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राशन दुकानों से मांसाहार की बिक्री पर जैन राजनीतिक चेतना मंच को आपत्ति
डिजिटल डेस्क, नागपुर। नीति आयोग ने 15 वर्ष के लिए विजन डाक्यूमेंट 2035 जारी किया है। पब्लिक डिस्ट्रीब्यूशन सिस्टम के फूड आइटम में राशन दुकानों से मांसाहार की बिक्री की अनुमति दी गई है। 1 अप्रैल से इसे लागू किया गया है। नीति आयोग के इस निर्णय का जैन राजनीतिक चेतना मंच ने तीव्र विरोध किया है। फूड आइटम की सूची से राशन दुकानों में मांसाहार की बिक्री पर रोक लगाने की मांग की है।
जैन राजनीतिक चेतना मंच की विदर्भ अध्यक्ष डॉ. रिचा जैन ने बताया कि भारत सरकार का थिंक टैंक कहे जाने वाला नीति आयोग खाद्यान्न में प्रोटीन की मात्रा बढ़ाने के लिए एक प्रस्ताव पर काम कर रहा है। इस प्रस्ताव में प्रोटीन की आपूर्ति को बढ़ाने के लिए राशन दुकानों में अंडा, चीकन, मटन, मछली की बिक्री की अनुमति पर विचार कर रहा है। पोषण के मामले में देश की रैंकिंग सुधारने के लिए सस्ते दाम में मांसाहारी उत्पादन राशन दुकानों से उपलब्ध कराने की योजना बना रहा है। इस 15 वर्षीय योजना को विजन डाक्यूमेंट 2035 नाम दिया गया है।
इस लिए लाया जा रहा प्रस्ताव
नीति आयोग के शीर्ष अधिकारियों के अनुसार राशन दुकानों में गेहूं, चावल, जौन, चना, दला, मोटे अनाज, शक्कर आदि खाद्यान्न का वितरण किया जाता है। इन खाद्यान्नों में प्रोटीन की पर्याप्त मात्रा नहीं मिलती। अत: राशन दुकानों में मांसाहार को खाद्यान्न में शामिल करने पर विचार किया जा रहा है। राशन दुकानों में मांसाहार उपलब्ध कराने से सरकार की तिजोरी पर 1.84 लाख करोड़ रुपए का अतिरिक्त बोझ पड़ने का अनुमान है।
जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंप जताया विरोध
राशन दुकानों में मांसाहार बिक्री के नीति आयोग के प्रस्ताव का जैन राजनैतिक चेतना मंच ने तीव्र विरोध किया है। जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपकर नीति आयोग से सभी धर्म की भावना की कद्र करते हुए राशन दुकानों में मांसाहार की बिक्री पर रोक लगाने की मांग की है। डॉ. रिचा जैन के नेतृत्व में जिलाधिकारी को मिलने गए प्रतिनिधिमंडल में विदर्भ महामंत्री रोहतभाई शाह, प्रदेश प्रमुख सुमतलल्ला जैन, उपाध्यक्ष मुन्ना जैन शामिल रहे।
Created On :   4 May 2020 4:01 PM IST