मातृशक्ति एक बार ठान ले तो कुछ भी कर सकती है - एड. अरोरा

Once the mother power is determined, it can do anything: Ed. aurora
मातृशक्ति एक बार ठान ले तो कुछ भी कर सकती है - एड. अरोरा
नागपुर मातृशक्ति एक बार ठान ले तो कुछ भी कर सकती है - एड. अरोरा

डिजिटल डेस्क, नागपुर. मातृशक्ति एक बार ठान ले तो कुछ भी कर सकती है। कई उदाहरण हैं। रानी लक्ष्मीबाई के एक हाथ में घोड़े की लगाम है, जो हमें परिस्थति नियंत्रण की शिक्षा देती है। दूसरी हाथ में तलवार हमें रक्षा की पद्धति बता रही है और पीठ पर बच्चे को लिए हुए हैं, जो परिवार को साथ लेकर चलने की पाठ पढ़ा रही है। उक्त विचार उच्चतम न्यायालय की अधिवक्ता एड. मोनिका अरोरा ने व्यक्त किए। वे भारतीय शिक्षण मंडल, युवा आयाम  विदर्भ प्रांत द्वारा महाविद्यालयीन युवतियों हेतु "तेजस्विनी" वेबिनार का आयोजन के अवसर पर बतौर मुख्य वक्ता बोल रही थीं।  कार्यक्रम का आयोजन भारतीय शिक्षण मंडल  युवा आयाम विदर्भ प्रांत के तत्ववाधान में किया गया। 

दक्षिण के देशों में न्यूक्लियर फैमिली होती है
कार्यक्रम में प्रथम सत्र की मुख्य वक्ता सांची बौद्ध भारतीय ज्ञान अध्ययन विश्वविद्यालय कुलपति डॉ. नीरजा गुप्ता ने कहा कि जब बात मातृशक्ति अर्थात किसी महिला, युवती या बच्ची की आती है, तो हम दुनिया की आधी आबादी की बात कर रहे होते हैं। इसलिए किसी महिला, युवती या बच्ची के मन में अकेलेपन का विचार नहीं आना चाहिए। उन्होंने कहा कि दक्षिणी देशों को देखकर नौकरी और शिक्षा होना ही उत्कृष्ट माना जाता है। यह भूल जाते हैं दक्षिण के देशों में न्यूक्लियर फैमिली होती हैं। बच्चे 12 से 16 की उम्र में ही घर से चले जाते हैं। बुजुर्ग वृद्धाश्रम में रहते हैं, जबकि यह सारी जिम्मेदारी हमारे यहां महिलाएं उठती हैं, इसलिए भारत को आत्मनिर्भर बनाने में माता-बहनों का बड़ा योगदान है। कार्यक्रम में प्रमुख रूप से भारतीय शिक्षण मंडल के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ. सत्यवान मेश्राम, अखिल भारतीय युवा आयाम प्रमुख डाॅ. नीता वाजपेयी, विदर्भ प्रांत उध्यक्ष डॉ. गो.नि.हड़प, प्रांतमंत्री डॉ. नारायण मेहरे, प्रांत युवा आयाम प्रमुख अंकित कलकोटवार आदि उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन डॉ. सुजाता गोडबोले एवं रश्मि सूर्यवंशी ने किया।
 

Created On :   6 March 2022 12:54 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story