गर्मी और तूफान के बीच हुई डेढ़ हजार चमगादड़ों की मौत

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गर्मी और तूफान के बीच हुई डेढ़ हजार चमगादड़ों की मौत

 -माड़ा के पडऱी खूंटाटोला में चमगादड़ों की रहस्यमयी मौत के मामले में कलेक्टर ने दिये जांच के आदेश, बीमारी की आशंका के चलते खून की कराई सैम्पलिंग
डिजिटल डेस्क सिंगरौली (वैढऩ)
। जिले में पिछले दो दिन जारी गर्मी के भीषण प्रकोप और आंधी-तूफान के बीच डेढ़ हजार चमगादड़ों की रहस्यमयी मौत का मामला सामने आया है। माड़ा के पडऱी खूंटाटोला में बड़ी तादात में चमगादड़ों की मौत पर कलेक्टर ने पूरे मामले की जांच के आदेश दिये हैं। कलेक्टर के आदेश पर एसडीएम रवि मालवीय ने मृत पाये गये चमगादड़ों की खून की सैम्पलिंग कराई है। शुुक्रवार की सुबह चमगादड़ों की मौत के बाद क्षेत्र में बदबू फैलने से लोग दहशत में आ गये। एसडीएम ने बताया कि चमगादड़ों के शवों को एकत्रित कराकर उन्हें दफन करवा दिया है। उन्होंने बताया कि फॉरेस्ट, वेटनरी और राजस्व की टीम द्वारा दुर्गंध को रोकने के लिये ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव भी मौके पर कराया गया है। चमगादड़ों की मौत से हरकत में आये प्रशासन ने पूरे मामले की एसडीएम से 24 घंटे के अंदर विस्तृत रिपोर्ट तलब की है। इसके साथ ही चमगादड़ों की मौत को लेकर अधिकारियों द्वारा कई प्रकार की आशंका जताई जा रही हंै। ऐसे में सैम्पल की लैब से जांच रिपोर्ट के सामने आने के बाद ही चमगादड़ों की मौत के कारणों का खुलासा होगा।
हीट स्ट्रोक से मौत का अंदेशा
एसडीएम ने जिले में हीट स्ट्रोक के कारण चमगादड़ों की मौत का अंदेशा जताया है। उन्होंने बताया कि चमगादड़ों की प्रजाति के लोकल होने से बीमारी की संभावना बेहद कम है। जानकारों के कहना है पडऱी टोला के खूटांटोला में स्थिति आम के दरख्तों में चमगादड़ों का कई सालों से बसेरा है। हीट स्टोक के चलते संभवत: चमगादड़ों की मौत हो गई है। एसडीएम ने बताया कि मौत के बाद आंधी और तूफान से चमगादड़ों के शव पेड़ से गिरकर नीचे आ गये हंै। उन्होंने बताया कि जिले के मौसम में लगातार बदलाव होने के कारण चमगादड़ों की मौत होने की प्रबल संभावना है।
अभी और बढ़ सकता है मौतों का आंकड़ा
घटनास्थल का मुआयना करते हुये एसडीएम ने बताया कि चमगादड़ों की मौत का अभी और आंकड़ा बढ़ सकता है। उन्होंने गर्मी और पानी की कमी के चलते भी इनकी मौत होने की आशंका जताई है। एसडीएम ने बताया कि मौत के बाद अभी चमगादड़ों के शव आम के पेड़ में लटके हुये हंै। जबकि कुछ के शव घोसलों में फंसे हुये हंै। ऐसे रात में हवा के चलते चमगादड़ों के और शव पेड़ों से नीचे गिर सकते हंै। इसके चलते चमगादड़ों की मौत की आंकड़ा अभी और बढ़ सकता है। हालांकि इतनी बड़ी संख्या में चमगादड़ों की मौत के बाद प्रशासन हर पहलू की बारीकी से जांच में जुट गया है।
जांच के लिये भोपाल भेजे गये नमूने
चमगादड़ों की मौत के कारणों का पता लगाने के लिये वेटनरी की टीम ने खून के 5 अलग-अलग नमूने लिये हैं। बताया जाता है कि चमगादड़ों के खून के इन नमूनों से इनमें बीमारी समेत मौत के अन्य कारणों का पता लगाया जायेगा। पशु चिकित्सक की प्रारंभिक रिपोर्ट के आधार पर फिलहाल प्रचंड गर्मी के प्रकोप को अहम कारण बताया जा रहा है। कलेक्टर ने बताया कि वेटनरी प्रयोगशाला से रिपोर्ट आने के बाद ही चमगादड़ों के मौत की स्थिति साफ  हो पायेगी। हालांकि रिपोर्ट आने में कितना समय लगेगा, अधिकारी अभी स्पष्ट नहीं कर पाये हैं।
10 हजार चमगादड़ों का बसेरा
जिले में माड़ा के पडऱी टोला में कई साल पुराने आम के 12 दरख्तों में करीब 10 हजार चमगादड़ों का बसेरा होने का प्रशासन द्वारा दावा किया जा रहा है। बताया जाता है कि यहां पर स्थानीय प्रजाति के चमगादड़ कई सालों से आम के पेड़ पर घोसला बनाकर रहते हंै। एसडीएम ने बताया कि दिन में चमगादड़ों को कम दिखाई देने के कारण उन्हें पानी का स्त्रोत नहीं मिल पाया होगा। इस पूरे क्षेत्र में जलाशयों की कमी बताई जा रही है।
इनका कहना है
जिले गर्मी का तेजी से प्रकोप बढऩे के कारण चमगादड़ों की मौत के आसार सबसे अधिक हैं। चमगादड़ों की मौत का कारण पता लगाये जाने के लिये सैम्पल भोपाल भेजे गये हंै। इनमें बीमारी जैसी स्थिति की आशंका बेहद कम है।
-केवीएस चौधरी, कलेक्टर
 

Created On :   30 May 2020 6:48 PM IST

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