भटककर  बरगी के जंगल पहुंचे दो में से एक हाँथी की मौत , दूसरे का पता नहीं चल रहा

One of the two wanders reached the forest of Bargi wandering, the other is not known
भटककर  बरगी के जंगल पहुंचे दो में से एक हाँथी की मौत , दूसरे का पता नहीं चल रहा
भटककर  बरगी के जंगल पहुंचे दो में से एक हाँथी की मौत , दूसरे का पता नहीं चल रहा

डिजिटल डेस्क जबलपुर । मंडला के जंगल से भटक कर बरगी सुकाी के जबलपुर जंगल पहुंचे दो हाथियों में एक की शुक्रवार सुबह  मोहास में कैनाल के पास मौत हो गई जबकि  दूसरे हाथी का भी पता नहीं चल रहा है। इस जंगली हाथी की मौत की खबर मिलते ही डीएफओ सहित वन अमला मौके पर पहुंच गया जहां हाथी की मौत के कारणों का पता लगाने का प्रयास किया गया । यह खबर पूरे क्षेत्र में आग की तरह फैल गई और हजारों की संख्या में ग्रामीण मौके पर पहुंचने लगे हैं। बरगी पुलिस ग्रामीणों को दूर रखने के प्रयास में जुटी है। हाथी के शरीर पर कहीं कोई चोट के निशान नहीं मिले हैं। वेटरनरी के चिकित्सकों से हाथी का पीएम कराया जा रहा है इसके बाद ही मौत के कारणों का पता चलेगा।  गौरतलब है कि ओडिशा से अप्रैल में 20 हाथियों का झुंड भटक कर कान्हा पहुंचा था यहां से इनका  सितंबर में पलायन सिवनी और दसके बाद  मंडला के जंगलों की ओर हुआ। दो महीने तक वे मंडला के जंगल में भटकते रहे। यहीं से ये नर्मदा के किनाने किनारे  जबलपुर की ओर बढ़ गए। डीएफओ अंजना सुचिता तिर्की के मुताबिक ओडिशा, झारखंड, छत्तीसगढ़ के जंगल में ही हाथी दिखते थे। वहां से वे निकल कर आबादी क्षेत्र में पहुंच जाते थे। पहली बार ये हो रहा है कि उनका पलायन एमपी की ओर हुआ है। माना जा रहा है कि इन राज्यों में बढ़ते खनन से जंगलों का दायरा सिमट रहा है। इस कारण हाथी नए रहवास की खोज में पलायन करने पर विवश हुए हैं।
 

Created On :   27 Nov 2020 10:09 AM GMT

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