रातों-रात गायब हो गई एनवीसीसी की इमारत, 100 करोड़ की जमीन 6.50 करोड़ में सरेंडर कर दी

NVCC building disappeared overnight, land worth 100 crores surrendered for 6.50 crores
रातों-रात गायब हो गई एनवीसीसी की इमारत, 100 करोड़ की जमीन 6.50 करोड़ में सरेंडर कर दी
नागपुर रातों-रात गायब हो गई एनवीसीसी की इमारत, 100 करोड़ की जमीन 6.50 करोड़ में सरेंडर कर दी

डिजिटल डेस्क, नागपुर। नाग विदर्भ चेंबर ऑफ काॅमर्स का सिविल लाइन्स स्थित वर्षों पुराना ऑफिस एक रात में ही विलुप्त हो गया। दूसरे दिन इस जगह पर बिल्डिंग का मलबा पड़ा था। इस जगह पर अब एक भव्य शॉपिंग मॉल बनने की चर्चा है, जिसका निर्माणकार्य शुरू हो चुका है। चर्चा है कि, एक गोपनीय समझौते के तहत 100 करोड़ की जमीन 6.50 करोड़ में सरेंडर कर दी। सूत्रों के अनुसार इस बीच चेंबर से जुड़े कुछ व्यापारियों ने आरोप लगाया है कि, चेंबर की वर्तमान कार्यकारिणी ने इस जगह को खाली करने का समझाैता बहुत ही सस्ते दाम में कर लिया। वैसे भी यह इमारत पुरातत्व धरोहर के रूप में देखी जाने लगी थी। लगभग 40,000 वर्ग फीट की इस जगह की कीमत 50 करोड़ रुपए के करीब आंकी जा रही है, जो बरसों से चेंबर के कब्जे में चली आ रही थी।

मोहता परिवार ने बेच दी जमीन  

इस जगह पर पहले एमपी चेंबर ऑफ काॅमर्स का कार्यालय था, बाद में इसका नाम नाग विदर्भ चेंबर ऑफ कॉमर्स कर दिया गया। बताया जाता है कि, यह जमीन मोहता परिवार के एक ट्रस्ट एम.पी. मर्चेंट चेंबर ऑफ काॅमर्स लि. के नाम पर थी, पर आम लोगों में यह जगह नाग विदर्भ चेंबर ऑफ कॉमर्स की है, ऐसी मान्यता थी। चेंबर के सूत्रों ने बताया कि, यह जगह उपरोक्त ट्रस्ट ने इनको किराए पर दे रखी थी। मोहता परिवार ने इसे रमेश रांदड़ को बेच दिया।

100 करोड़ का विवाद

मेहाड़िया  का कहना है कि, चेंबर के ऑफिस वाली जगह की कीमत 100 करोड़ रुपए नहीं है। एक प्रॉपर्टी डीलर के अनुसार सिविल लाइन्स में जगह की कीमत 12000 से 15000 रुपए वर्ग फीट है। चेंबर के अध्यक्ष का कहना है कि, कोर्ट ने केवल 1800 फीट  जगह पर चेंबर की टेनन्सी मानी, लेकिन हकीकत देखी जाए, तो वर्षों से लगभग 40 हजार वर्ग फीट की यह पूरी जमीन चेंबर के कब्जे में थी। इस जगह पर चेंबर की ओर से समय-समय पर विविध कार्यक्रम लिए जाते थे, यहां उनकी पार्किंग की भी व्यवस्था थी। बताया जा रहा है कि, चेंबर इस पूरी जमीन का टैक्स भी नागपुर महानगरपालिका को देती थी।

टेनन्सी राइट सरेंडर कर छोड़ा जमीन पर से कब्जा : मेहाड़िया

चेंबर के वर्तमान अध्यक्ष अश्विन मेहाड़िया ने बताया कि, यह जमीन एमपी चेंबर ऑफ काॅमर्स के नाम रजिस्टर्ड थी। जमीन पर कब्जे को लेकर वर्षों से नाग िवदर्भ चेंबर ऑफ काॅमर्स और रमेश रांदड़ के बीच न्यायालय में मामला चल रहा था। इस साल जून माह में नाग विदर्भ चेंबर आॅफ काॅमर्स ने टेनन्सी राइट सरेंडर के माध्यम से इस जमीन पर से कब्जा छोड़ दिया। इसके एवज में चेंबर को सिविल लाइन्स में 4 करोड़ रुपए मूल्य की 2950 वर्ग फीट जगह और 2.5 करोड़ रुपए प्राप्त हुए। मेहाड़िया ने बताया कि, इस जमीन की कीमत 100 करोड़ रुपए होने के आरोप निराधार हैं। कोर्ट ने 1800 वर्ग फीट जगह पर एनवीसीसी की टेनन्सी मानी और इस जगह की रेडीरेकनर दर 25-30 करोड़ रुपए मानी। हमने यह सौदा सभी को विश्वास में लेकर किया। जल्द ही नई जगह पर चेंबर के भवन का निर्माणकार्य भी शुरू हाे जाएगा।

Created On :   23 Nov 2021 4:58 PM IST

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