एक तो खाने के पड़ रहे लाले....दूसरे ऑटो की किश्त जमा करने  फाइनेंस कंपनियाँ कर रहीं परेशान

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एक तो खाने के पड़ रहे लाले....दूसरे ऑटो की किश्त जमा करने  फाइनेंस कंपनियाँ कर रहीं परेशान

डिजिटल डेस्क जबलपुर । लॉकडाउन में परिवहन सेवा पूरी तरह से बंद है। इसमें सबसे बड़ी समस्या रोज कमाने खाने वाले ऑटो चालकों को उठानी पड़ रही है। शहर के ऑटो चालकों ने बताया कि जैसे-तैसे पहला लॉकडाउन तो कट गया, लेकिन  दूसरा खासा दिक्कत दे रहा है। शहर में वैध-अवैध मिलाते हुए 14 हजार से अधिक ऑटो संचालित हो रहे हैं। इन सभी के परिवारों के सामने जीवन-यापन का संकट निर्मित हो गया है। वहीं अधिकांश ऑटो फाइनेंस पर हैं, उनकी किश्त जमा करने फाइनेंस कंपनियाँ रोजाना परेशान कर रही हैं। किश्त के साथ ब्याज भी जमा करने बोल रहे हैं। सभी ने जिला प्रशासन से राहत की गुहार लगाई है। 
किश्तों के लिए ट्रक व्यवसायी भी परेशान 
भाईचारा ऑल इंडिया ट्रक ऑपरेटर वेलफेयर एसोसिएशन  के प्रदेश अध्यक्ष नरिंदर सिंह पांधे ने  बताया कि वर्तमान परिस्थितियों में गाडिय़ों की किश्तें भरना असंभव है और लगभग 95त्न लोगों की किश्तें ईसीएस से  भुगतान की जाती हैं और बैंक किश्त जमा करने दबाव बना रहे हैं।  एसोसिएशन ने केंद्र व प्रदेश सरकार से राहत की माँग की है।  आरबीआई द्वारा घोषित की गई राहत अवधि तीन माह तक कर्जदारों के खाते से किश्त के भुगतान हेतु ईसीएस या चैक को प्रस्तुत न किया जाए। आपदा खत्म होने के बाद लॉकडाउन अवधि का ब्याज भी न लिया जाए।
 

Created On :   18 April 2020 2:45 PM IST

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