सरपंच के चाचा और रोजगार सहायक के भाई को डेढ़-डेढ़ करोड़ भुगतान

One and a half crores paid to Sarpanchs uncle and employment assistants brother
 सरपंच के चाचा और रोजगार सहायक के भाई को डेढ़-डेढ़ करोड़ भुगतान
 सरपंच के चाचा और रोजगार सहायक के भाई को डेढ़-डेढ़ करोड़ भुगतान

सेल्स टैक्स की टीम ने मचौरा और नगरी गांव में खंगाले दस्तावेज
डिजिटल डेस्क टीकमगढ़ ।
जतारा जनपद पंचायत से एक सरपंच के चाचा और रोजगार सहायक के भाई को वेंडर बनाकर डेढ़-डेढ़ करोड़ का भुगतान किया गया है। सोमवार को सेल्स टैक्स विभाग की टीम ने मचौरा और नगरी गांव में इनके निवास पर छापामार कार्रवाई की। बकाया टैक्स का आकलन किया जा रहा है।
ग्रामीण क्षेत्र में विकास के लिए मनरेगा सहित तमाम योजना के तहत निर्माण कार्यों में अपने-अपनों को वेंडर बनाकर बिल्डिंग मटेरियल सप्लाई के एवज में करोड़ों रुपए की भुगतान कराने की कडिय़ां एक के बाद एक सामने आ रही हैं। बेरोकटोक भुगतान को लेकर अधिकारियों की भूमिका भी संदिग्ध है। चार दिन से सेल्स टैक्स विभाग की टीम द्वारा लगातार की जा रही कार्रवाई मिलीभगत के मामले उजागर हो रहे हैं। सोमवार को टीम ने जतारा जनपद पंचायत क्षेत्र के मचौरा और नगरी गांव में 
छापामार कार्रवाई की। टीम में इंस्पेक्टर विक्रम जैन, कल्याण सिंह यादव एसटीओ, अभिषेक मिश्रा टीए, यशा सिरोठिया, राहुल श्रीवास्तव, महेंद्र यादव और शिवम् तिवारी शामिल थे। सेल्स टैक्स इंस्पेक्टर विक्रम जैन ने बताया कि जनपद पंचायत जतारा से गंगोत्री इंटरप्राइजेज को निर्माण सामग्री के एवज में 1.51 करोड़ रुपए का भुगतान किया गया है। फर्म सत्यप्रकाश व्यास की है, जिनका भतीजा गांधीनगर सरपंच रहा है। इसी तरह टीम ने पहाड़ी खुर्द के पास नगरी गांव में केके तिवारी एंड संस मटेरियल सप्लायर पर जांच की। फर्म संचालक का नाम कमलेश कुमार तिवारी हैं और वह रोजगार सहायक के भाई हैं। 
इनके वेंडर अकाउंट पर निर्माण सामग्री के एवज में जतारा जनपद पंचायत द्वारा करीब डेढ़ करोड़ का भुगतान किया गया। दोनों ही फर्मों ने डेढ़-डेढ़ करोड़ का भुगतान रिटर्न में प्रदर्शित नहीं किया। सेल्स टैक्स विभाग की टीम ने दोनों का 
रिकॉर्ड खंगाला।
 

Created On :   29 Dec 2020 11:52 AM GMT

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