जानिए, नागपुर सहित वदर्भ में संक्रमितों की संख्या, अब सीरो सर्वे से सामने आएगा कोरोना का सच

Number of Corona infected halts in Nagpur
जानिए, नागपुर सहित वदर्भ में संक्रमितों की संख्या, अब सीरो सर्वे से सामने आएगा कोरोना का सच
जानिए, नागपुर सहित वदर्भ में संक्रमितों की संख्या, अब सीरो सर्वे से सामने आएगा कोरोना का सच

डिजिटल डेस्क, नागपुर। कोरोना संक्रमितों और मृतकों की संख्या लगातार कम हो रही है। रविवार को 6 की जान गई है, जो शहर के ही हैं। 272 नए मरीज मिले हैं। 331 मरीज डिस्चार्ज हुए। 

जिले में कोरोना संक्रमितों की संख्या थमी, पर परेशानी कायम

कोरोना संक्रमितों की संख्या में लगाम लग चुकी है। रोजाना 200 से 400 के बीच नए संक्रमितों की संख्या थम रही है और अच्छी बात यह भी है कि यह आंकड़ा लगातार स्थिर बना हुआ है। अगस्त और सितंबर माह में जिले में बड़ी संख्या में संक्रमित मिले थे। कोरोना से ठीक होने के बाद भी कई मरीजों को समस्याएं हो रही हैं। इसके लिए विशेष पोस्ट कोविड ओपीडी शुरू की गई है। मेयो के रेस्पिरेटरी मेडिसिन (छाती रोग विभाग) की हेड डाॅ. राधा मुंजे ने बताया कि आंकड़ों के अनुसार, अब तक कोविड ओपीडी में पांच प्रतिशत मरीजों में फाइब्रोसिस की समस्याएं आ रही हैं। इसमें से कुछ जल्द ठीक भी हो रहे हैं। कोरोना वायरस से संक्रमित होने के बाद यह लगातार दूसरे अंगों को भी कमजोर कर देता है। इसमें सबसे ज्यादा परेशानी लंग्स फाइब्रोसिस की परेशानी हो रही है। कोरोना से ठीक होने के बाद फाइब्रोसिस के मरीजों को भी सांस लेने में तकलीफ, चलने फिरने के बाद जल्दी थकान आ रही है। मरीजों का ऑक्सीजन की जरूरत ‘जीरो’ नहीं हो पा रही है। साथ ही एक्सरे करने पर लंग्स में अलग-अलग जगह स्पॉट या पैचेज दिखाई देते हैं। जानकारी के अनुसार अब तक मेयो की पोस्ट कोविड ओपीडी में 225 मरीज आ चुके हैं। इसमें से 5 प्रतिशत मरीजों में फाइब्रोसिस की समस्या हुई है। इन प्रतिशत मरीजों में से भी 3 प्रतिशत मरीजों का फाइब्रोसिस 2 से 3 हफ्तो में ठीक हो रहा है।

शारीरिक क्षमता की अहम भूमिका

इंदिरा गांधी शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय व अस्पताल की रेस्पिरेटरी मेडिसिन (छाती रोग) विभाग की प्रमुख डॉ. राधा मुंजे ने बताया कि जो भी मरीज कोविड पॉजिटिव हुए इलाज के बाद निगेटिव भी हुए। लेकिन फिर भी फाइब्रोसिस उनके शरीर में जल्दी तैयार होने लग गया। यह मरीजों के शरीर पर निर्भर करता है। ऐसे मरीजों की सारी समस्याएं तो दूर हो गईं, लेकिन ऑक्सीजन की जरूरत उन्हें ठीक हाेने के बाद भी पड़ रही है। पोस्ट कोविड ओपीडी में हमारे पास फाइब्रोसिस के 5 प्रतिशत मरीजों में से 3-4 मरीज ऐसे हैं, जिन्हें घर में जाने के बाद भी 2 लीटर ऑक्सीजन की जरूरत पड़ी। उन्हें हमें ऑक्सीजन के साथ ही भेजना पड़ा है। उन्हें हम हर 15 दिन में जांच कराने के लिए कह रहे हैं। सिर्फ ऑक्सीजन के लिए अस्पताल में रखने की जरूरत नहीं थी, अभी घर पर भी ऑक्सीजन देने की सुविधा मिल गई है। जैसे ही किसी को कोविड के लक्षण दिखते हैं तो ज्यादा गंभीर हाेने के पहले या ऑक्सीजन सेचुरेशन कम होने के पहले यदि मरीज अस्पताल जाकर जांच करा लें तो जल्दी इलाज शुरू हो जाता है। इससे फाइब्रोसिस में जटिलता होने की आशंकाएं बहुत कम हो जाती हैं। मरीज घर में इलाज न करें, न ही दूसरी दवाइयां लें। देरी होने के बाद यदि सीटी स्कैन में दिख रहा है कि लंग के बीच के हिस्से, निचले और ऊपरी हिस्से में अगर धब्बे दिखते हैं तो ऐसे मरीजों को फाइब्रोसिस होने की आशंकाएं अधिक हो जाती हैं।

अब सीरो सर्वे से सामने आएगा कोरोना का सच

कोरोना की वास्तविक स्थिति को जानने के लिए दूसरे चरण में सीरो सर्वे किया गया। सर्वे के दौरान शहर और ग्रामीण क्षेत्र में क्रमश:  2000-2000 सैंपल लिए गए हैं। पूरी रिपोर्ट तैयार है। सोमवार को डिवीजनल कमिश्नर संजीव कुमार को इसका प्रेजेंटेशन दिया जाएगा। अगस्त-सितंबर में बड़ी संख्या में संक्रमित मिले थे। संक्रमण की जमीनी हकीकत को जानने के लिए सीरो सर्वे किया गया, लेकिन कुछ तकनीकी खामियों के कारण परिणाम नहीं निकल पाया। उस अवधि के दौरान सामुदायिक संक्रमण की बात सामने आ रही थी और अगस्त-सितंबर  में उसका प्रमाण भी देखा गया। इसके बाद दूसरे चरण में फिर से सीरो सर्वे किया गया। सभी सैंपल शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय व अस्पताल में जांच के लिए भेजे गए थे। अब परिणामों की गूगल शीट तैयार हो चुकी है। सोमवार को डिवीजनल कमिश्नर संजीव कुमार के सामने इसका प्रेजेंटेशन दिया जाएगा। इसमें यह जानकारी भी मिलेगी कि कितने लोगों में कोरोना की एंटीबॉडी तैयार हो गई है। 1400 सैंपल लेने के बाद किट खत्म हो गई थी, जिसके कारण सर्वे रूक गया था। उसे दो-तीन बाद फिर से शुरू किया गया और इस बीच शहर में भी सर्वे शुरू हो गया। चूंकि ग्रामीण से लिए गए कुछ सैंपल की जांच नहीं हो सकती थी, इसलिए फिर से सैंपल लिए गए। 

(विदर्भ की ताजा स्थिति)

भंडारा में 78 मरीज हुए ठीक

भंडारा जिले में रविवार को 78 मरीज ठीक होकर घर गए। अब तक कुल आठ हजार 51 मरीज ठीक हो गए है। वहीं 105 नए कोरोना पॉजिटिव मरीज मिले हैं। वहीं एक मरीज की कोरोना से मौत हो गई। 

चंद्रपुर  में 161 पॉजिटिव

चंद्रपुर जिले में बीते 24 घंटों में कोरोना से एक भी मौत दर्ज नहीं की गई। 161 नए पॉजिटिव मिले हैं। वहीं 173 कोरोनामुक्त होकर अपने घर भी लौट गए है। रविवार को देर शाम जारी मेडिकल बुलेटिन में प्रशासन ने जानकारी दी।

गड़चिरोली में 114 हुए कोरोना मुक्त 

गड़चिरोली में रविवार को एक मरीज की मृत्यु हो गई। वहीं 74 नए पीड़ित पाए गए हैं। वहीं दूसरी ओर 114 संक्रमित कोरोनामुक्त हुए हैं। चामोर्शी तहसील के घारगांव निवासी 36 वर्षिय महिला की मृत्यु हुई है। 

गोंदिया में 95 मरीज स्वस्थ्य

गोंदिया जिले में 95 मरीज स्वस्थ्य होकर अपने-अपने घरों को लौट गए हैं। जबकि 82 नए कोरोना संक्रमित मरीज पाए गए हैं। 

यवतमाल जिले में 81 मरीज ठीक हुए 

यवतमाल जिले में रविवार को कोरोना के 39 नए मामले सामने आए हैं। एक संक्रमित की मौत हुई है। मृतक वणी तहसील का 48 वर्षीय पुरूष है। 

वर्धा में 1 की मौत, 37 नए संक्रमित

वर्धा जिले में 1 कोरोना संक्रमितों की मौत हुई और 37 नए मामले सामने आए हैं। मृतक 82 साल का पुरूष है। रविवार को 41 मरीजों की अस्पताल से छुट्टी दी गई है। 

अमरावती जिले में 22 नए संक्रमित

अमरावती जिले में रविवार को कोरोना संक्रमण के और 22  नए मामले सामने आए हैं। अच्छी बात यह है कि रविवार को स्वस्थ होकर 39  मरीज घर लौटे हैं। स्वस्थ होनेवाले कुल मरीजो की संख्या 15802  हो गई है। 

 


 

Created On :   8 Nov 2020 4:32 PM IST

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