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बिना अध्यात्म सुख नहीं मिल सकता, अच्छा कार्य कर जीवन को सफल बनाएं : सुवीरसागर
डिजिटल डेस्क, नागपुर। बिना अध्यात्म के सुख नहीं मिल सकता है। यह उद्गार आचार्य सुवीरसागर ने अपने प्रवचन में श्री महावीर दिगंबर जैन मंदिर, महावीरनगर में व्यक्त किए। जीवन अनमोल होता है। इस जीवन में अच्छे कार्य करते हुए जीवन को सफल बनाओ। जीवन में हर गलती कर लेना, लेकिन छल, कपट व दगाबाजी नहीं करना। किसी का बुरा हो या न हो परंतु खोदे गये गर्त में खुद को पहले गिरना पड़ता है। कोई आपके पाप नहीं देख रहा ऐसा मत सोचना क्योंकि खुद और खुदा आपके पास सदा रहते हैं। किसी के साथ दगा करने से भला नहीं हो सकता। दगाबाजी आपको ही परेशानी में डाल देती है।
दुनिया में पैसा सब कुछ नहीं होता है, प्यार सब कुछ है। पैसे के कारण प्यार कम नहीं होना चाहिए। पैसा साथ नहीं देता, प्रेम आदमी के साथ होता है। धोखा देने वाले पर दुनिया विश्वास नहीं करती। ध्यान रखना दिल में आने के लिए तो जगह होती है, परंतु जाने की कोई जगह नहीं होती। जीवन में झगड़ा कर लेना, मनमुटाव हो तो कोई बात नहीं, परंतु किसी के साथ छल-कपट मत करना। दगाबाजी बहुत बुरी होती है। नतीजा आने पर बहुत दर्द सहन करना पड़ता है। आज के स्वार्थ के खातिर भविष्य का बिगाड़ मत कर लेना। इंसान की पहचान ईमान से होती है। बिना अध्यात्म के सुख नहीं मिल सकता है। इस अवसर पर प्रमुखता से चातुर्मास कमेटी के अध्यक्ष पवन जैन कान्हीवाड़ा, कार्याध्यक्ष सतीश जैन पेंढारी, महामंत्री पंकज बोहरा, मंत्री जय मामू, कोषाध्यक्ष चंद्रकुमार चौधरी, प्रचार प्रसार मंत्री हीराचंद मिश्रीकोटकर, धनराज दोशी, कस्तूरचंद भायजी, अरुण श्रावणे, सरोज मिश्रीकोटकर, प्रतिभा जैन, सुधा चौधरी, शिल्पा श्रावणे उपस्थित थे।
कार्तिक पूर्णिमा व कार्तिक स्वामी दर्शन योग
कार्तिक पूर्णिमा योग शाम 6.01 मिनट से प्रारंभ होकर मंगलवार शाम 7.03 मिनट तक है। कार्तिक नक्षत्र मंगलवार को रात 8.45 मिनट से बुधवार रात्रि 10.35 बजे तक रहेगा। महास्वामी कार्तिकेय का जन्म 6 कृतिकाओं के योग में हुआ था। कार्तिकयोग में दर्शन लेना पुण्यकारक होता है। सीताबर्डी में पुरातन गणेश कार्तिक मंदिर स्थित है। एड. विजय मुदलियार ने मंदिर के दर्शन करने की अपील की है।
Created On :   11 Nov 2019 11:44 AM IST