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जिसके कर्म अच्छे होते हैं , उसका कोई बिगाड़ नहीं सकता : सुवीरसागर
डिजिटल डेस्क ,नागपुर। जिसके कर्म अच्छे हैं, उसका कोई कुछ बिगाड़ नहीं सकता। यह उद्गार तपस्वी सम्राट आचार्य सन्मतिसागर के शिष्य आचार्य सुवीरसागर ने श्री महावीर दिगंबर जैन मंदिर, महावीरनगर में प्रवचन में व्यक्त किए। आचार्यश्री ने कहा कि संसारी जीव के पास कर्म चेतना है। जीव शिक्षा और दीक्षा से आत्मा से परमात्मा बन सकता है। स्वस्थ आदमी के नाड़ी की धड़कन 65 से 70 तक होती है। इससे स्वास्थ्य की परीक्षा होती है। कर्म फल चेतना को भोगने वाले संसारी जीव है। अरिहंत भगवान के पास ज्ञान चेतना होती है। गुरु के दर्शन के बाद आनंद होता है। जो कर्म किए हैं उसका फल मिलेगा। किसी को निमंत्रण नहीं मिलने के बावजूद इंद्रध्वज विधान भव्यता से हुआ। चार माह पहले विजय सोईतकर, प्रदीप काटोलकर, गिरिश हनवंते ने विधान की बात कही थी। शांति से विधान हुआ।
24 को आचार्यश्री का 15वां दीक्षा दिवस महोत्सव
24 नवंबर को दोपहर 1 बजे अहिंसा भवन, इतवारी में श्री पार्श्वोदय तीर्थ प्रणेता आचार्य सुवीरसागर का शहर में 15वां दीक्षा दिवस महोत्सव 36 मूलगुणधारी आचार्य श्री सुवीरसागर गुरुदेव को जिनवाणी भेंट की जाएगी। इसके आयोजक आचार्य सुवीरसागर गुरुदेव चातुर्मास समिति-2019 के संयोजक सुवीर संस्कार मंच, गुरुभक्त परिवार तथा निवेदक सकल जैन समाज है। महोत्सव की निमंत्रण पत्रिका का विमोचन विधानाचार्य संजय सरस, चातुर्मास कमेटी के कार्याध्यक्ष सतीश जैन पेंढारी, संयोजक नितीन महाजन, नितीन नखाते, महामंत्री पंकज बोहरा, प्रचार प्रसार मंत्री हीराचंद मिश्रीकोटकर ने किया।
गुरुवार, 14 नवंबर को महावीरनगर स्थित महावीर मंदिर से सुबह 7 बजे सूरज पेंढारी के यहां गृह चैत्यालय, महल की ओर विहार होगा। 8 बजे जिनेंद्र भगवान का अभिषेक, शांतिधारा, 9 बजे आचार्यश्री के मांगलिक प्रवचन होंगे। सान्निध्य आचार्यसंघ का रहेगा। दोपहर 3.30 बजे विधान होगा, 6.30 बजे आरती एवं गुरु भक्ति होगी। 9 बजे वैयावृत्ति होगी। 15 नवंबर को सुबह 7 बजे छापरूनगर की ओर सुनील जैन पेंढारी के यहां गृहचैत्यालय में आगमन होगा। सूरज और सुनील जैन पेंढारी ने उपस्थिति की अपील की है।
Created On :   14 Nov 2019 1:40 PM IST