प्रदेश का नम्बर-1 जिला अस्पताल मिला बीमार, अधिकारियों को निरीक्षण में मिलीं कई खामियां

Number 1 district hospital in the state was found sick, officials found many flaws in inspection
प्रदेश का नम्बर-1 जिला अस्पताल मिला बीमार, अधिकारियों को निरीक्षण में मिलीं कई खामियां
प्रदेश का नम्बर-1 जिला अस्पताल मिला बीमार, अधिकारियों को निरीक्षण में मिलीं कई खामियां


डिजिटल डेस्क सिवनी।  कायाकल्प अभियान के तहत जिला अस्पताल के निरीक्षण के लिए जबलपुर से आई चिकित्सकों की तीन सदस्यीय टीम को शनिवार को कई खामियां मिलीं। लेबर रूम का निरीक्षण करते समय टीम लीडर डॉ. संजय मिश्रा उस समय चकित रह गए जब उन्होंने लेबर रूम में फायर एग्जिट खोलने को कहा। यहां जिस दरवाजे को फायर एग्जिट दर्शाते हुए बोर्ड लगाया गया था, वह काफी प्रयास के बावजूद नहीं खुला। मौके पर मौजूद अमला दरवाजे की कुण्डी खोलकर काफी देर तक धकेलता रहा। बाद में सामने आया कि दरवाजे के पीछे वार्ड है और दरवाजे से सटाकर मरीज का पलंग लगाया गया है। इस पर टीम लीडर डॉ. मिश्रा ने आश्चर्य जाहिर करते हुए सवाल दाग दिया कि लेबर रूम में आग लगने पर भागना कहां से है, जिसका जवाब कोई नहीं दे पाया। निरीक्षण के दौरान कुछ अन्य खामियां भी सामने आईं। टीम को अस्पताल तो काफी अच्छा लगा, लेकिन स्टाफ को ट्रेनिंग की खामी पायी गई। बायोमेडिकल वेस्ट मैनेजमेंट, इन्फेक्शन कंट्रोल के लिए बनी कमेटी में सरकार के निर्देशों के तहत सदस्य न होना पाए गए। आग्जिलरी सर्विस का रिकार्ड रूम बनाने की जरूरत के साथ ही अस्पताल कैम्पस की साफ-सफाई और बेहतर तरीके से करने की आश्वयकता भी टीम द्वारा जताई गई। इससे पहले जबलपुर से आने के बाद टीम ने जैसे ही अस्पताल के मुख्य द्वार से भीतर प्रवेश किया था, सामने मवेशी टहलते मिले। टीम अस्पताल के मुख्यद्वार में कोई गेट न होने को लेकर चकित रही।
कोना-कोना देखा-
जिला अस्पताल के फाइनल असेसमेंट के लिए आई टीम ने अस्पताल के कोने-कोने का निरीक्षण किया गया। कायाकल्प अभियान के तहत सात सेक्शन के आधार पर टीम समस्त वार्डों, ऑपरेशन थियेटर, केजुअल्टी, इंमरजेंसी, कैम्पस, किचिन, साफ-सफाई की स्थिति, संक्रमण नियंत्रण व्यवस्था सहित निर्धारित मानकों के तहत निरीक्षण किया। टीम अपनी रिपोर्ट में कुल 600 अंकों के आधार पर जिला अस्पताल के अंकों का निर्धारण करेगी। इसके बाद प्रदेश के नंबर वन अस्पताल का निर्धारण किया जाएगा। वर्ष 2019-20 में सिवनी पूरे प्रदेश में नंबर वन आया था।  
निश्चेतना विशेषज्ञ की शिकायत-
टीम निरीक्षण कर रही थी तो मरीज शिकायत करने पहुंच गए। मरीजों ने अस्पताल की निश्चेतना विशेषज्ञ डॉ. पुष्पा टेकाम की शिकायत करते हुए टीम को बताया कि सीजेरियन इमरजेंसी केस होता है, लेकिन इसके बावजूद उनके द्वारा जो टेस्ट जरूरी नहीं वे कराने को कहा जाता है। मेडिकल चेकअप नहीं होगा, तब तक सीजेरियन न करने की बात की जाती है। गायनिक विभाग की कई अन्य अव्यवस्थाओं से भी टीम को अवगत कराया गया। टीम लीडर डॉ. संजय मिश्रा से संपर्क किए जाने पर उन्होंने इसकी पुष्टि भी की।
टीम में ये रहे शामिल-
जिला अस्पताल का फाइनल असेसमेंट करने जबलपुर से आई टीम में एल्गिन अस्पताल के डॉ. संजय मिश्रा टीम लीडर रहे, वहीं दो अन्य सदस्यों में विक्टोरिया अस्पताल के डॉ. संजय जैन व डॉ. नीरज निगम शामिल रहे। निरीक्षण के दौरान सिविल सर्जन डॉ. विनोद नावकर, मेडिकल ऑफिसर डॉ. पी सूर्या, सहायक अस्पताल प्रबंधक दशन पंद्राम, मेडिकल विशेषज्ञ डॉ. दीपक अग्निहोत्री, डॉ. वर्षा ठाकुर, डॉ. चेतना वांद्रे, डॉ. ज्योति झारिया, समता वासनिक, विंदेश्वरी पटले, त्रिवेश मेश्राम आदि मौजूद रहे।  
इनका कहना है-
कायाकल्प अभियान के तहत सिवनी जिला अस्पताल का फाइनल असेसमेंट निरीक्षण किया गया है। निरीक्षण के दौरान कुछ खामियां सामने आई हंै, जिनमें सुधार की आवश्यकता है। लेबर रूम में फायर एग्जिट का दरवाजा ही नहीं खुला। गायनिक विभाग को लेकर भी शिकायत मिली।
- डॉ. संजय मिश्रा, टीम लीडर, कायाकल्प अभियान

Created On :   6 Feb 2021 10:12 PM IST

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