अनुदान के लिए अपात्र पाए गए स्कूलों को एक महीने का मौका, स्कूली शिक्षामंत्री ने विधानपरिषद में दी जानकारी  

One months opportunity to those Schools found ineligible for grant
अनुदान के लिए अपात्र पाए गए स्कूलों को एक महीने का मौका, स्कूली शिक्षामंत्री ने विधानपरिषद में दी जानकारी  
अनुदान के लिए अपात्र पाए गए स्कूलों को एक महीने का मौका, स्कूली शिक्षामंत्री ने विधानपरिषद में दी जानकारी  

डिजिटल डेस्क, मुंबई। प्रदेश में 20 प्रतिशत से बढ़ाकर 40 प्रतिशत अनुदान के लिए अपात्र पाए गए स्कूलों को त्रुटियां दूर करने के लिए एक महीने का समय दिया गया है। राज्य की स्कूली शिक्षा मंत्री वर्षा गायकवाड ने यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि स्कूलों को अनुदान बढ़ाने के लिए शिक्षा विभाग ने जांच की थी। इसमें कुछ स्कूलों में त्रुटियां पाई गई हैं। इससे इन स्कूलों को अनुदान बढ़ोतरी की सूची में शामिल नहीं किया है। लेकिन स्कूलों की खामियां को दूर करने के लिए एक महीने का समय दिया गया है। इसके लिए शिक्षा विभाग की समिति को जिला स्तर पर जाने को निर्देश दिए गए हैं। मंगलवार को सदन में अल्पकालीन चर्चा के जरिए राकांपा सदस्य विक्रम काले ने यह मुद्दा उठाया था। गायकवाड ने स्कूलों को 20 प्रतिशत और 40 प्रतिशत अनुदान शुरू करने के लिए 31 मार्च तक शासनादेश जारी किया जाएगा। इसके लिए पूरक मांगों के प्रस्ताव में निधि का प्रावधान भी किया गया है। 

गन्ना कटाई मजदूरों को तीन माह में बीमा लाभ 

प्रदेश के सामाजिक न्याय मंत्री धनंजय मुंडे ने कहा कि गन्ना कटाई करने वाले मजदूरों का पंजीयन, बीमा सुरक्षा और अन्य योजना लागू करने की कार्यवाही तीन महीने में पूरी कर ली जाएगी। मंगलवार को सदन में अल्पकालीन चर्चा के माध्यम से भाजपा सदस्य सुरेश धस ने गन्ना मजदूरों की विभिन्न समस्याओं को लेकर सरकार से सवाल उठाए थे। इस पर मुंडे ने कहा कि बजट में चीनी मिलों को गन्ने की पेराई पर प्रतिटन 10 रुपए अधिभार लागू किया जाएगा। इससे जमा होने वाली राशि के अनुपात में राज्य सरकार निधि उपलब्ध कराएगी। यह निधि गोपीनाथ मुंडे गन्ना कटाई मजदूर कल्याण महामंडल को दी जाएगी। इस महामंडल के माध्यम से विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं को लागू किया जाएगा। मुंडे ने कहा कि महामंडल की ओर से गन्ना मजदूर बहुल छह विधानसभा क्षेत्रों में संत भगवानबाबा के नाम पर आवासी स्कूल बनाए जाएंगे। इन स्कूलों में गन्ना मजदूरों के बच्चे पढ़ सकेंगे। 
 

Created On :   9 March 2021 9:03 PM IST

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