OMG : फुटाला लेक से हो गया दो फीट पानी गायब

OMG: Two feet of water disappeared from Futala Lake
OMG : फुटाला लेक से हो गया दो फीट पानी गायब
OMG : फुटाला लेक से हो गया दो फीट पानी गायब

डिजिटल डेस्क, नागपुर। पर्यटन और सौंदर्यीकरण के लिए महत्वपूर्ण शहर का ऐतिहासिक फुटाला तालाब से 2 फीट पानी गायब हो गया। निशान तालाब की दीवारों पर साफ दिखाई दे रहा है। दीवारें ऊपर में 2 फीट तक गीली हैं। पानी अभी और खिसकता जा रहा है। जानकार भी हैरान हैं। कोई पुख्ता कारण सामने नहीं आया। इस तालाब की जिम्मेदारी पंजाबराव देशमुख कृषि विद्यापीठ के पास है। कारणों की विस्तार से खोज जारी है। 

इसलिए गहराई आशंका

पिछले कुछ सालों से नासुप्र द्वारा फुटाला तालाब परिसर का रख-रखाव किया जा रहा है। हालांकि फुटाला तालाब पंजाबराव देशमुख कृषि विद्यापीठ (पीकेवी) के अधिकार क्षेत्र में है। कुछ साल पहले तक पीकेवी महाराजबाग तक फुटाला से पानी लाती थी। उपयोग कृषि विद्यापीठ के खेतों में किया जाता था। गत कुछ वर्षों में इसके पानी का इस्तेमाल पीकेवी ने बंद कर दिया। इसका कारण फुटाला तालाब में पीकेवी का वॉल्व जाम होना है। कई प्रयास के बाद भी वह नहीं खुला। ऐसे में फुटाला का पानी कहीं और जाने का सवाल नहीं उठता। इसलिए आशंकाएं व्यक्त की जा रही हैं।  

फुटाला तालाब से पानी कम होने के पीछे वाष्पीकरण को माना जा सकता है, लेकिन गीली दीवारें इसे नकार रही हैं, क्योंकि वाष्पीकरण क्षण भर में होने वाली घटना नहीं।  

मगर... इस साल बारिश भी पर्याप्त हुई है, धूप भी इतनी तेज नहीं है कि तेजी से वाष्पीकरण हो। इस कारण कोई ठोस निष्कर्ष पर पहुंचना आसान नहीं अभी।

करीब एक साल से परिसर में मेट्रो द्वारा म्यूजिकल फाउंटेन और गैलरी का काम शुरू किया गया है। आशंका है कि काम के दौरान तालाब की दीवारों में दरार पड़ गई हो, जिससे पानी लीकेज हो रहा हो। लेकिन तालाब के सामने यानी ढलान पर पीकेवी की जगह है और ओवरफ्लो नाला भी है। ओवरफ्लो नाला पूरी तरह सूखा है। सामने पीकेवी की जगह पर जरूर कुछ गीलापन नजर आ रहा है। 

मगर...  इसका कोई पुख्ता कारण सामने नजर नहीं आ रहा है कि गीलापन पानी लीकेज की वजह से है।

एक अन्य चर्चा यह भी है कि तालाब की चारों तरफ की दीवारें कई जगह से टूट गईं हैं। दीवार से काले पत्थर तालाब में गिरकर बड़े गड्ढेे तैयार हो  गए हैं। ऐसे में पानी उन गड्ढे व दरारों के माध्यम से बाहर निकल रहा हो। 

मगर...  इतने बड़े पैमाने पर पानी बोगदों से निकलने की आशंका कम ही है।
मिट्टी सोख सकती है पानी 

मो. इसराइल, तालाब व नदी योजना के एक्सपर्ट के मुताबिक फुटाला से दो फीट पानी गायबअगर तालाब में मिट्टी और निर्माल्य बड़े पैमाने पर जमा हुआ है तो वह पानी को सोख सकती है। हालांकि इस पर अभी स्पष्ट कहना मुश्किल है। 


सीवरेज से जुड़ने की आशंका अधिक 

डॉ. जयशंकर पांडे, पूर्व मुख्य वैज्ञानिक, नीरी का कहना है कि इसकी संभावना अधिक है कि तालाब से लगकर कोई सीवरेज लाइन हो। वह कहीं से लीकेज हो गई हो और तालाब का पानी उससे जुड़ गया है। ऐसे में तेजी से पानी घट सकता है। दूसरी संभावना यह भी है कि तालाब में कुएं हों। कुएं के जरिये भी पानी कम हो सकता है। इस पर विस्तार से निरीक्षण करने की जरूरत है। 


हम कारणों का विस्तार से पता लगा रहे हैं

डॉ. डी.एम. पंचभाई, सहयोगी अधिष्ठाता, पीकेवी का कहना है कि पिछले कई सालों से तालाब परिसर में स्थित पीकेवी का वॉल्व बंद है। पहले महाराजबाग तक पानी लाया जाता था, लेकिन अब पानी नहीं लिया जा रहा है। इस साल बारिश भी अच्छी हुई है। अचानक जलस्तर घटने का कोई पुख्ता कारण पता नहीं। अचानक तालाब का जलस्तर 2 फीट कैसे घट गया, हम इसके कारणों की तलाश विस्तार से कर रहे हैं।

 

इस ऐतिहासिक तालाब की शहर में गहरी जड़े हैं। फुटाला तालाब, तेलंगखेड़ी और गांधीसागर तालाब के बीच भूमिगत प्रवाह है। यह एक-दूसरे से जुड़े हैं। बताया जाता है कि फुटाला का पानी तेलंगखेड़ी और गांधीसागर तालाब तक जाता है। इसका उल्लेख खुद सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश शरद बोबड़े ने नागपुर में किया था। जनवरी 2020 में मनपा ने श्री बोबड़े का सत्कार किया था। इस दौरान शरद बोबड़े ने कहा था कि नागपुर का फुटाला-तेलंगखेड़ी-गांधीसागर तालाब का भूमिगत प्रवाह है। यह एक-दूसरे से जुड़े हैं, इसे फिर से पुनर्जीवित किया जाए, तो यह नागपुर को पर्याप्त पानी दे सकता है। सीजेआई ने मनपा से कहा था कि यह मेरी विनती है कि नागपुर का पुराना वैभव लौटाएं। हालांकि यह और बात है कि मनपा ने आज तक इस दिशा में कोई काम नहीं किया है।
 

Created On :   8 Feb 2021 5:18 PM IST

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