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एक नोटबुक, एक पेन अभियान से हजारों बच्चों की शिक्षा को मिलेगा सहारा
डिजिटल डेस्क, मुंबई, अमित कुमार। भारतरत्न डा. बाबासाहेब आंबेडकर के महापरिनिर्वाण दिवस के मौके पर राज्य में चलाया जाने वाला "एक नोटबुक, एक पेन अभियान" अब कारगर साबित होने लगा है। इस अभियान के माध्यम से जुटाए गए नोटबुक और पेन को जरूरमंद बच्चों को बांटा जाता है। महापरिनिर्वाण दिवस के मौके पर हर साल राज्य में फेस ऑफ आंबेडकराईट मूवमेंट (फैम) संस्था की तरफ से यह अभियान चलाया जाता है। जिसके तहत प्रति वर्ष लगभग 10 हजार से अधिक नोटबुक और पेन को जुटाया जाता है। इन किताबों वे पेन को बाद में फैम संस्था के जरिए सावित्रीबाई फुले जयंती के दिन 3 जनवरी को जरूरतमंद स्कूली बच्चों को वितरित कर दिया जाता है। इस बार महापरिनिर्वाण दिवस पर मंगलवार को फैम संस्था की ओर से मुंबई के छत्रपति शिवाजी पार्क मैदान,
औरंगाबाद, अहमदनगर नांदेड़, परभणी, लातूर, वर्धा सहित अन्य जिलों में नोटबुक और पेन जुटाने के लिए स्टॉल लगाया जाएगा। फैम संस्था के सदस्य दत्ता जावले ने "दैनिक भास्कर" से बातचीत में कहा कि हम लोग आंबेडकर के अनुयायियों को एक नोटबुक और एक पेन दान करके अनूठे तरीके से श्रद्धांजलि देने के लिए प्रेरित करते हैं। इस अभियान के तहत अब काफी लोग नोट बुक और पेन दान करते हैं। पिछले साल कोरोना संकट था। लेकिन सोशल मीडिया पर उपलब्ध मोबाइल नंबर के जरिए हमने लोगों से संपर्क किया। कोरोना के बावजूद बीते वर्ष दो हजार नोटबुक और पेन लोगों ने दान किया था। इस साल कोरोना का खतरा नहीं है। इसलिए हमें उम्मीद है कि बड़ी संख्या में लोग नोटबुक और पेन दान करेंगे।
आदिवासी बच्चों को बांटी जाती है दान में मिली लेखन सामग्री
जावले ने कहा कि कोरोना से पहले हमें मुंबई में हर साल 6 से 7 हजार नोटबुक और पेन दान में मिली थी। जबकि राज्य के दूसरे शहरों में 3 से 4 हजार नोटबुक और पेन जुटता था। जिसको गोरेगांव के आरे कालोनी के आदिवासी इलाक और ठाणे के जिला परिषद के सुदूर इलाकों में रहने वाले विद्यार्थियों को बांट दिया जाता है।जावले ने बताया कि हमने साल 2016 में "एक नोटबुक, एक पेन अभियान" की शुरुआत मुंबई से की थी। यह अभियान अब राज्य के कई जिलों में पहुंच गया है।
Created On :   5 Dec 2022 9:03 PM IST