाद थाने की हर हलचल रिकॉर्ड होगी। थानेदार से कब, कौन मिलने आया, यह भी रिकॉर्ड होगा। उनसे बातचीत क्या हुई। कितनी देर थानेदार के कक्ष में वह व्यक्ति रहा। यह सारी जानकारियां वरिष्ठ अफसरों को आसानी से मिल सकेंगी। पुलिस को थाने में आने वाले हर शिकायतकर्ता को सुनना पड़ेगा। इसमें कोताही नहीं हो सकेगी। शिकायत नहीं सुनी जाने पर थानेदार को जिम्मेदार माना जाएगा। इतना ही नहीं उसकी शिकायत में कोई बात गंभीर निकली तो एफआईआर भी दर्ज करनी होगी। 

एफआईआर दर्ज नहीं करने का कारण बताना होगा
किसी भी फरियादी की शिकायत पर अगर एफआईआर दर्ज नहीं की जाएगी, तो इसका कारण बताना होगा। बाकायदा समय-समय पर इसकी जांच की जाएगी। अगर लापरवाही सामने आई तो संबंधित अधिकारी-कर्मचारी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

Created On :   28 Feb 2020 12:38 PM IST

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